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J&K: जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक भूख हड़ताल पर, महसूमा में प्रदर्शन

पिछले बारह दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे मलिक की हालात खराब होने पर उन्हें जेल से अस्पताल स्थानांतिरत किया गया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 04:35 PM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 04:35 PM (IST)
J&K: जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक भूख हड़ताल पर, महसूमा में प्रदर्शन
J&K: जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक भूख हड़ताल पर, महसूमा में प्रदर्शन

जम्मू, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख मोहम्मद यासीन मलिक को दिल्ली तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल के बाद अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है। वह पिछले दो सप्ताह से जेल में भूख हड़ताल पर बैठे हुए थे। परिवार के सदस्यों ने पत्रकारों को इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि वह उनसे मिलने दिल्ली गए थे परंतु वहां पहुंचकर अधिकारियों से उन्हें पता चला कि मलिक भूख हड़ताल पर हैं।

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पिछले बारह दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे मलिक की हालात खराब होने पर उन्हें जेल से अस्पताल स्थानांतिरत किया गया है। जैसे ही यह खबर महसूमा में फैली सभी दुकानदारों ने मलिक की बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति के विरोध में दुकानें बंद कर अपना विरोध जताया। मलिक के परिजनों ने बताया कि वह भूख हड़ताल पर क्यों है इस बारे में उन्हें अधिकारियों ने कोइ जानकारी नहीं दी है।

सदन रहे कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) को आतंक विरोधी कानून के तहत बैन कर दिया है। अलगाववादी नेता यासीन मलिक जेकेएलएफ के प्रमुख हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों और अलगाववादी समूहों को धन मुहैया कराने के मामले में 10 अप्रैल को यासीन मलिक को गिरफ्तार कर जम्मू कोट भलवाल जेल रखा था। बाद में एनआइए की विशेष अदालत ने जांच एजेंसी को उसे हिरासत में लेकर पूछताछ करने का आदेश दिया जिसके बाद मलिक को दिल्ली ले जाया गया। जेकेएलएफ प्रमुख को वहां तिहाड़ जेल ले रखा गया था।

जेकेएलएफ पर आतंकी गतिविधियों को समर्थन करने का आरोप कई बार लगता रहा है। जेकेएलएफ के खिलाफ 37 एफआईआर दर्ज हैं। जिनमें वायुसेना के चार अधिकारियों की हत्या का मामला और मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबैया सईद के अपहरण का मामला शामिल है। यह संगठन आतंक को बढ़ावा देने के लिए अवैध तरीके से धन मुहैया कराने के लिए जिम्मेवार रहा है। घाटी में अशांति फैलाने के लिए हुर्रियत के कार्यकर्ताओं और पत्थरबाजों के बीच धन वितरण के काम में भी इस संगठन की संलिप्तता जाहिर हुई है। जेकेएलएफ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली हुई थी और इसके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया तीन महीने से चल रही थी।


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