कोविड-19 की रोकथाम के लिए मजहबी नेताओं व धर्मगुरुओं का सहारा
राज्य ब्यूरो श्रीनगर जम्मू कश्मीर में कोविड-19 के संक्रमण और इससे होने वाली मौतों की लगा
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में कोविड-19 के संक्रमण और इससे होने वाली मौतों की लगातार बढ़ती संख्या के मद्देनजर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को प्रदेश के विभिन्न धर्मगुरुओं और मजहबी संगठनों के नेताओं को इस महमारी के खिलाफ अपनी जिम्मेदारी निभाने को कहा। उन्होंने कहा कि कोरोना को हराने के लिए आम लोगों में जागरुकता पैदा करने, उन्हें अपने व्यवहार में बदलाव लाने के लिए जिस तरह से मजहबी नेता प्रभावित कर सकते हैं, कोई दूसरा नहीं कर सकता। उन्होंने यह विचार श्रीनगर में शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआइसीसी) में आयोजित धर्मगुरुओं और मजहबी नेताओं के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने मजहबी नेताओं के सुझावों को भी यथासंभव कोविड-19 प्रबंधन की निर्देशावली में शामिल करने का यकीन दिलाया है।
कोविड-19 प्रबंधन में मजहबी नेताओं की भागेदारी को बढ़ाने के इरादे से बुलाए गए इस सम्मेलन में प्रदेश के विभिन्न वर्गाें और समुदायों के मजहबी नेताओं ने भाग लिया। इसके अलावा प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले कई धर्मगुरुओं और मजहबी नेताओं ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए इसमें अपनी भागीदारी सु़निश्चित की।
उपराज्यपाल ने कहा कि मजहबी नेता कोरोना संक्रमण से बचाव के उपायों के प्रति आम लोगों में जागरुकता पैदा करें। लोग कैसे अपने व्यवहार को बदलकर इस महामारी को हरा सकते हैं। धर्मगुरुओं को यह अपने अनुयायियों को बताना चाहिए और उन्हें अपनी आदतों में बदलाव के लिए प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि धर्मगुरु और मजहबी नेता अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर आम जनमानस को नियमित व्यायाम, पौष्टिक आहार और आयुर्वेदिक व यूनानीदवाओं के जरिए शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए कहें। उन्होंने कहा कि मजहबी नेताओं का लोगों पर बहुत प्रभाव रहता है।
बैठक में मौजूद मजहबी नेताओं ने एकसुर में उपराज्यपाल और प्रशासन को यकीन दिलयाया कि वह कोविड महामारी को हराने में अपना पूरा सहयाग करेंगे। इस अवसर पर उन्होंने हालात जल्द सामान्य होने व समस्त मानवजाति के कल्याण के लिए प्रार्थना भी की।
उपराज्यपाल ने भी यकीन दिलाया कि सभी मजहबी नेताओं के सुझावों पर गंभीरता से विचार करते हुए उन्हें कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में शामिल किया जाएगा। उन्होंने मजहबी नेताओं से कहा कि जम्मू कश्मीर प्रदेश के प्रत्येक नागरिक के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना को लागू किया जा रहा है। जम्मू कश्मीर स्वास्थ्य योजना के तहत प्रत्येक परिवार को सालाना पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा लाभ मिलेगा। इसलिए मजहबी नेताओं को चाहिए कि वह लोगों के बीच इस योजना के प्रति जागरुकता पैदा कर उन्हें इसका लाभ प्राप्त करने को प्रेरित करें। इस मौके पर नीति अयोग के सदस्य डा वीके पाल भी मौजूद रहे।