ऊधमपुर में पांव पसारने लगा डेंगू, अब तक 12 को लगा डंक
जागरण संवाददाता ऊधमपुर कोरोना महामारी का संकट अभी खत्म नहीं हुआ कि जिले में तेजी से
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : कोरोना महामारी का संकट अभी खत्म नहीं हुआ कि जिले में तेजी से लोगों को डेंगू का डंक लगना शुरू हो गया है। अभी तक जिले में डेंगू के 12 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 10 मामले पिछले 12 दिनों में मिले हैं। डेंगू के मामले मिलने के बाद जिला प्रशासन और जिला स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। डेंगू के मामले मिलने वाले इलाकों में मच्छरों को मारने के लिए दवा का छिड़काव करने के साथ डेंगू से बचाव के लिए प्रचार सामग्री वितरित कर लोगों को एहतियात बरतने को कहा जा रहा है।
ऊधमपुर जिले में लोगों को तेजी से डेंगू का डंक लगने लगा है। अगस्त माह में 29 तारीख को संगूर में रह रहे रामनगर निवासी एक व्यक्ति को डेंगू हुआ। इसके करीब एक माह बाद 28 सितंबर का मजालता के खून में डेंगू का एक और मामला सामने आया। फिर आठ अक्टूबर से लेकर 19 अक्टूबर के बीच 10 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से पांच मामले एक साथ 18 अक्टूबर को पाए गए।
कुल मिलाकर अब तक ऊधमपुर में डेंगू के 12 मामले सामने आ चुके हैं। लगातार बढ़ रहे डेंगू के मामलों को लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग दोनों सतर्क हो चुके हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी व जिला मेडिकल सुपरिटेंडेंट लोगों को डेंगू के खिलाफ जागरूक करने के साथ बचाव के तरीकों को बता रहे हैं। वहीं, जिन इलाकों में डेंगू के मामले पाए गए हैं, वहां पर लोगों को जागरूक करने के साथ उन इलाकों में मच्छरों को मारने वाली दवा का छिड़काव स्वास्थ्य विभाग की ओर से करवाया जा रहा है। इसके साथ ही लोगों को डेंगू के कारण, लक्षण, बचाव की जानकारी देने के लिए संबंधित पंपलेट भी लोगों में वितरित किए जा रहे हैं। डेंगू के लक्षण
- डेंगू रोग में भी आम फ्लू जैसे ही लक्षण उभरते हैं। ये लक्षण तीन दिन से एक सप्ताह तक रह सकते हैं।
- चार से 10 दिन में डेंगू पूरी तरह फैल जाता है।
- इसकी शुरुआत में सिरदर्द, आंखों की पुतलियों के पीछे दर्द, मिचली आना, उल्टी होना, हड्डियों या मांसपेशी में दर्द, चकत्त होने जैसे लक्षण आते हैं।
- सही से इलाज न किया जाए तो सामान्य डेंगू गंभीर हो जाता है, जिसमें पेटदर्द, खून की उल्टी, तेज सांस चलना, मसूड़ों से खून आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- डीएचएफ (डेंगू रक्तस्त्रावी बुखार) में मरीज के शरीर पर लाल चकत्ते, नाक, मसूड़ों और पेशाब में खून आना और हल्की खुजली हो सकता है।
- डेंगू के लक्षण नजर आने पर फौरन चिकित्सीय परामर्श लेना चाहिए, गंभीर हालत में तो अस्पताल जाने में देर नहीं करनी चाहिए। बचाव के उपाय
- डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर जमा पानी में तेजी से पनपते हैं। आम तौर पर ये मलेरिया के मच्छर से विपरीत साफ पानी में पनपते हैं, जो कूलर, बाल्टी, टब, गमलों में जमा होता है। एडीज मच्छर खुले और साफ पानी में अंडे देते हैं। 16 डिग्री सेल्सियस के आसपास तापमान में ये अंडे देते हैं। इसलिए कहीं पर भी पानी जमा न होने दें।
