ऊधमपुर जिला अस्पताल के दो डॉक्टर और 17 पैरामेडिकल स्टाफ सहित 20 पॉजिटिव
जागरण संवाददाता ऊधमपुर तीन दिन तक कोई भी कोरोना संक्रमित मामला न मिलने के बाद चौथे दिन
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर :
तीन दिन तक कोई भी कोरोना संक्रमित मामला न मिलने के बाद चौथे दिन बुधवार को एक बार फिर से कोरोना संक्रमण के मामले बड़ी संख्या में सामने आए। बुधवार को आई जांच रिपोर्ट में कोरोना पॉजिटिव पाए गए 20 लोगों में से जिला अस्पताल ऊधमपुर के दो डॉक्टर और 17 स्वास्थ्य कर्मी शामिल है। इन सभी को जहां आईसोलेशन में भेज दिया गया है। वहीं इनके परिवार के लोगों के साथ अस्पताल में इनके संपर्क में आए लोगों को हाई रिस्क श्रेणी के तहत क्वारंटाइन करने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है।
कोरोना संक्रमण मामलों को लेकर लगातार दिन ऊधमपुर जिला के लिए राहत भरे रहे। तीन दिनों तक आई कोरोना जांच रिपोर्ट में एक भी पॉजिटिव मामला नहीं पाया गया। मगर बुधवार को एक बार फिर से एक साथ 20 लोगों की टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई। पॉजिटिव मामलों में 19 जिला अस्पताल में एक रेडियोलजिस्ट और एक गाईनी डॉक्टर हैं। जबकि शेष 17 में थिएटर असिस्टेंट, फीमेल मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर्स, नर्स व अन्य पैरा मेडिकल स्टाफ के सदस्य शामिल हैं। इन तीनों की रिपोर्ट आने के साथ ही जिला अस्पताल प्रशासन के साथ जिला स्वास्थ्य विभाग सकते में आ गया। सभी पॉजिटिव मामले पहले से ही क्वारंटाईन किए गए थे। जिसके बाद इन सभी को आईसोलेशन के लिए भेज दिया गया। इसके साथ ही इनके परिवार और करीबी संपर्क वाले लोग जिसमें अस्पताल के डाक्टर और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी शामिल सभी हाई रिस्क कांटेक्ट श्रेणी में आ गए है। जिसके चलते उनको क्वारंटाइन करने के साथ उनके संपर्क वाले एलआरसी कांटेक्टों को सूची बद्ध करके उनको होम क्वारंटाइन रहने के लिए कहा गया है। वहीं एक एयरफोर्स स्टेशन में रहने वाले एक महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
बता दे कि करीब दस दिन पहले रामनगर से आपात परिस्थितियों में प्रसव के लिए ऊधमपुर से भेजी गई गर्भवति महिला का ऊधमपुर जिला अस्पताल में आपरेशन किया गया था। आपात स्थिति होने की वजह से उसका आपरेशन करने से पहले कोरोना जांच टेस्ट की रिपोर्ट का इंतजारर नहीं किया जा सकता था। प्रसव के बाद महिला की टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद महिला का आपरेशन करने से लेकर जांच व उपचार करने वाले डॉक्टरों सहित किसी भी तरह से संपर्क में आए 9 डॉक्टरों सहित 28 स्वास्थ्य र्किमयों के एचआरसी श्रेणी में आने की वजह से इनके सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए। इसके साथ ही सभी को क्वारंटाइन भी कर दिया गया। आज इनमें से दो डॉक्टरों और 17 स्वास्थ्य की रिपोर्ट पॉजिटिव और शेष की नेगेटिव आई है। वहीं पॉजिटिव पाए गए लोगों के जिला अस्पताल में हाई रिस्क श्रेणी के तकरीबन 16 लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। इनके भी सैंपल कोरोना जांच के लिए भेजे जाएंगे।
--------------------------------------------
जिला अस्पताल में अब केवल होगा आपात उपचार
जिला अस्पातल के दो डॉक्टर और 17 पैरा मेडिकल स्टाफ कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई है। डॉक्टरों और स्वास्थ्य र्किमयों के कोरोना संक्रमित पाए की खबर के बाद जिला अस्पताल में सन्नाटा छा गया। दिन भर वीरानी छाए रही। मरीज तो मरीज स्वास्थ्य कर्मी भी कम ही दिखाई दिए। जिला अस्पताल में जनरल ओपीडी को बंद कर दिया गया है। इसके ही अन्य सेवाएं भी बंद है। केवल इमरजेंसी विभाग ही काम कर रहा है, लेकिन वहां पर प्राथमिक उपचार देने के बाद उनको स्थिर कर जम्मू रेफर किया जा रहा है।
