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आतंक की नई साजिश, कश्मीर में 25 टारगेट किलिंग, सबसे ज्यादा वारदात श्रीनगर में

सबसे ज्यादा आठ टारगेट किलिंग को सुरक्षित माने जाने वाले राजधानी शहर श्रीनगर में ही अंजाम दिया है। हैरानगी यह है कि आतंकियों का गढ़ कहे जाने वाले जिला शोपियां और जिला पुलवामा मेें किसी भी नागरिक की हत्या नहीं की। अधिकांश वारदातों में पिस्तौल का ही इस्तेमाल किया है।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Thu, 07 Oct 2021 09:05 AM (IST)Updated: Thu, 07 Oct 2021 02:10 PM (IST)
आतंक की नई साजिश, कश्मीर में 25 टारगेट किलिंग, सबसे ज्यादा वारदात श्रीनगर में
कश्मीर में बीते पांच साल से जारी आतंकी हिंसा का मुख्य केंद्र दक्षिण कश्मीर में जिला शोपियां और पुलवामा है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : कश्मीर में सुधरते हालात से बौखलाए आतंकियों ने निर्दाेष नागरिकों को निशाना बनाने का खेल शुरू कर रखा है। इस साल अब तक कश्मीर में करीब दो दर्जन से ज्यादा नागरिकों को आतंकी मौत के घाट उतार चुके हैं। सबसे ज्यादा 10 टारगेट किलिंग को सुरक्षित माने जाने वाले राजधानी शहर श्रीनगर में ही अंजाम दिया है। हैरानगी यह है कि आतंकियों का गढ़ कहे जाने वाले जिला शोपियां और जिला पुलवामा मेें किसी भी नागरिक की हत्या नहीं की। अधिकांश वारदातों में पिस्तौल का ही इस्तेमाल किया है। वीरवार की सुबह फिर श्रीनगर में एक स्कूल में घुसकर दो शिक्षकों की गोली मारकर हत्या कर दी।

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कश्मीर में बीते पांच साल से जारी आतंकी हिंसा का मुख्य केंद्र दक्षिण कश्मीर में जिला शोपियां और पुलवामा है। दोनों जिलों से ही सबसे ज्यादा स्थानीय आतंकी विभिन्न जिहादी संगठनों में भर्ती हुए हैं। मध्य कश्मीर के गांदरबल और उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में इस वर्ष एक भी राजनीतिक कार्यकर्ता पर हमला नहीं हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक, इस वर्ष श्रीनगर में आतंकियों ने आठ, कुलगाम में पांच, अवंतीपोरा पुलिस जिला में चार, बारामुला व अनंतनाग में दो-दो और बडगाम व बांडीपोरा में एक-एक टारगेट किलिंग को अंजाम दिया है।

25 में से 17 हत्याओं को लश्कर-ए-तैयबा या फिर उसका हिट स्क्वाड कहे जाने वाले आतंकी संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट जम्मू कश्मीर ने ही अंजाम दिया है। दक्षिण कश्मीर के त्राल में एक एसपीओ व उसकी पत्नी व बेटी के अलावा त्राल म्युनिसिपल कमेटी के तत्कालीन चेयरमैन राकेश पंडिता की हत्या जैश ए मोहम्मद के आतंकियों ने की है। बीते मंगलवार को श्रीनगर में हुई तीन हत्याओं में से एक इस्लामिक स्टेट विलाया हिंद जिसे इस्लामिक स्टेट आफ जम्मू कश्मीर भी कहते हैं, ने अंजाम दी है। अन्य दो हत्याएं टीआरएफ की कारस्तानी हैं।

अधिकतर वारदातों में पिस्तौल का इस्तेमाल : जम्मू कश्मीर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आतंकियों ने टारगेट किलिंग में सिर्फ पिस्तौल का ही इस्तेमाल किया है। त्राल, कुलगाम व सोपोर में हुई लगभग पांच वारदातों में ही हत्यारों ने एसाल्ट राइफल इस्तेमाल की है। पिस्तौल का इस्तेमाल बताता है कि हत्यारा कोई पुराना आतंकी नहीं है, बल्कि वारदात को अंजाम देने से चंद दिन पहले किसी आतंकी संगठनों का हिस्सा बनने वाला स्थानीय आतंकी या फिर ओवरग्राउंड वर्कर है।

