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जिंदगी अनमोल है, लोगों को समझाएगी पुलिस

राजेश डोगरा रियासी जिंदगी अनमोल है इसे व्यर्थ में नहीं गंवाया जा सकता। लेकिन बीते एक

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 12:52 AM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 06:17 AM (IST)
जिंदगी अनमोल है, लोगों को समझाएगी पुलिस
जिंदगी अनमोल है, लोगों को समझाएगी पुलिस

राजेश डोगरा, रियासी :

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जिंदगी अनमोल है, इसे व्यर्थ में नहीं गंवाया जा सकता। लेकिन बीते एक माह में रियासी जिले में सात लोग आत्महत्या कर अपनी जीवनलीला को खत्म कर चुके हैं। आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं को लेकर कहीं न कहीं पुलिस भी गंभीर हो चली है। इसके लिए पुलिस की तरफ से शीघ्र ही एक अभियान शुरू किया जाएगा, जिसमें लोगों से रूबरू होकर उन्हें जिदगी का महत्व समझा कर जीवन में आने वाली चुनौतियों से लड़ने के लिए जागरूक किया जाएगा।

हालांकि जिले में आत्महत्या के मामले पहले भी सामने आते रहे हैं, लेकिन बीते एक माह में तो जिले में आत्महत्या के सात मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें कुछ ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली तो कुछ लोगों ने पहाड़ी से और दरिया में कूदकर अपनी जान गंवा दी। इनमें सबसे अधिक पांच जानें गले में रस्सी व दुपट्टे से फंदा लगाकर की गई आत्महत्या में गई। कब-कब लोगों ने की आत्महत्याएं

- 2 जून को मसलोत में 27 वर्षीय एक महिला का शव फंदे के साथ पेड़ से लटकता बरामद हुआ था।

4 जून को चसाना में 17 वर्षीय एक किशोरी का शव पेड़ से लटका मिला था

- 10 जून को ठाकराकोट इलाके में 22 वर्षीय एक विवाहिता का शव भी पेड़ से ही लटकता बरामद हुआ था

- अगले ही दिन 11 जून को मसलोत इलाके में 27 वर्षीय एक व्यक्ति का शव पेड़ से लटकता बरामद हुआ था।

- 25 जून को रियासी-बारादरी पुल से तरियाठ के रहने वाले 48 वर्षीय एक व्यक्ति ने चिनाब दरिया में कूदकर अपनी जान दे दी थी।

- 27 जून को काकड़ा इलाके में 18 वर्षीय एक युवती का शव उसके घर के कमरे में फंदे से लटकता बरामद हुआ था।

- 1 जुलाई को जमसलान इलाके में 25 वर्षीय एक विवाहिता ने पहाड़ी से कूदकर अपनी जान दे दी थी। चुनौतियों का डटकर मुकाबला करना चाहिए

आत्महत्या मामलों की हद होती जा रही है। जीवन बार-बार नहीं मिलता। जीवन में चुनौतियां आती रहती हैं। इंसान को उन चुनौतियों का डटकर मुकाबला करना चाहिए, न कि उनसे हार मानकर अपने जीवन को खत्म कर लेना चाहिए। अगर कोई इंसान घरेलू उत्पीड़न से परेशान है तो उसके लिए कई समाधान हैं। ऐसे लोग पुलिस और कानून की भी मदद ले सकते हैं। लॉकडाउन की वजह से अधिकतर समय घर में रहने से अपनों के साथ मेलजोल में आई कमी से कई लोग मानसिक रूप से परेशान हो सकते हैं। मगर जान दे देना किसी समस्या का हल नहीं है। अब तो अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो चुका है। अब स्थिति बेहतर होती जा रही है। आत्महत्या जैसी घटनाओं को रोकने के लिए लोगों से रूबरू होकर उन्हें जीवन का महत्व समझा कर जीवन की चुनौतियों से लड़ने के लिए प्रेरित और जागरूक किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही विशेष अभियान चलाया जाएगा। लोगों को यह भी बताना जरूरी है कि उनके साथ होने वाले अन्याय की स्थिति में मदद के लिए कई विकल्प मौजूद हैं। लोगों को जागरूक करने में पंचायत प्रतिनिधियों के अलावा विभिन्न विभागों और सामाजिक संस्थाओं की भी मदद ली जाएगी, जिनका जमीनी स्तर पर आम लोगों से जुड़ाव रहता है। अभियान में जिला प्रशासन की भी मदद के लिए डिप्टी कमिश्नर रियासी से भी खास तौर पर बात की जाएगी। फिलहाल कुछ जगहों पर एसडीपीओ को यह लक्ष्य दिया गया है कि वह हर रोज कुछ लोगों से मुलाकात कर लोगों की परेशानियों को समझें तथा उन परेशानियों से लड़ने के लिए लोगों की इच्छा शक्ति को बढ़ाने के साथ ही उन्हें हर संभव मदद का भी भरोसा दें।

- रश्मि वजीर, एसएसपी रियासी


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