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मुठभेड़ में साथी सहित मारा गया हिज्ब कमांडर डॉ. मन्नान वानी

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : सुरक्षाबलों ने वीरवार को (शतगुंड) कुपवाड़ा में एक भीषण मुठभेड़

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Oct 2018 02:43 AM (IST)Updated: Fri, 12 Oct 2018 02:43 AM (IST)
मुठभेड़ में साथी सहित मारा गया हिज्ब कमांडर डॉ. मन्नान वानी
मुठभेड़ में साथी सहित मारा गया हिज्ब कमांडर डॉ. मन्नान वानी

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : सुरक्षाबलों ने वीरवार को (शतगुंड) कुपवाड़ा में एक भीषण मुठभेड़ में स्कॉलर से हिज्ब कमांडर बने डॉ. मन्नान बशीर वानी को उसके साथी आशिक हुसैन जरगर समेत मार गिराया। मन्नान उत्तरी कश्मीर में इस्लामिक जिहाद की नई पौध तैयार करने में जुटा था। मुठभेड़ में दो सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए हैं। मन्नान आतंकी बनने से पहले अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में एप्लाइड जियोलोजी में पीएचडी का छात्र था। दोनों आतंकियों की मौत के बाद विभिन्न इलाकों में हुई ¨हसक झड़पों में 25 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए। हालात को देखते हुए प्रशासन ने विभिन्न इलाकों में निषेधाज्ञा लागू करने के साथ ही शिक्षण संस्थानों व मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया है।

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जानकारी के अनुसार, आतंकियों के एक दल के जिला कुपवाड़ा के अंतर्गत शटगुंड में छिपे होने की सूचना पर सेना की 30 आरआर और एसओजी के एक संयुक्त कार्यदल ने बुधवार रात दो बजे घेराबंदी कर ली। इसपर वहां छिपे आतंकियों ने भागने का प्रयास करते हुए गोली चलाई। जवानों ने भी जवाबी फायर करते हुए आतंकियों के ठिकाने के आस-पास के मकानों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। इसके साथ ही सुरक्षाबलों ने आतंकियों को बार-बार आत्मसमर्पण के लिए कहा, लेकिन आतंकियों ने गोलीबारी जारी रखी। करीब एक घंटे बाद आतंकियों की तरफ से फाय¨रग बंद हो गई। सूर्याेदय के बाद सुरक्षाबलों ने जब मुठभेड़स्थल की तलाशी ली तो एक बार फिर आतंकियों ने फायर कर दिया। जवानों ने भी जवाबी फायर किया और बीस मिनट की मुठभेड़ में दोनों आतंकियों को मार गिराया। इस दौरान दो सुरक्षाकर्मी भी जख्मी हुए। सूत्रों की मानें तो घेराबंदी में तीन आतंकी फंसे हुए थे, जिनमें से एक बच निकला।

मारे गए आतंकियों की पहचान मन्नान बशीर वानी पुत्र बशीर अहमद वानी निवासी टकीपोरा सोगाम और आशिक हुसैन जरगर पुत्र गुलाम मोहिउद्दीन जनगर निवासी तुलवारी लंगेट के रूप में हुई है। इस बीच, मन्नान की मौत की खबर फैलते ही वादी के विभिन्न इलाकों में तनाव पैदा हो गया। बड़ी संख्या में लोग मुठभेड़स्थल पर जमा हो गए और उन्होंने वहां मौजूद सुरक्षाबलों पर पथराव शुरू कर दिया। उन्हें खदेड़ने के लिए सुरक्षाबलों को भी बल प्रयोग करना पड़ा। श्रीनगर के प¨रपोरा, पीरबाग हुमहामा और सब्जीमंडी सौरा, दक्षिण कश्मीर में पुलवामा के नीवा, काकपोरा, शोपियां और कुलगाम के विभिन्न हिस्सों आतंकी समर्थक तत्वों ने राष्ट्रिवरोधी नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाला और सुरक्षाबलों पर पथराव किया। उन्हें काबू करने के लिए सुरक्षाबलों को भी लाठियों, आंसूगैस और पैलेट गन का सहारा लेना पड़ा। कश्मीर विश्वविद्यालय के हजरतबल कैंपस और जकूरा कैंपस में छात्रों ने मन्नान की मौत पर गायबाना नमाज-ए-जनाजा अदा करते हुए राष्ट्रिविरोधी नारे भी लगाए।

