गणतंत्र दिवस में खलल डालने के लिए टीआरएफ के तीन आतंकी कश्मीर में, पुलिस ने जारी किए पोस्टर
पिछले साल श्रीनगर में कश्मीरी पंडित दवा विक्रेता समेत गैर मुस्लिमों की विभिन्न हत्याओं में वह शामिल रहा था। उसने मेहरान शाला के साथ मिलकर यह हत्याएं की थी। सूत्रों की माने तो इस समय वही टीआरएफ की कमान संभाले हुए है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। गणतंत्र दिवस की तैयारियों में खलल डालने के लिए ग्रीष्मकालीन राजधानी में दाखिल हुए द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के तीन आतंकियों के पुलिस ने शुक्रवार को पोस्टर जारी कर दिए। इनमें एक बासित डार और एक श्रीनगर का रहने वाला मोमिन गुलजार है। द रजिस्टेंस फ्र्रंट (TRF) को लश्कर-ए-तैयबा का हिट स्क्वाड और एक छद्म संगठन माना जाता है। इस बीच, सेना ने एलओसी पर एक दर्जन आतंकियों द्वारा दो गुटों में अलग अलग घुसपैठ किए जाने के खुफिया एलर्ट पर चौकसी बढ़ा दी है। सीमावर्ती इलाकाें में सक्रिय आतंकियों के समर्थकों और गाइडों को भी चिन्हित किया जा रहा है।
वादी मे अपने लगभग सभी प्रमुख कमांडरों के मारे जाने से आतंकी संगठनों के सरगना पूरी तरह हताश हो चुके हैं। आतंकी संगठनाें की आका पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई भी परेशान है। वह वादी में सुधरते हालात को बिगाड़ने और बचे खुचे आतंकियों का मनोबल बनाए रखने के लिए किसी बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए आतंकी संगठनों पर लगातार दबाव बना रही है। खुफिया एजेंसियों ने आतंकियों द्वारा हमलों की रची जा रही साजिश का एक एलर्ट भी जारी किया है,जिसके आधार पर पूरी वादी में विशेषकर श्रीनगर में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाया गया है।
संबधित सूत्रों ने बताया कि ग्रीष्मकालीन राजधानी में किसी बड़े हमले केा अंजाम देने के लिए जिन आतंकियों के दाखिल होने की सूचना है,उनमें एक टीआरएफ का तीन सदस्यीय माडयूल भी है। इस माडयूल में दक्षिण कश्मीर में रेडवनी कुलगाम का रहने वाले बासित अहमद डार भी है। उसके अलावा इसमे मोमिन गुलजार मीर उर्फ मोमिन और आरिफ अहमद उर्फ रेहान भाई भी है। आरिफ दक्षिण कश्मीर में वागम पुलवामा का रहने वाला है और वह बीते साल मार्च में आतंकी बना था। वह सी श्रेणी के आतंकियों में सूचीबद्ध है। मोमिन श्रीनगर में फिरदाैसाबाद, ईदगाह का रहने वाला है।
बासित अहमद डार को बीते साल मारे गए टीआरएफ के कमांडर अब्बास शेख ने भर्ती किया था। आफिस डार अपने पिता की मौत के लगभग एक माह बाद 26 अप्रैल 2021 को आतंकी बना था। उसकी वापसी के लिए उसकी मां ने इंटरनेट मीडिया का भी सहारा लिया था,लेकिन उसकी अपील बेअसर रही थी। पिछले साल श्रीनगर में कश्मीरी पंडित दवा विक्रेता समेत गैर मुस्लिमों की विभिन्न हत्याओं में वह शामिल रहा था। उसने मेहरान शाला के साथ मिलकर यह हत्याएं की थी। सूत्रों की माने तो इस समय वही टीआरएफ की कमान संभाले हुए है।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि बासित, मोमिन और रेहान के सभी संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दी जा रही है। इन तीनों के ओवरग्राउंड वर्करों को भी चिन्हित किया जा रहा है। यह जल्द ही मारे जाएंगे या पकड़े जाएंगे। इनके बारे में कोई भी पक्की जानकारी देने वाले की पहचान को गुप्त रखा जाएगा और उसे एक बड़ी धनराशि भी बतौर इनाम दी जाएगी।
इस बीच, सेना और बीएसएफ ने भी सीमांत इलाकों में आतंकियों की घु़सपैठ की आशंका के आधार पर सतर्कता बढ़ा दी है। संबधित सूत्रों ने बताया कि गुलाम कयमीर के भिंबर इलाके में लश्कर-ए-तैयबा और अल-बदर के आतंकियों की गतिविधियां देखी गई हैं। पाकिस्तानी सेना के कुछ अधिकारी इन आतंकियों के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि लश्कर के सात और अल-बदर के पांच आतंकी स्वचालित हथियारों से लैस हो घुसपैठ के लिए लांचिग पैड पर पहुंच गए हैं।
अल-बदर के पांच आतंकियों काे बालाकोट इलाके में बने लांचिंग पैड पर रखा गया है। लश्कर के आतंकियों को भी इसी इलाके से घुसपैठ कराने की कोशिश की जा रही है,लेकिन उन्हें उत्तरी कश्मीर के रास्ते भेजने के लिए भी गाइड को तैयार किया गया है।
खुफिया सूत्रों ने सेना के साथ साझा की गई जानकारी में बताया है कि पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने आतंकियों की घुसपैठ को पूरी तरह सुरक्षित बनाने के लिए आठ नए रास्तों को चिन्हित किया है। यह सभी मार्ग सर्दियों में बर्फ से पूरी तरह ढके रहते हैं और इनमें अन्य इलाकों की अपेक्षा सुरक्षाबलों की गश्त कम होती है।