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जाेजिला दर्रे में जमी है कई फीट बर्फ, बर्फ के यह योद्धा हर-पल यातायात बहाल करने की जद्दोजहद में हैं जुटे

मौसम के कहर पर भारी जवानों का जोश बार-बार जवान बर्फ हटाते हैं और मौसम फिर कहर बरपा देता है जवान फिर काम में जुट जाते हैं हिमस्‍खलन और हिमपात की चुनौतियों के बीच श्रीनगर।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 03:49 PM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 02:48 PM (IST)
जाेजिला दर्रे में जमी है कई फीट बर्फ, बर्फ के यह योद्धा हर-पल यातायात बहाल करने की जद्दोजहद में हैं जुटे
जाेजिला दर्रे में जमी है कई फीट बर्फ, बर्फ के यह योद्धा हर-पल यातायात बहाल करने की जद्दोजहद में हैं जुटे

श्रीनगर, नवीन नवाज। शून्‍य से 12 डिग्री नीचे की गला देने वाली ठंड, पल-पल हिमस्‍खलन का खतरा और मौसम के तूफानी तेवर हर पल सांसें जमा देने की फिराक में होते हैं। इन तमाम चुनौतियों को हर पल बौना करने की जिद पाले हैं सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के जांबाज। लद्दाख की लाइफ लाइन श्रीनगर-लेह राजमार्ग फिर बर्फ से लदा है। जाेजिला दर्रे में कई-कई फीट बर्फ जमा है पर बर्फ के यह योद्धा हर-पल यातायात बहाल करने की जद्दोजहद में जुटे हैं। लक्ष्‍य है कि लद्दाख की आपूर्ति चेन बहाल रहे। मौसम बार-बार तमाम प्रयासों को फिर बर्फ की चादर से ढांप देता है पर वह थकते नहीं, फिर से जुट जाते हैं।

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यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि 434 किलोमीटर लंबा श्रीनगर-सोनमर्ग-जोजिला-करगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग लद्दाख काे देश दुनिया से जोड़ने वाला प्रमुख सड़क संपर्क मार्ग है। लद्दाख के लिए सड़क के रास्ते जाने वाले लोग इसी रास्ते का इस्तेमाल करते हैं। लेह-मनाली मार्ग बंद होने के बाद लद्दाख के लिए सप्लाई लाइन भी यही है। जोजिला में होने वाला हिमपात राजमार्ग को बर्फ से ढांप देता है।

गत सात नवंबर को मौसम के पहले हिमपात के बाद से श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग अधिकांश समय तक बंद ही रहा है। इस साल 6-7 नवंबर को हिमपात के बाद इसे यातायात के लिए बंद किया गया था जिसे सीमा सड़क संगठन के जवानों ने दिन-रात एक कर 10 नवंबर को खोल दिया। इसके बाद यह 15 नवंबर को फिर से हिमपात होते ही दोबारा राजमार्ग बंद हो गया। जवान फिर से दिन-रात जुटे रहे और 20 नवंबर को मार्ग को खोल दिया गया। अभी यातायात सामान्‍य हुए 24 घंटे ही नहीं बीते थे कि मौसम फिर कहर बरपाने लगा।

21 नवंबर को भारी हिमपात से सड़क फिर बंद हाे गई। दो दिन पहले इसे इकतरफा यातायात के लिए बहाल किया गया था, लेकिन बाद में इसे दोबारा बंद करना पड़ा।

जोजिला में बर्फ हटा उसे वाहनों के आवागमन योग्य बनाने में जुटे बीआरओ अधिकारियों ने बताया कि दर्रे में कई स्‍थानों पर अभी भी करीब पांच से छह फुट बर्फ जमी हुई है। इसके अलावा साथ सटे पहाड़ों और उनकी ढलानों पर भी सात से दस फुट तक बर्फ की मोटी चादर है। मौसम में बदलाव के साथ-साथ जोजिला में करीब 20 जगहों पर किसी भी समय हिमस्खलन की आशंका बनी रहती है।

संबधित अधिकारियों के अनुसार श्रीनगर से जोजिला की तरफ गगनगीर से बालटाल तक सड़क से बर्फ हटा उसे यातायात योग्य बनाया गया है। बालटाल से आगे जोजिला तक बर्फ हटाने का काम लगातार जारी है। उन्होंने बताया कि अगर मौसम अनुकूल रहता है तो जल्द ही जोजिला दर्रे से गुजरने वाली सड़क से बर्फ हटा ली जाएगी, लेकिन दर्रे के ऊपरी छोर पर तापमान शून्य से नीचे -12 डिग्री सेल्सियस है और वहां ऐसे हालात में काम करना दुष्कर है।

उन्होंने बताया कि रोजाना इस सड़क पर दो हिमस्खलन हो रहे हैं इससे बर्फ हटाने में दिक्कत आ रही है। उन्होंने बताया कि गत दिनों सेना के एक कैप्टन शुभम सूद और डीएसपी ट्रैफिक फहीम सड़क पर बर्फ में फंसे लोगों को निकालने के दौरान बाल-बाल बच गए थे। जब यह लोग राहत कार्य के लिए आगे बड़ रहे थे तो अचानक हिमस्खलन हो गया था। इन लोगों को अपने वाहनों को वहीं छोड़कर सुरक्षित स्थानों की तरफ लौटना पड़ा था।

सीमा सड़क संगठन के मुताबिक, वर्ष 1986 के बाद इस साल पहली बार यहां बर्फ हटाने में लगातार दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। नवंबर माह में ही तापमान शून्य से लगभग 12 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला गया और यहां बर्फ हटाने में लगातार दिक्कत का सामना करना पड़ रहा।


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