पिस्तौल को छिपाना या फिर वारदात के बाद किसी जगह फेंक कर भीड़ में शामिल होना आतंकियों के लिए आसान होता है। किसी भी नौसिखिए आतंकी के लिए पिस्तौल का इस्तेमाल आसान रहता है। एसाल्ट राइफल भीड़ भरे इलाकों में सिर्फ पुराने और प्रशिक्षित आतंकी ही इस्तेमाल करने में कामयाब रहते हैं या फिर कोई विदेशी आतंकी इनका इस्तेमाल करता है। एसाल्ट राइफल का इस्तेमाल बड़े हमलों में किया जाता है। पुलवामा जिला और शोपियां जिला इनसे पूरी तरह अछूता रहा है। श्रीनगर में सबसे ज्यादा किलिंग हुई हैं। श्रीनगर में भीड़ ज्यादा है। वादी के हर इलाके से लोग आते हैं और श्रीनगर में वारदात ज्यादा सुर्खियां बटोरती है।

 कब-कब कहां हुई वारदात

  • 27 जनवरी को सौरा श्रीनगर में नदीफ हनीफ आतंकी हमले में मारा गया।
  • 28 फरवरी को श्रीनगर कृष्णा ढाबा मालिक के पुत्र आकाश मेहरा की हत्या।
  • 29 मार्च को सोपोर में दो काउंसिलरों की हत्या, एक पुलिसकर्मी शहीद।
  • 11 अप्रैल को बड़गाम में मागाम में एक पूर्व पुलिसकर्मी निसार की हत्या।
  • 29 मई को अनंतनाग के जबलीपोरा बिजबिहाड़ा में दो नागरिकों को मौत के घाट उतारा।
  • 2 जून को त्राल मेें आतंकियों ने भाजपा नेता राकेश पंडिता की हत्या की
  • 23 जून को श्रीनगर के हब्बा कदल में आतंंकियों ने उमर को दुकान में कत्ल किया
  • 27 जून को अवंतीपोरा में एसपीओ फैयाज, उनकी पत्नी राजा बेगम और बेटी राफिया जान की हत्या
  • 23 जुलाई को त्राल के लुरगाम गांव में शिक्षा विभाग में जावेद अहमद मलिक को आतंकियों ने मौत के घाट उतारा
  • 27 जुलाई को श्रीनगर के नवाकदल इलाके में मेहरान अली का कत्ल।
  • 9 अगस्त को रेडवानी कुलगाम के गुलाम रसूल डार और पत्नी जवाहीरा बेगम को अनंतनाग में मौत के घाट उतारा।
  • 17 अगस्त को कुलगाम जिले के ब्राजलू इलाके में भाजपा कार्यकर्ता जावेद डार की हत्या।
  • 19 अगस्त को कुलगाम में अपनी पार्टी से जुड़े गुलाम हसन लोन आतंकियों के हाथों मारे गए।
  • 18 सितंबर को बिहार के प्रीतनगर कटिहार निवासी शंकर कुमार चौधरी की कुलगाम के नेहामा इलाके में आतंकियों ने हत्या की।
  • 2 अक्टूबर को श्रीनगर के कर्णनगर में माजिद अहमद गोजरी और एसडी कालौनी बटमालू में मोहम्मद शफी डार की हत्या हुई।
  • 5 अक्टूबर को श्रीनगर में माखन लाल बिंदरू, लाल बाजार में बिहार के वीरेंद्र पासवान और शाहगुंड बांडीपोर मेें मोहम्मद शफी लोन की हत्या।
  • 7 अक्टूबर को श्रीनगर के ईदगाह हायर सेकेंडरी स्कूल में घुसकर प्रिसिंपल रुपिंदर कौर और शिक्षक दीपक चंद की हत्या कर दी।

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