ेकेंद्र शासित प्रदेश में हुए बदलाव ने उड़ाई दवा कारोबारियों की नींद
जागरण संवाददाता ऊधमपुर केंद्र शासित प्रदेश बनने से जहां ज्यादातर लोग राहत मिलने से खुश न
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : केंद्र शासित प्रदेश बनने से जहां ज्यादातर लोग राहत मिलने से खुश नजर आ रहे हैं, वहीं इस बदलाव ने दवा विक्रेताओं के माथे पर चिता की लकीरें खींच दी हैं। केंद्र शासित प्रदेश बनते ही जम्मू कश्मीर में राज्य फार्मेसी एक्ट समाप्त होने के साथ ही केंद्रीय फार्मेसी एक्ट लागू हो गया है।
यह बात तो साफ है कि नया एक्ट लागू होने के बाद अब केवल फार्मेसी कोर्स करने वालों को दवा की दुकान खोलने का लाइसेंस मिलेगा, मगर यह बात अभी भी स्पष्ट नहीं है। अब तक फार्मेसी में डिग्री या डिप्लोमा करने वालों के अलावा मेडिकल असिस्टेंट का कोर्स करने तथा अनुभव के आधार पर लाइसेंस लेकर दवा की दुकानें चलाने वाले आगे भी दुकानें चला पाएंगे या नहीं, इस बात को लेकर दवा विक्रेताओं में चिता है।
ड्रगिस्ट एंड केमिस्ट एसोसिएशन के मुताबिक ऊधमपुर जिला में आते ऊधमपुर, लाटी, पंचैरी, मोंगरी, रैंबल टिकरी, चोपड़ा शॉप, रामनगर, चिनैनी, डुडु बसंतगढ़, मनवाल, मजालता, क्रिमची सहित पूरे जिले में 450 के करीब दवा की दुकानें हैं। यदि केंद्रीय फार्मेसी एक्ट लागू होने पर पुराने लाइसेंस रद किए गए तो पूरे जिलेभर में महज 100 ही दवा की दुकानें रह जाएंगी। क्योंकि जिले में 10 से 15 फीसद लाइसेंस धारक ही फार्मेसी विशेषज्ञ हैं। यदि पहले से जारी किए लाइसेंस रद होंगे तो फार्मेसी कारोबारी बेरोजगार तो होंगे ही, साथ ही उनकी दुकानों पर काम करने वाले सैकड़ों लोग भी बेरोजगार हो जाएंगे। प्रभावित होगी दवा की आपूर्ति व्यवस्था
केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के मुताबिक दवा बेचने वालों के पुराने लाइसेंस यदि रद हुए तो दवा कारोबारी तो बेरोजगार होंगे ही, साथ ही क्षेत्र में दवा आपूर्ति व्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित होगी। क्योंकि नए एक्ट के लागू होने से 350 के करीब दुकानें बंद हो जाएंगी। शेष रहने वाले 100 लाइसेंस धारकों के लिए पूरे जिले में दवा की आपूर्ति कर पाना मुमकिन नहीं होगा। राज्य फार्मेसी एक्ट खत्म होने के बाद केंद्रीय एक्ट लागू होने की जानकारी तो है, मगर केंद्रीय एक्ट किस तरह से लागू होगा यह स्पष्ट नहीं है। नया एक्ट लागू होने के बाद नए लाइसेंस केवल फार्मेसी कोर्स करने वालों को ही मिलेंगे यह तो साफ हो गया है, मगर पहले से जारी लाइसेंसों पर काम कर रहे दवा विक्रेता आगे इन लाइसेंसों पर काम कर सकेंगे या नहीं, यह संबंधित विभाग को भी स्पष्ट नहीं है। आने वाले दिनों में स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद है।
- संजय गुप्ता, अध्यक्ष, केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन केंद्र शासित प्रदेश बनने से हुआ बदलाव अच्छा है, मगर केंद्रीय फार्मेसी एक्ट लागू होने से दवा कारोबारियों की चिता बढ़ी है। पूरी उम्मीद है केंद्रीय फार्मेसी एक्ट लागू करते समय राज्य फार्मेसी एक्ट के तहत प्राप्त लाइसेंसों पर वर्षो से काम कर रहे दवा कारोबारियों को काम करने की अनुमति देने के लिए कोई प्रावधान अवश्य किया जाएगा। यदि ऐसा नहीं हुआ तो केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की ऊधमपुर इकाई इस मामले में एसोसिएशन की जम्मू कश्मीर इकाई व केंद्रीय इकाई के साथ इस मुद्दे को उठाएगी और आगे की रणनीति तय करेगी।
- अंजीव वर्मा, उपाध्यक्ष, केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन 31 अक्टूबर को राज्य फार्मेसी एक्ट खत्म होने के साथ केंद्रीय फार्मेसी एक्ट लागू हो गया है। केंद्रीय एक्ट लागू होने के बाद फार्मेसी काउंसिल का पुनर्गठन होगा। जिसके बाद राज्य फार्मेसी काउंसिल के सदस्य प्रस्ताव पारित कर केंद्रीय फार्मेसी को इस स्थिति व इसके प्रभाव से अवगत कराएंगे और यह मामला एलजी के माध्यम से केंद्र के समक्ष रखेंगे। इसके बाद केंद्र क्या रियायत देता है, यह केंद्र पर निर्भर करता है। यदि रियायत न मिली तो हजारों दवा कारोबारियों के साथ उनके पास काम करने वाले हजारों कामगार भी बेरोजगार होंगे। क्या होगा और कैसे होगा, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा।
- सुरेंद्र मोहन, सदस्य जेएंडके फार्मेसी काउंसिल