-एडीज मच्छर अधिक ऊंचाई पर नहीं उड़ पाता, इसलिए यह कमर से नीचे के हिस्सों में ज्यादा काटता है। मलेरिया के मच्छर जहां रात में काटते हैं, वहीं एडीज मच्छर दिन में काटते हैं। इसलिए टांगों और बाजुओं को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े पहनें।
- मच्छर भगाने वाली क्रीम, मारने वाली स्प्रे और डिवाइसों का प्रयोग करें। कोरोना की तरह डेंगू की भी नहीं कोई दवा
जिस प्रकार कोरोना महामारी की कोई दवा नहीं है, उसी प्रकार डेंगू से बचाव की कोई वैक्सीन या दवा नहीं है। इसमें भी कोरोना की तरह मरीज के लक्षणों के आधार पर उसका इलाज किया जाता है। डेंगू में सेल्फ ट्रीटमेंट नहीं करना चाहिए, एस्प्रिन या ब्रुफेन या अन्य कोई दवा नहीं लेनी चाहिए। केवल साधारण पैरासिटामोल ली जा सकती है। किसी डाक्टर से सलाह लेकर ही उपचार कराना बेहतर होता है। रोग में मरीज को पर्याप्त आराम करना चाहिए। तरल पदार्थो का अधिक सेवन करना चाहिए। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने के अलावा लस्सी, नारियल पानी और नींबू पानी, मौसमी या संतरे का जूस जैसे तरल पदार्थ समय समय पर लेने चाहिए। डेंगू होने पर प्लेटलेस्ट्स बेहद तेजी से गिरता है
सामान्य तौर पर जब भी किसी को बुखार होता है तो उसका प्लेटलेट्स काउंट कम हो जाता है। सामान्य व्यक्ति के शरीर में ढाई से तीन लाख प्लेटलेट्स काउंट होता है। डेंगू होने पर प्लेटलेस्ट्स काउंट बेहद तेजी से गिरता है। प्लेटलेट्स काउंट 10 हजार से कम होने पर स्थिति गंभीर हो जाती है। हालांकि प्लेटलेट्स काउंट कम होना अधिक चिंता की बात नहीं है, मगर उपचार के दौरान मरीज के शरीर का तापमान न बढ़ने पाए, इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए। अक्टूबर से पहले ऊधमपुर में डेंगू के दो ही मामले मामले थे। जिले में प्रतिवर्ष पांच से छह ही डेंगू के मामले आते हैं। पिछले 12 दिनों में 10 और मामले आए हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा मामले 18 अक्टूबर को आए हैं। कोरोना की तरह डेंगू का उपचार तो नहीं है, लेकिन लोग थोड़ी से सावधानी बरत कर डेंगू से अपना बचाव कर सकते हैं। डेंगू भी एक संक्रमण रोग है, मगर यह एडीज मच्छर के बाद मानव शरीर में दाखिल होता है। दाखिल होने पर बिना देर और लापरवाही के उपचार से मरीज स्वस्थ हो सकता है। वहीं, लापरवाही इस रोग को घातक बना सकती है। लोगों को मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने के साथ मच्छरों के काटने से खुद को बचाना चाहिए। यदि किसी में डेंगू के लक्षण मिलते हैं तो बिना देरी के अस्पताल में इलाज करवाना चाहिए और खुद अपना उपचार नहीं करना चाहिए। डेंगू के मरीज को एस्प्रिन, डिस्प्रिन और ब्रूफेन जैसी दवाएं नहीं लेनी चाहिए। जरूरी हो तो पेरासिटामॉल ली जा सकती है। जिन इलाकों में डेंगू के मामले पाए गए हैं, वहां पर स्वास्थ्य विभाग की टीमें लोगों को बचाव के लिए जागरूक कर रही हैं। इसके साथ ही मच्छरों को मारने के लिए सप्रे भी किया जा रहा है। लोग सतर्कता बरतें, डेंगू से डरने की जरूरत नहीं है।
-डा. मोहम्मद यासीन, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, ऊधमपुर