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ऊधमपुर से समरोली तक हाईवे किनारे चला पीला पंजा

जागरण संवाददाता ऊधमपुर जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर स्थायी व अस्थायी अतिक्रमण को हटाने के लि

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Aug 2021 06:33 AM (IST)Updated: Sat, 28 Aug 2021 06:33 AM (IST)
ऊधमपुर से समरोली तक हाईवे किनारे चला पीला पंजा
ऊधमपुर से समरोली तक हाईवे किनारे चला पीला पंजा

जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर स्थायी व अस्थायी अतिक्रमण को हटाने के लिए शुक्रवार को नेशनल हाईवे अथारिटी ने पुलिस व प्रशासन की मौजूदगी में अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया। सुबह से दोपहर तक चले इस अभियान के दौरान 30 स्थायी व अस्थायी अवैध निर्माण गिराए गए। वहीं, जखैनी सहित विभिन्न जगहों पर लोगों ने अतिक्रमण हटाने की एनएचएआइ की कार्रवाई का विरोध किया।

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सुबह एनएचएआइ की ओर से ऊधमपुर से चनैनी के बीच विभिन्न स्थानों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए कार्रवाई शुरू की गई। एनएचएआइ की टीम मशीनों को लेकर अभियान शुरू करने पहुंची। एनएचएआइ ने अभियान के दौरान कानून व्यवस्था बनाने के लिए प्रशासन से सहयोग मांगा था, जिसके चलते प्रशासन ने कार्रवाई के दौरान कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अपने मजिस्ट्रेटों के साथ पुलिस बल की तैनाती कर दी थी।

कार्रवाई के दौरान तहसीलदार ऊधमपुर अमित वर्मा, नायब तहसीलदार सुदर्शन कुमार व नायब तहसीलदार मोहम्मद सलीम बतौर मजिस्ट्रेट मौजूद थे। सुबह आठ बजे शुरू की गई कार्रवाई दोपहर 12 बजे तक चलती रही। कार्रवाई के दौरान एनएचएआइ की टीम ने पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में जखैनी से लेकर समरोली तक पक्के व कच्चे निर्माण कर किए गए 30 स्थायी व अस्थायी अतिक्रमण को हटाया। कार्रवाई के दौरान टीम ने जखैनी में चार, बली में दो, मोड़ में एक, तोल्डी नाला में 10, नरसू में नौ और समरोली में चार अतिक्रमण हटाए। गिराए गए अतिक्रमण में पक्के मकानों के हिस्से, दुकानें, टीन शेड वाले व अन्य ढाबे शामिल हैं।

वहीं, एनएचएआइ की कार्रवाई का जखैनी सहित विभिन्न स्थानों पर लोगों ने विरोध किया। लोगों ने आरोप लगाया कि अतिक्रमण हटाने के लिए उनको समय नहीं दिया गया। रात को उनको बताया गया कि सुबह कार्रवाई होगी। इससे पहले कि वे अपना अतिक्रमण हटा पाते, एनएचएआइ की मशीनों ने ढांचों को गिरा दिया, जिससे उनका काफी नुकसान हुआ है।

वहीं, जखैनी स्थित डुबडुबा बस्ती के ढांचों को गिराने पर वहां के लोगों ने कहा कि करीब 60 साल पहले शेख अब्दुल्ला ने उन लोगों को ये मकान बना कर दिए थे। कोई मुआवजा या पुनर्वास किए बिना ही उनके मकानों को तोड़ दिया गया है, जिससे कई लोग बेघर हो गए हैं। लोगों ने कहा कि जिस समय मकान तोड़े गए, उस समय बच्चे व लोग अंदर सो रहे थे।

इस बारे में तहसीलदार ऊधमपुर अमित वर्मा ने बताया कि यह सारी कार्रवाई एनएचएआइ की थी। एनएचआइए की मांग पुलिस और प्रशासन कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए साथ थी। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत कुछ माह पहले भी कार्रवाई की गई थी। एनएचएआइ की ओर से अतिक्रमण करने वालों को पहले ही नोटिस जारी किए जा चुके हैं। एनएचएआइ लोगों को जमीनों के मुआवजे दे चुकी है। ऐसे में लोगों को खुद ही अपने अतिक्रमण हटा लेने चाहिए। यदि किसी को लगता है कि एनएचएआइ की ओर से जारी नोटिस सही नहीं है या उनके पास मुआवजा न मिलने या फिर अपने निर्माण संबंधी वैध दस्तावेज उपलब्ध हैं, तो लोग अदालत की शरण में जाकर एनएचएआइ के नोटिस को चुनौती दे सकते हैं। एनएचएआइ की तरफ से कार्रवाई से पहले भी सभी को इस बारे में बताया गया था। जहां भी कार्रवाई की गई वहां पर यह सुनिश्चित किया गया था कि कोई अंदर न हो। उन्होंने कहा कि ऊधमपुर से चनैनी के बीच 100 से ज्यादा अवैध निर्माण कर अतिक्रमण हुए हैं। इनको हर हाल में हटाया जाना है। इसलिए लोगों से अपील है कि खुद अपने निर्माण हटा लें, क्योंकि यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।


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