Militancy in Kashmir : आतंकियों के शिकार हुए बिहार निवासी वीरेंद्र पासवान का श्रीनगर में ही किया गया अंतिम संस्कार
उसके स्वजनों को उसके पार्थिव शरीर को हवाई जहाज के जरिये पैतृक गांव भेजने की पेशकश की थी लेकिन उन्होंने मना कर दिया। श्रीनगर के मेयर जुनैद अजीम मट्टू ने भी इस तथ्य की पुष्टि करते हुए कहा कि मुझे पहले पूरी जानकारी नहीं थी।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : आतंकियों द्वारा मौत के घाट उतारे गए बिहार के भागलपुर निवासी वीरेंद्र पासवान का अंतिम संस्कार बुधवार को झेलम किनारे दूधगंगा श्मशान घाट पर किया गया। हालांकि जिला प्रशासन ने उसके स्वजनों को उसके पार्थिव शरीर को हवाई जहाज के जरिये पैतृक गांव भेजने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। श्रीनगर के मेयर जुनैद अजीम मट्टू ने भी इस तथ्य की पुष्टि करते हुए कहा कि मुझे पहले पूरी जानकारी नहीं थी। मैं अब भागलपुर में नहीं, यहीं श्रीनगर में उसके भाई व अन्य परिजनों के साथ सांत्वना व्यक्त करने जाऊंगा।
इस बीच, प्रदेश प्रशासन ने दिवंगत के परिजनों को तत्काल मदद के लिए सवा लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की है। भागलपुर का रहने वाला वीरेंद्र पासवान अक्सर गर्मियों के दौरान कश्मीर में रोजी रोटी कमाने आता था। वह श्रीनगर के मदीनसाहब, लालबाजार इलाके में ठेले पर गोल गप्पे बेचता था। बीती शाम आतंकियों ने उसे गोली मार दी। वह अस्पताल ले जाने से पहले ही अपने ठेले के पास सड़क पर ही दम तोड़ गया था। उसकी हत्या की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट आफ जम्मू कश्मीर जिसे इस्लामिक स्टेट विलाया हिंद भी कहते हैं, ने ली है।
श्रीनगर के मेयर जुनैद अजीम मट्टू ने वीरेंद्र पासवान की हत्या की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि इस्लाम किसी भी मासूम, किसी भी बेगुनाह और किसी भी इंसान के कत्ल की इजाजत नहीं देता। किसी बेगुनाह का कत्ल पूरी इंसानियत के कत्ल के समान होता है। वीरेंद्र पासवान तो यहां बिहार से रोजी रोटी कमाने आया था। उस गरीब ने किसी का क्या बिगाड़ा था। उसकी हत्या करने वालों ने कश्मीर, कश्मीरियों और इस्लाम को बदनाम किया है।
उन्होंने कहा कि मुझे पहले जानकारी नहीं थी कि उसके कुछ स्वजन यहीं पर हैं। इसलिए मुझे लगा कि भागलपुर जाना जरूरी है। मुझे आज देर शाम गए पता चला कि उसका भाई और परिवार के कुछ अन्य लोग यहीं पर आलमगिरी बाजार में रहते हैं। वीरेंद्र पासवान का अंतिम संस्कार उन्होंने आज यहीं किया है। मैं वीरवार को उसके भाई व परिवार के अन्य लोगों से मुलाकात कर, उनके साथ अपनी संवेदना प्रकट करूंगा। उनकी जो मदद होगी, की जाएगी। वह कश्मीर में रोजी-रोटी कमाने आए हैं।
मेयर के मुताबिक, जिला प्रशासन ने वीरेंद्र के परिजनों को उसका पार्थिव शरीर बिहार में उसके पैतृक गांव में पहुंचाने के लिए पूरी मदद का यकीन दिलाया था। प्रशासन ने उन्हें हवाई जहाज की टिकटें भी निश्शुल्क प्रदान करने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया और कहा कि वह उसकी अंत्येष्टि यहीं कश्मीर में करेंगे। इसके बाद उन्हाेंने उसका अंतिम संस्कार यहीं पर किया है।
इस बीच, जिला मैजिस्ट्रेट श्रीनगर मोहम्मद एजाज असद ने दिवंगत वीरेंद्र पासवान की पत्नी पुतुल देवी को सवा लाख रुपये की अनुग्रह राशि का चेक तत्काल मदद के लिए प्रदान किया। इसमें एक लाख रुपये की राशि एसडीआरएफ की मद में दी गई है और 25 हजार रुपये रेड क्रास कोष सेदिए गए हैं। जिला मजिस्ट्रेट मोहम्मद एजाज असद ने कहा कि दिवंगत के परिजनों को और भी आर्थिक मदद दी जाएगी। इस संदर्भ में सभी आवश्यक औपचारिकताओं को अगले चंद दिनों में पूरा कर लिया जाएगा।