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डीआइजी सुजीत कुमार ने अपनी जीवनी पर आधारित किताब का किया विमोचन

संवाद सहयोगी कटड़ा आधार शिविर कटड़ा में डीआइजी ऊधमपुर-रियासी रेंज सुजीत कुमार

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Nov 2019 02:36 AM (IST)Updated: Sat, 09 Nov 2019 06:52 AM (IST)
डीआइजी सुजीत कुमार ने अपनी जीवनी पर आधारित किताब का किया विमोचन
डीआइजी सुजीत कुमार ने अपनी जीवनी पर आधारित किताब का किया विमोचन

संवाद सहयोगी, कटड़ा : आधार शिविर कटड़ा में डीआइजी ऊधमपुर-रियासी रेंज सुजीत कुमार सिंह ने स्वयं द्वारा लिखित चक्रव्यूह का सातवां द्वार किताब का विमोचन किया। इससे पहले इस महत्वपूर्ण किताब के लेखक डीआइजी सुजीत कुमार ने विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल मां वैष्णो देवी के भवन पहुंचकर मां के चरणों में इस किताब को समर्पित किया। क्योंकि डीआइजी का मानना है कि मां वैष्णो देवी के अशीर्वाद व असीम कृपा से न केवल कैंसर पर विजय प्राप्त करने की हिम्मत मिली है, बल्कि उन्हें एक नया जीवन दान मिला है।

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उन्होंने बताया कि दुआओं के साथ-साथ उनके दोस्तों व परिजनों का भी उन्हें पूर्ण सहयोग मिला है। कैंसर के इलाज के दौरान कई प्रकार के विचारों से मन उद्वेलित हो जाता है। विचारों का युद्ध मन में ही होता है। मन में ही कभी हार और कभी जीत होती रहती है। इन्हीं विचारों के बीच सोच रहा था कि देवताओं के राजा इंद्र, महा विद्वान रावण, शक्तिशाली कंस, वैभवशाली दुर्योधन के जीवन में ऐश्वर्य की बरसात थी। कहीं किसी चीज की कमी नहीं थी। कमी थी तो संघर्ष की। संघर्षो के अभाव में देवताओं के राजा भी मानव को प्रेरित न कर पाए और पूज्य की श्रेणी से बाहर कर दिए गए। भगवान विष्णु से ज्यादा लोकप्रिय भारतीय समाज में भगवान राम व कृष्ण रहे हैं। उन्होंने कहा कि कैंसर रोग जीवन का वह सातवां द्वार है, जिस तरह से अभिमन्यु ने छह द्वार तोड़कर सातवें द्वार में प्रवेश किया तो उनको मालूम था कि उनकी मृत्यु निश्चित है। कैंसर यानी जीवन के सातवें द्वार को पार कर जिंदगी के युद्ध का अनुभव तो किया ही है, साथ ही उस पर विजय हासिल की है।

वहीं, डीआइजी सुजीत कुमार ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि देश के साथ ही केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा में लगे जवानों को जीवन में संघर्ष कर विजय प्राप्त करने में यह किताब अहम भूमिका निभाएगी, क्योंकि यह किताब हर एक जवान को यहां तक कि आम इंसान को जीवन के संघर्षमय दिनों को लेकर एक नया अध्याय लिखेगी। अंत में उन्होंने कहा कि मैं महादेव और आप सबका आभारी हूं कि आपके आशीर्वाद व कृपा ने जीवन के हर चक्रव्यूह से मुझे बाहर निकाला है। इस सातवें दरवाजे के युद्ध में आप कहीं दोस्त तो कही रिश्तेदार, कहीं गुरु, कहीं डॉक्टर तो कहीं सहायक बनकर खड़े रहे। तभी तो मुझे एक नया जीवनदान मिला है।

इस मौके पर एसडीपीओ कटड़ा विवेक शेखर, एसओ डीआइजी कामेश्वर सिंह, इंस्पेक्टर संजीत, एसआइ सुमन मन्हास, विरेंद्र सिंह, कटड़ा नगरपालिका प्रधान विमल इंदु, होटल व रेस्तरां संघ कटड़ा के प्रधान राकेश वजीर, प्रेस क्लब प्रधान राकेश शर्मा, महासचिव अरुण शर्मा, शिव कुमार शर्मा, शाम लाल केसर, विरेंद्र केसर, सोहन ठाकुर आदि के साथ नगर के अन्य वरिष्ठ नागरिक मौजूद थे।


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