स्टेट सब्जेक्ट पर रचनात्मक बहस की जरूरत : पठानिया
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : जम्मू-कश्मीर राज्य में स्टेट स्बजेक्ट कानून पर खुली, रचनात्मक और
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : जम्मू-कश्मीर राज्य में स्टेट स्बजेक्ट कानून पर खुली, रचनात्मक और व्यापक बहस की जरूरत है। यह बात रामनगर के विधायक आरएस पठानिया ने अनुच्छेद-35 ए हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जारी पीआईएल की सुनवाई की पृष्ठभूमि में रामनगर में आयोजित इंटिलेक्चुअल मीट में कही।
पठानिया ने कहा कि इस मामले में विपरीत विचारों से प्रतीत हो रहा है कि राज्य को ध्रुवीकरण और विभाजित करने का प्रयास हो रहा है। जम्मू-कश्मीर संविधान की धारा -6 का जिक्र करते हुए कहा इसके तहत उन लोगों को'भूमि अधिग्रहण, रोजगार और कॉलेजों में प्रवेश'का अधिकार है, जो भारत(अविभाजित भारत) का हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि गोरखा, पश्चिमी पाक विस्थापितों औऱ वाल्मीकियों को स्टेट स्बजेक्ट अधिकार देने पर एक उदार और तर्कसंगत चर्चा करने की आवश्यकता है। इन लोगों ने पिछले सात दशकों से जम्मू-कश्मीर के लिए अपना खून पसीना एक किया है। वह जम्मू-कश्मीर के लिए जीते और मरते हैं, मगर नके पास बुनियादी जीवन अधिकार, संपत्ति हासिल करने का अधिकार नहीं है।
पठानिया ने कहा कि खोले नारों की राजनीति के कारण राज्य पहले से ही बहुत अधिक नुकसान उठा चुका है। इसलिए जम्मू-कश्मीर अब सकारात्मकता और रचनात्मकता की राजनीति चाहता है।
वहीं कुन्न (भाटियाड़ी, खजुरां-जंदा (कघोट), डालसर, पंज ग्राइं, चनुंता और और रामनगर डाकबंगला में बैठकों को संबोधित करते हुए पठानीया ने बुनियादी मुद्दों को उठाया। लोगों की समस्याएं सुनी और उनको हल करने का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर रा¨जदर शर्मा, शाम लाल, राकेश खार्का, सुखदेव ¨सह , जगमोहन, मोहन लाल, करतर चंद, मोहन ¨सह, रतन शर्मा, राज गोपाल गुप्ता, विकास शर्मा, विरेंद्र ¨सह, रघुवीर शर्मा, कैप्टन मोहन ¨सह, मुल्ख राज, मोहन लाल, बोध राज, कैप्टन देस राज, रतन चंद, सुनील कुमार, बोध राज, राजू, रतन शर्मा, रणजीत शर्मा, राकेश, सुनील शर्मा, सुनील कुमार, रोमेश शर्मा, रमीज शेख, मोहम्मद अकबर और बलराम सहित अन्य मौजूद थे।