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बेटी के दिल में छेद है, इलाज कराने के पैसे नहीं

पीडब्ल्यूडी के अस्थायी कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन विभागीय कार्यालय परिसर में सोमवार को भी जारी रहा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Oct 2020 08:49 AM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2020 08:49 AM (IST)
बेटी के दिल में छेद है, इलाज कराने  के पैसे नहीं
बेटी के दिल में छेद है, इलाज कराने के पैसे नहीं

जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : पीडब्ल्यूडी के अस्थायी कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन विभागीय कार्यालय परिसर में सोमवार को भी जारी रहा। लेकिन इस दौरान एक अस्थायी महिला कर्मचारी जरीफा ने जिस तरह अपना दर्द साझा किया, वह दिल पिघला देने वाला था। उसने कहा कि घर में बच्चों को खिालाने के लिए खाना नहीं है। बेटी के दिल में छेद है, उसके इलाज के लिए पैसे नहीं हैं। सरकार सभी को जहर दे दे ताकि हर रोज धरना-प्रदर्शन से मुक्ति मिल जाए।

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जरीफा कह रही थी कि दस महीने से उसे वेतन नहीं मिला है। सरकार सब्र का इम्तिहान ले रही है। कई दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन आज तक सरकार ने कोई सुध नहीं लिया है। जरीफा ने कहा कि मजबूर होकर आज अस्थायी कर्मी अपने बच्चों के साथ प्रदर्शन कर रही हैं। उसके घर में कमाने वाला कोई भी नहीं है। पति की पहले से ही मौत हो चुकी है। उसका छोटा बेटा 15 वर्ष का है। इतनी छोटी उम्र में वह मजदूरी करने के लिए गया है। उन्होंने सरकार से माग करते हुए कहा कि अस्थाई कर्मचारियों का वेतन प्राथमिक्ता के आधार पर जारी किया जाए तथा स्थाई करने के लिए उचित एसआरओ जारी किया जाए।

इसी बीच आज लोक निर्माण विभाग के अस्थाई कर्मचारियों ने मोमबतियों को जलाकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने तंज कसा कि अगर प्रधानमंत्री के कहने पर मोतबतियां को जलाने से कोरोना भाग सकता है तो वे स्थाई क्यों नहीं हो सकते हैं।


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