सोपोर में दो आतंकी व नौ ओवरग्राउंड वर्कर गिरफ्तार
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : सुरक्षाबलों ने उत्तरी कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठनों को एक बड़ी च
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : सुरक्षाबलों ने उत्तरी कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठनों को एक बड़ी चोट पहुंचाते हुए मंगलवार को दो सक्रिय आतंकियों के साथ नौ ओवरग्राउंड वर्करों (ओजीडब्ल्यू) को गिरफ्तार कर स्थानीय लड़कों को जिहादी बनाने की हिज्ब व जैश की एक बड़ी साजिश को नाकाम बना दिया।
इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने में राज्य पुलिस के साथ सीआरपीएफ, सेना और नौसेना के कश्मीर स्थित मार्काेस दस्ते ने भी उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। नौसेना का कमांडो दस्ता मार्काेस कश्मीर में आतंकवाद की शुरुआत से ही तैनात है और यह मुख्य तौर पर वुल्लर झील और उसके साथ सटे इलाकों में ही सक्रिय है।
एसएसपी सोपोर हरमीत सिंह मेहता ने बताया कि बीते एक पखवाड़े से सूचनाएं मिल रही थीं कि हिजबुल मुजाहिदीन और जैश ए मोहम्मद दक्षिण कश्मीर के बाद अब उत्तरी कश्मीर में अपना नेटवर्क मजबूत बनाने के लिए स्थानीय युवकों की भर्ती का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए आतंकी संगठनों ने अपने स्थानीय ओवरग्राउंड नेटवर्क को सक्रिय किया है। स्थानीय युवकों की भर्ती को अंतिम रूप देने के लिए दक्षिण कश्मीर से कुछ सक्रिय आतंकी भी उत्तरी कश्मीर में भेजे गए हैं।
एसएसपी ने बताया कि सभी संदिग्ध तत्वों की निगरानी शुरू की गई थी। इसी दौरान पता चला कि सोपोर, बटलव व इसके साथ सटे इलाकों में विशेषकर वुल्लर झील के दायरे में आने वाली आवासीय बस्तियों में कुछ आतंकियों को देखा गया है। इसके आधार पर इन सभी इलाकों में राज्य पुलिस के विशेष अभियान दल के जवानों ने सेना की 22 आरआर व सीआरपीएफ के जवानों के साथ मिलकर अभियान चलाया। इस अभियान में नौसेना के मार्काेस दस्ते की भी मदद ली गई। उन्होंने बताया कि रविवार को पहली सफलता हाथ लगी और बटलव इलाके में छिपे दो सक्रिय आतंकी मुश्ताक अहमद चोपान उर्फ हारुन और शुजाउद्दीन शेख के साथ उनके दो ओवरग्राउंड वर्कर पकड़े गए। मुश्ताक पुलवामा जिले में त्राल के अंतर्गत वागड़ गांव का रहने वाला है, जबकि शुजा डाडसर त्राल का रहने वाला है। इन दोनों आतंकियों के साथ पकड़े गए दो ओवरग्राउंड वर्करों में से एक का नाम इरशाद अहमद लोन है और वह भी त्राल के साथ सटे सीर इलाके का रहने वाला है, जबकि दूसरा जिला कुपवाड़ा का रहने वाला हुमैज है।
पूछताछ में इन चारों ने बताया कि वह दक्षिण कश्मीर में सक्रिय हिज्ब आतंकी रियाज अहमद नायकू के अलावा जैश के डिवीजनल कमांडर अली व कासिम के साथ संपर्क में थे और उन्होंने ही इन्हें उत्तरी कश्मीर में स्थानीय युवकों को आतंकी संगठन में भर्ती के लिए भेजा था। पकड़े गए आतंकियों की निशानदेही पर उनके एक ठिकाने से एक असालट राइफल, एक मैगजीन, 15 एके कारतूस, एक पिस्तौल व तीन कारतूस और दो हथगोले भी बरामद गए किए हैं।
एसएसपी ने बताया कि इन चारों ने पूछताछ के दौरान सोपोर, बटलव, बांडीपोर, बारामुला व पट्टन में सक्रिय अपने सात अन्य ओवरग्राउंड वर्करों के बारे में भी जानकारी दी। इन सातों को भी उनके ठिकानों से पकड़ा गया। इनमें से कुछ न सिर्फ नए लड़कों को भर्ती कर रहे थे बल्कि खुद भी आतंकी संगठन में सक्रिय होने के लिए तैयार बैठे थे। इन लोगों के कब्जे से बड़ी मात्रा में जिहादी प्रचार सामग्री, आतंकी संगठनों का साहित्य व लेटरपैड, पोस्टर, मोबाइल फोन व सिमकार्ड भी बरामद किए गए हैं।
एसएसपी ने बताया कि इन लोगों के पकड़े जाने से स्थानीय युवकों की आतंकी संगठन में भर्ती की एक बड़ी साजिश नाकाम हुई है। नौ ओवरग्राउंड वर्करों की गिरफ्तारी से सोपोर व उसके साथ सटे इलाकों में आतंकी गतिविधियां भी कम होंगी। सोपोर व उसके साथ सटे इलाकों में सक्रिय आतंकियों की संख्या के संदर्भ में कोई स्पष्ट जवाब देने से बचते हुए उनहोंने कहा कि इस पूरे इलाके में 15 से 20 स्थानीय आतंकी सक्रिय हैंऔर उन्हें भी जिंदा अथवा मुर्दा पकड़ने का अभियान लगातार चलाया जा रहा है।
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