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मौत का रास्ता छोड़ोनहीं तो मारे जाओगे, आतंकियों को सम्मानजनक जिदगी जीने और मुख्यधारा में शामिल होने का मौका देना चाहती है सेना

हम आतंकियों को सम्मानजनक जिदगी जीने और मुख्यधारा में शामिल होने का मौका देना चाहते हैं। किसी गुमराह नौजवान की मौत नहीं चाहते।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 04:45 AM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 05:11 AM (IST)
मौत का रास्ता छोड़ोनहीं तो मारे जाओगे, आतंकियों को सम्मानजनक जिदगी जीने और मुख्यधारा में शामिल होने का मौका देना चाहती है सेना
मौत का रास्ता छोड़ोनहीं तो मारे जाओगे, आतंकियों को सम्मानजनक जिदगी जीने और मुख्यधारा में शामिल होने का मौका देना चाहती है सेना

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : सेना की 15वीं कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने एक बार फिर से स्थानीय आतंकियों से आत्मसमर्पण की अपील की। उन्होंने कहा मौत का रास्ता छोड़ दो, अन्यथा मारे जाओगे। सोमवार को जिला बड़गाम के पर्यटनस्थल युसमर्ग में आयोजित समारोह के उद्घाटन मौके पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

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चिनार कोर कमांडर ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले आतकियों के पुनर्वास में सेना हर संभव मदद करेगी। हम आतंकियों को सम्मानजनक जिदगी जीने और मुख्यधारा में शामिल होने का मौका देना चाहते हैं। किसी गुमराह नौजवान की मौत नहीं चाहते। उन्हें समझना चाहिए कि वह जिस रास्ते पर हैं,वहां मौत और तबाही है। आतंकी बने युवक आतंकवाद को गुडबॉय कह सम्मानजनक जिदगी की शुरुआत करें। अन्यथा जो बंदूक लेकर सुरक्षाबलों के साथ लड़ेगा सख्ती से निपटा जाएगा। किसी आतंकी की जिदगी ज्यादा नहीं होती। कई आतंकी बंदूक थामने के दो से तीन माह के भीतर ही मारे गए हैं। हमारा प्रयास रहता है कि आतंकी जिदा पकड़ा जाए। मुठभेड़ के दौरान अंतिम समय तक हम सरेंडर के लिए प्रयास करते हैं। जब कोई विकल्प नहीं रहता,तभी हम कार्रवाई शुरू करते हैं। आतंकवाद के खिलाफ लोग बोल रहे : बीएस राजू ने कहा कि जम्मू कश्मीर ने फिर शांति-स्थिरता और विश्वास के दौर में कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है। लोग आतंकवाद के खिलाफ खुलकर बोलने लगे हैं। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, कुलगाम, शोपियां और पुलवामा में स्थिति से पहले से बेहतर हुई है। फलोत्पादक फसल को मंडियों में भेज रहे हैं। उम्मीद है कि कोरोना के कारण घरों में बैठे बच्चे स्कूलों में नजर आएंगे।

उन्होंने कहा कि अगर बीते कुछ दिनों के दौरान हुई इक्का-दु़क्का आतंकी वारदातों को छोड़ दिया जाए तो आज पूरे कश्मीर में स्थिति लगभग शांत व सामान्य है। आतंकी गतिविधियों में भी पिछले साल की तुलना में कमी आयी है। स्थानीय युवाओं का आतंकवाद को मोहभंग हुआ है और वह अब रचनात्मक व राष्ट्र निर्माण की गतिविधियों में अपनी ऊर्जा लगा रहा है। हाल ही में नीट व जेईई के परीक्षा परिणामों में कश्मीर के सफल छात्रों की संख्या इसकी पुष्टि करती है।

घुसपैठ संबंधी सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आतंकियों के ट्रेनिग कैंप और लांचिग पैड गुलाम कश्मीर व एलओसी पर पाकिस्तानी सेना निगरानी में बदस्तूर जारी हैं। इस साल आतंकियों की घुसपैठ भी नाममात्र तक ही सीमित रही। घुसपैठियों को एलओसी पर ही मार गिराया गया है। अब आने वाले दिनों में हिमपात होने वाला है,इसलिए पाकिस्तानी सेना और सरहद पार बैठे आतंकी सरगना ज्यादा से ज्यादा संख्या में घुसपैठियों को जम्मू कश्मीर में भेजना चाहेंगे। इसके लिए पाकिस्तानी सेना एलओसी पर बार बार जंगबंदी का उल्लंघन भी करेगी, आतंकियों की घुसपैठ की कोशिशें भी तेज होंगी। हमें इन सभी बातों का पूर्वानुमान है और इनसे निपटने के लिए हमारी पूरी तैयारी है। दुश्मन किसी भी तरह से अपने नापाक मंसूबों में कामयाब नहीं होगा।


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