हालात को देखते हुए प्रशासन ने हंदवाड़ा, कुपवाड़ा में इंटरनेट सेवाओं को बंद करने के साथ ही सोपोर, बारामुला, बांडीपोर, पट्टन व दक्षिण कश्मीर के विभिन्न इलाकों में हायर सेकेंडरी स्कूल व कॉलेजों समेत विभिन्न शिक्षण संस्थानों को एहतियातन बंद कर दिया। इसके साथ ही उत्तरी कश्मीर के विभिन्न संवेदनशील इलाकों में निषेधाज्ञा भी लागू कर दी। कौन है मन्नान बशीर वानी :

डॉ मन्नान बशीर वानी उर्फ हमजा भाई का नाम इसी साल जनवरी के पहले सप्ताह में सुर्खियों में आया था जब सोशल मीडिया पर अंडर बैरेल ग्रेनेड लांचर के साथ उसकी एक तस्वीर वायरल हुई थी। कुपवाड़ा के टाकीपोरा, लोलाब का रहने वाला डॉ. मन्नान दिसंबर 2017 के अंतिम दिनों के दौरान अलीगढ़ उत्तर प्रदेश से घर के लिए रवाना हुआ था, लेकिन वह घर नहीं पहुंचा। चार जनवरी 2018 तक अपने परिजनों के साथ फोन पर संपर्क में रहा। पांच जनवरी को उसने आतंकी बनने का एलान कर दिया।

आतंकी बनने से पहले वह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एप्लाइड जियोलोजी में पीएचडी कर रहा था। उसने दसवीं तक पढ़ाई कुपवाड़ा में जवाहर नवोदय विद्यालय से की थी। इसके बाद 11वीं व 12वीं उसने सैनिक स्कूल मानसबल (गांदरबल) से की। वह एनसीसी का कैडेट भी रहा है और कई बार राज्य में गणतंत्र दिवस व स्वतंत्रता दिवस पर होने वाली परेड में भी शामिल हो चुका है। उसके पिता बशीर अहमद शिक्षा विभाग में लेक्चरार हैं और एक भाई सरकारी इंजीनियर है। उसने वॉटर एनवायरमेंट एनर्जी एंड सोसाइटी विषय पर आइसेक्टर विश्वविद्यालय भोपाल में हुए एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में सर्वश्रेष्ठ पत्र प्रस्तोता का सम्मान भी अर्जित किया है। इस सम्मेलन में चीन, अमेरिका और इंग्लैंड समेत विभिन्न मुल्कों के 400 से ज्यादा लोगों ने भाग लिया था। आतंकी बनने के बाद उसने जिला कुपवाड़ा में नए लड़कों की भर्ती भी शुरू की और कुछ समय तक दक्षिण कश्मीर के कुलगाम, पुलवामा और शोपियां में भी सक्रिय रहा। हालांकि वह कश्मीर शरियत की बहाली का कट्टर समर्थक था, लेकिन वह जाकिर मूसा के साथ कई मामलों में सहमत नहीं था। डॉ. मन्नान बशीर वानी ने आतंकी बनने के बाद कश्मीर में जिहाद को सही ठहराते हुए सोशल मीडिया पर कई लेख भी लिखे। ऐसा ही उसका एक लेख गत जुलाई के दौरान सामने आया था। कश्मीर के हालात, इस्लाम और जिहाद के मुद्दे पर लिखने वाला वह कश्मीर में बीते 16 सालों में पहला सक्रिय आतंकी कमांडर था। करीब पंद्रह दिन पहले भी उसका एक लेख सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।


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