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भारत के साथ चीन के रवैये के बाद बाजार में 50 फीसद से ज्यादा कम हुए चीनी उत्पाद

पिछले कुछ सालों की तुलना में बाजार में चीनी सामान की आमद 50 फीसद कम हुई है। इतना ही नही ग्राहक भी भारतीय सामान को खरीदने में तरजीह दे रहे हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 16 Oct 2017 12:01 PM (IST)Updated: Mon, 16 Oct 2017 04:07 PM (IST)
भारत के साथ चीन के रवैये के बाद बाजार में 50 फीसद से ज्यादा कम हुए चीनी उत्पाद
भारत के साथ चीन के रवैये के बाद बाजार में 50 फीसद से ज्यादा कम हुए चीनी उत्पाद

 ऊधमपुर, [जागरण संवाददाता] । दिवाली और धनतेरस के लिए बाजार सज चुका है। बर्तन से लेकर सजावटी सामान, देवी-देवताओं की प्रतिमाओं से लेकर मिठाई व कपड़ों की दुकानों को दुकानदारों ने सामान से भर दिया है। धनतेरस और दिवाली को लेकर लोगों ने खरीदारी शुरू भी कर दी है, मगर अभी सामान पसंद करने और देखने के लिए आने वाले लोगों की संख्या ज्यादा है और खरीददार कम। वही, बाजार में विभिन्न दुकानदारों ने आकर्षक छूट और कॉम्बो ऑफर दे रखे हैं। मार्ट से लेकर छोटे दुकानदार व रेहड़ी और फड़ी लगाने वालों ने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए दुकानों पर सामान को सजा रखा है।

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 भारत के साथ चीन के रवैये के बाद चीनी उत्पादों की आमद कम होने लगी है। यह करीब 50 फीसद तक कम होई है। केवल बिजली की लडि़यां और बिजली वाले कुछ सजावटी सामान में चीनी सामान का वर्चस्व कायम है, जबकि लटकन, सजावटी सामान से लेकर दिवाली के पटाखे चलाने वाली पितौल, मोमबलिायां और खिलौने सब भारत निर्मित बिक रहे है। इस बारे में इन चीजों के थोक विक्रेता नरेश माडि़या ने बताया कि भारत के प्रति चीन के रवैये का असर चीनी सामान पर पड़ा है। पीछे से ही चीनी माल नही मंगवाया जा रहा। पहले जो फ्लोटिंग, सेंटिड व अन्य प्रकार की मोमबलिायां चीन की होती थी, अब वह भारतीय ही आ रही है। इसी तरह खिलौने, सजावट का सामान और भी भारत निर्मित है। केवल बिजली की लडि़यां और बिजली वाला सजावटी सामान चीन निर्मित है। पिछले कुछ सालों की तुलना में बाजार में चीनी सामान की आमद 50 फीसद कम हुई है। इतना ही नही ग्राहक भी भारतीय सामान को खरीदने में तरजीह दे रहे हैं।

 दो दिन बाद धनतेरस है और उसके दो दिन बाद दिवाली। इन दोनों पर्वो का रंग बाजार पर करीब एक सप्ताह पहले से चढ़ने लगा था। अब जैसे ही ये पर्व नजदीक आ रहे हैं, बाजार में रौनक और खरीदारी बढ़ने लगी है। धनतेरस पर नए बर्तन, स्वर्ण या चांदी आभूषण की खरीदारी को शुभ माना जाता है। इसके साथ ही दिवाली पर पूजा के लिए बर्तन के साथ ही चांदी की प्रतिमाएं, थालिया, लोटे, जोत और सिक्कों की भी खूब खरीदारी होती है। जिसके चलते दोनों ही त्योहारों के लिए बर्तन और स्वर्ण कारोबारियों ने पूरी तैयारी कर रखी है। बर्तन विक्रेताओं ने अपनी दुकानों को बर्तनों की खासी वैराइटी से भर दिया है।

उन्होंने अपनी दुकानों के बाहर नए डिजाइन के बर्तनों को सजा रखा है। बर्तन विक्रेताओं ने बताया कि रौनक तो बाजार में काफी है और खरीदारी भी हो रही है, लेकिन यह वैसी नही है जैसी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वैसे भी लगभग सभी लोग धनतेरस के दिन ही ज्यादातर खरीदारी करते हैं। जिन्हे किसी को बर्तन उपहार में भेंट करने होते हैं, वही अभी खरीदारी कर रहे हैं। उम्मीद है कि धनतेरस पर अच्छी खरीदारी होगी।

स्वर्ण कारोबारियो को भी अच्छी बिक्री की उम्मीद

स्वर्ण कारोबारियों को भी धनतेरस और दिवाली पर अच्छी बिक्री की उम्मीद है। इस बारे में स्वर्णकार संघ ऊधमपुर के अध्यक्ष जोगेन्‍द्र वर्मा ने बताया कि धनतेरस और दिवाली पर अच्छे कारोबार की उम्मीद है, लेकिन वैसा शायद न हो जैसा पहले होता था। पहले त्योहारों पर आभूषण बनाए जाते थे, मगर अब छोटी-मोटी चीज लेकर रस्म निभाई जाती है। पिछले कुछ दिनों से ग्राहक खरीदारी के लिए आ रहे हैं, मगर अंगूठी, बालियां, नाक में पहनने वाला कोका व ऐसी ही छोटी-मोटी चीजें ज्यादा खरीद रहे हैं। उम्मीद तो है दोनों पर्वों पर कारोबार अच्छा होगा। कारोबार कैसा होगा यह त्योहारों पर पता चल ही जाएगा। धनतेरस और दिवाली पर जिस तरह की चीजों की खरीदारी होती है, स्वर्णकारों ने पर्याप्त मात्रा में उसका स्टाक रखा है।

हर तरफ चढ़ा हुआ है दिवाली का रंग

बाजार में जाने से अब लगने लगा है कि दिवाली आने वाली है। कही भी चले जाओ धनतेरस और दिवाली का रंग चढ़ा हुआ साफ नजर आ रहा है। कुछ कंपनियों ने बाजार की सड़कों पर एक से दूसरे छोर तक गेट बना कर ऑफर डिस्पले कर रखे हैं, जबकि मार्ट ने सामान को बाहर आकर्षक ढंग से सजा रखा है। इसके साथ ही विभिन्न तरह के आकर्षक ऑफरों की भरमार छोटे से लेकर बड़ी दुकानों पर मिल रही है। कोई चीजों पर छूट दे रहा है, तो कुछ दुकानदार किसी एक चीज के साथ दूसरी चीज मुफ्त देने के ऑफर दे रहे हैं। इन दुकानों पर लोग जानकारी लेने के लिए पहुंच रहे हैं। वही, उपहारों की दुकानों में दिवाली के लिए उपहार पसंद करने के बाद बुक करने से लेकर उनकी पैकिंग तक होनी शुरू हो गई है। बड़े दुकानदार ही नही रेहड़ी और फड़ी लगा कर मूर्तियां, सजावटी सामान, लटकन, बिजली की लाइटें और खिलौने बेचने वाले भी मोलभाव के बाद पहले बताई गई कीमत पर सामान बेच रहे हैं।

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