----------------------------------------------
रामनगर के डाक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ की रिपोर्ट आना शेष
जिस गर्भवति महिला के संपर्क में आने से जिला अस्पताल के दो डॉक्टर और 17 स्वास्थ्य कर्मी पॉजिटिव हुए हैं। वह महिला रामनगर के अमरोह इलाके की रहने वाली है। जो प्रसव के लिए रामबन उप जिला अस्पताल में भर्ती हुई थी और जहां से ऊधमपुर रैफर की गई थी। महिला के पॉजिटिव आने के बाद रामबन उप जिला अस्पताल के तीन डॉक्टरों सहित 22 स्वास्थ्य र्किमयों के सैंपल हाई रिस्क श्रेणी के संपर्क होने की वजह से लिए गए। इनकी जांच रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। स्वास्थ्य विभाग को आशंका है कि रामनगर उप जिला अस्पताल के डॉक्टरों और स्वास्थ्य र्किमयों में से भी कुछ पॉजिटिव केस आ सकते हैं। क्योंकि यह भी उपचार के लिए महिला के संपर्क में आए थे।
-------------------------------------------
डॉक्टरों और स्वास्थ्य र्किमयों के पॉजिटिव आने से हर कोई चितित
बुधवार को ऊधमपुर जिला अस्पताल के दो डॉक्टरों और 17 स्वास्थ्य र्किमयों के कोरोना पॉजिटिव आने की खबर सोशल मिडिया पर जंगल की आग की तरह फैल गई। जिसके बाद पूरे इलाके में यह चर्चा का विषय बन गई। दिन भर इस विषय पर ही चर्चा होती रही। वहीं पॉजिटिव पाए गए डॉक्टरों और स्वास्थ्य र्किमयों के रिश्तेदार, मोहल्ले वासी और हाल फिल्हाल में उनसे संपर्क करने वाले सभी लोग चितित हैं। वहीं जिला अस्पताल में सामान्य उपचार बंद होने की वजह से जिला अस्पताल में भर्ती मरीज व उनके तीमारदार परेशान है। प्रसव के लिए आई गर्भवति महिलाएं और प्रसव करवा चुकी महिलाएं भी अपनी और अपने बच्चों व परिवार के लोगों की सुरक्षा को लेकर चितित हैं।
-----------------------------------------------------------
घबराएं नहीं, सतर्कता और जिम्मेदारी दिखाएं: डीसी
ऊधमपुर में किए जा रहे कोरोना टेस्ट की पिछले चार दिनों से एक हजार रिपोर्ट नेगेटिव आई है। बुधवार को जिला अस्पताल में दो डाक्टरों सहित 19 स्वास्थ्य र्किमयों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मगर इन सभी ने गर्भवति महिला की जान बचाने के लिए जान जोखिम में डाल कर काम किया। टेस्टिग बढ़ने की वजह से मामले भी ज्यादा आ रहे हैं। मामलों का आंकड़ा बेशक बढ़ा है, लेकिन चंद केसों को छोड़ कर सभी निर्धारित प्रक्रिया के तहत निगरानी में रहे रहे लोग हैं। जिस वजह से इनसे संक्रमण फैलने का खतरा नहीं है। चितित करने वाले जो चंद मिले हैं उनको भी कांटेक्ट ट्रेसिग की गई है। लोगों को घबराने की नहीं बल्कि सतर्क व जिम्मेदार होने की जरूरत है। कोरोना जल्द समाप्त नहीं होगा, इसलिए इसके साथ जीने की आदत डालनी होगी। शारीरिक दूरी रखें, आवश्यक होने पर बाहर जाएं और बिना मास्क के बाहर न जाएं और बार बार हाथ साबुन से धोएं या सैनेटाइज करें। सरकार ने अनलॉक के तहत छूट का दायरा बढ़ाया है। यदि लोगों को लगता है कि बाजार बंद होना चाहिए तो वह स्वेच्छा से कर सकते हैं या निर्धारित समय से कम समय तक दुकानें खोल सकते हैं। कोरोना माहामारी से घबराने की जरूरत नहीं है। जिला मृत्यु दर जहां न के बराबर है, वहीं पॉजिटिव मरीजों के ठीक होने की दर काफी ज्यादा है। सबसे अच्छी बात यह है कि जितने भी मामले पॉजिटिव आए हैं, वह एसिप्टोमैटिक(लक्ष्ण रहित) हैं।