जम्मू व श्रीनगर शहरों में स्थापित होंगे जनजातीय हाट
भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन संघ (ट्राइफेड) जम्मू कश्मीर में जनजातीय दस्तकारों किसानों कलाकारों व अन्य कुशल श्रमिकों के सामाजिक आíथक उत्थान के लिए अपनी योजनाओं को विस्तार देना शुरू कर दिया है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन संघ (ट्राइफेड) जम्मू कश्मीर में जनजातीय दस्तकारों, किसानों, कलाकारों व अन्य कुशल श्रमिकों के सामाजिक, आíथक उत्थान के लिए अपनी योजनाओं को विस्तार देना शुरू कर दिया है। प्रदेश के दोनों राजधानी शहरों में जनजातीय हॉट स्थापित होंगे। अब देशभर में जम्मू कश्मीर के जनजातीय दस्तकारों व किसानों के उत्पाद भी बिकेंगे। यह सब ट्राइफेड संभव बनाएगा। ट्राइफेड लगभग 50 करोड़ रुपये की बुनियादी ढाचागत और आजीविका सृजन व समर्थन योजनाओं को जनजातीय मामले विभाग जम्मू कश्मीर के प्रस्ताव के आधार पर कार्यान्वित कर रहा है। उपराज्यपाल ने मनोज सिन्हा जनजातीय कल्याण की विभिन्न योजनाओं को जम्मू कश्मीर में विस्तार देने में अहम भूमिका निभाई है। संबंधित अधिकारियों के अनुसार, हॉल ही में दिल्ली में ट्राइफेड और जम्मू-कश्मीर जनजातीय मामलों के विभाग के बीच एक बैठक हुई है। इसमें जम्मू कश्मीर में कार्यान्वित की जाने वाले योजनाओं के रोडमैप को अंतिम रूप दिया गया है। ट्राइफेड मुख्यालय, नई दिल्ली में आयोजित बैठक में ट्राइफेड के प्रबंध निदेशक, प्रवीर कृष्ण ने बुनियादी ढाचे की स्थापना के लिए कई परियोजनाओं और रोडमैप को मंजूरी दी। जम्मू कश्मीर के जनजातीय मामले विभाग के सचिव डा. शाहिद इकबाल चौधरी ने ं विभिन्न प्रस्ताव प्रस्तुत किए। प्रबंध निदेशक ट्राइफेड ने जम्मू-कश्मीर के लिए 50 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं के लिए सहमति व्यक्त की। अब देशभर में अपने उत्पाद बेच सकेंगे जम्मू कश्मीर के दस्तार
ट्राइफेड के प्रबंधन निदेशक ने जम्मू कश्मीर के एक हजार जनजातीय दस्तकारों, उत्पादकों और किसानों को सूचीबद्ध करने और देशभर में स्थित अपने बिक्री केंद्रों पर कारोबार के अवसर उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। उन्होंने जम्मू और श्रीनगर में जनजातीय हाट की स्थापना, नई दिल्ली में जम्मू-कश्मीर जनजातीय बिक्री केंद्र खोलने और विभिन्न शहरों में फेडरेशन के 130 से अधिक बिक्री केंद्रों पर जनजातीय उत्पादों की प्रदर्शनी की घोषणा भी की। 15 स्वयं सहायता समूहों पर एक क्लस्टर होगा
बैठक में प्रधानमंत्री वन धन योजना को कार्यान्वित करने के लिए ट्राइफेड व जम्मू कश्मीर जनजातीय मामले विभाग के बीच तय होने वाले एमओयू को भी अंतिम रूप दिया गया है। इसके तहत 20 सदस्यों वाले जनजातीय समुदाय के लोगों के स्वयं सहायता समूह बनेंगे। प्रत्येक 15 स्वयं सहायता समूहों पर एक क्लस्टर होगा, जिसे 15 लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा। ट्राइफेड जम्मू कश्मीर जनजातीय दस्तकार स्वयं सहायता समूह को पाच लाख रुपये अनुदान देने के अलावा 3.25 लाख रुपये उत्पान इकाइयों को देगा। ट्राइफेड ने प्रदेश में 15 करोड़ की लागत से एक साल के लिए 100 वन धन केंद्र क्लस्टर भी मंजूर किए हैं। जम्मू व श्रीनगर में दो ट्राइफेड पार्क स्थापित करने का प्रस्ताव
सचिव डा. शाहिद इकबाल चौधरी ने जम्मू और श्रीनगर में प्रत्येक पर दो ट्राइफेड पार्क स्थापित करने का प्रस्ताव रखा। ट्राइफेड के प्रबंध निदेशक ने केंद्र सरकार की ओर से अनुमोदन के लिए डीपीआर तैयार करने और विभिन्न योजनाओं के तहत अन्य प्रस्तावों को तैयार करने के लिए जनजातीय मामलों के विभाग में परियोजना प्रबंधन इकाई के लिए तकनीकी कर्मचारियों के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की। ट्राइफेड पार्क में 20 करोड़ रुपये का निवेश शामिल होगा और यह आदिवासी कारीगरों, बुनकरों, पशुपालकों और अन्य लोगों के विभिन्न उत्पादों के मूल्यवर्धन और विपणन के लिए उत्कृष्टता केंद्र के रूप में काम करेगा।