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Balakot Air Strike Anniversary: पाकिस्तान ने नहीं लिया सबक, बालाकोट में फिर शुरू हुई आतंकी ट्रेनिंग

Balakot Air Strike Anniversary सूत्रों के अनुसार छह एकड़ में फैले बालाकोट कैंप में 35 नए जिहादियों की आतंकी ट्रेनिंग चल रही है। इनमें एक दर्जन के करीब कश्मीरी मूल के आतंकी हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 08:56 PM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 08:15 AM (IST)
Balakot Air Strike Anniversary: पाकिस्तान ने नहीं लिया सबक, बालाकोट में फिर शुरू हुई आतंकी ट्रेनिंग
Balakot Air Strike Anniversary: पाकिस्तान ने नहीं लिया सबक, बालाकोट में फिर शुरू हुई आतंकी ट्रेनिंग

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। Balakot Air Strike Anniversary: बालाकोट हमले के बाद खामोश रहे जैश-ए-मोहम्मद ने एक बार फिर अपनी जिहादी गतिविधियां शुरू कर दी हैं। भारतीय वायुसेना की कार्रवाई में तबाह हुआ उसका बालाकोट ट्रेनिंग कैंप फिर से सक्रिय हो चुका है। सूत्रों के अनुसार, छह एकड़ में फैले इस कैंप में 35 नए जिहादियों की आतंकी ट्रेनिंग चल रही है। इनमें एक दर्जन के करीब कश्मीरी मूल के आतंकी हैं। इंडियन एयरलाइंस के अपहृत विमान को छुड़ाने के लिए अजहर मसूद संग रिहा किया गया आतंकी मुश्ताक अहमद जरगर उर्फ लटरम भी कथित तौर पर बीते तीन माह के दौरान इस शिविर में तीन से चार बार देखा गया है।

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14 फरवरी, 2019 को जैश के आतंकी आदिल डार ने जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर लिथपोरा (पुलवामा) में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था। इस हमले में 40 सीआरपीएफ कर्मी शहीद हुए थे। हमले के 12 दिन बाद 26 फरवरी, 2019 को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में घुसकर जैश के एक प्रमुख जिहादी कैंप को निशाना बनाया। दावा किया जाता है कि वायुसेना की कार्रवाई के समय कैंप में मौजूद 300 के करीब आतंकी और उनके सरगना मारे गए थे। बहावलपुर स्थित मुख्यालय के बाद पाकिस्तान में जैश का सबसे बड़ा आतंकी कैंप बालाकोट में ही है। इसमें आतंकी ट्रेनिंग की पूरी व्यवस्था है। इनकी ट्रेनिंग के लिए अफगानिस्तान के तीन पुराने जिहादी कमांडरों के अलावा पाकिस्तानी सेना के दो सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। इस कैंप में एक बड़ा मदरसा भी है।

कैंप में एक बार दिखा मसूद अजहर 

सूत्रों ने बताया कि मसूद अजहर दिसंबर माह के दौरान ही एक बार इस ट्रे¨नग कैंप में देखा गया है। उसका करीबी समझा जाने वाला अल उमर मुजाहिदीन का चीफ कमांडर मुश्ताक लटरम तीन-चार बार बालाकोट शिविर में गया है। मसूद अजहर का बेटा अपने चाचा राउफ असगर के साथ कई बार बालाकोट में देखा गया है। मुश्ताक लटरम श्रीनगर में डाउन-टाउन का रहने वाला है। बालाकोट में ट्रेनिंग ले रहे कश्मीरी आतंकियों को उसने ही वहां पहुंचाया है।

पाकिस्तानी सेना के सेफ हाउस में है बीमार अजहर 

सूत्रों ने बताया कि मसूद अजहर किडनी और रीड़ की हड्डी के रोग से पीड़ित है। उसे पाकिस्तानी सेना ने बहावलपुर से कुछ ही दूरी पर अपने एक सेफ हाउस में रखा है। वह नए लड़कों में जिहादी मानसिकता पैदा करने के लिए नियमित तौर पर वीडियो कांफ्रेंस करता है। मसूद अजहर के बीमार होने के चलते आतंकी गतिविधियों का जिम्मा राउफ असगर ने संभाल रखा है। असगर के दो बेटे तल्हा रशीद और उस्मान हैदर कश्मीर में सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए हैं।

जैश की चाबी मसूद के कुनबे के पास

मसूद अजहर का पूरा कुनबा ही जिहादी है। उसका छोटा भाई मोहम्मर तारिक अनवर आतंकियों की भर्ती का जिम्मा संभालता है। उसका एक भाई इब्राहिम अजहर अफगानिस्तान में तालिबान और अल कायदा के साथ मिलकर जैश की गतिविधियों को संचालित करता है। उसका सबसे छोटा भाई मोहम्मद जहांगीर अकबर तल्हा जैश के नए लड़कों को संभालता है। मसूद अजहर का एक करीबी रिश्तेदार बालाकोट में जब्बा टाप कैंप का प्रभारी है।

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