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एआइसीटीई ने नोटिस जारी कर कहा- जम्मू-कश्मीर व लद्दाख के विद्यार्थी गुलाम कश्मीर के संस्थानों में न लें दाखिला

गुलाम कश्मीर में शिक्षण व तकनीकी संस्थान मान्यता प्राप्त नहींएआइसीटीई ने नोटिस जारी कर जम्मू कश्मीर व लद्दाख के विद्यार्थियों को दाखिला नहीं लेने की दी सलाह

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 09:32 AM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 10:49 AM (IST)
एआइसीटीई ने नोटिस जारी कर कहा- जम्मू-कश्मीर व लद्दाख के विद्यार्थी गुलाम कश्मीर के संस्थानों में न लें दाखिला
एआइसीटीई ने नोटिस जारी कर कहा- जम्मू-कश्मीर व लद्दाख के विद्यार्थी गुलाम कश्मीर के संस्थानों में न लें दाखिला

जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर और लद्दाख के विद्यार्थियों को सलाह दी गई है कि वे गुलाम कश्मीर के शिक्षण व तकनीकी संस्थानों में दाखिला न लें। कारण, ये संस्थान मान्यता प्राप्त नहीं हैं। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजूकेशन (एआइसीटीई) ने यह सलाह दी है।

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एआइसीटीई ने नोटिस जारी कर कहा है कि गुलाम कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, लेकिन वहां पर शैक्षिक संस्थानों, विश्वविद्यालयों, मेडिकल कॉलेजों व तकनीकी संस्थानों को केंद्र सरकार ने स्थापित नहीं किया है। ये संस्थान विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), एआइसीटीई व मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त नहीं हैं। इसलिए विद्यार्थियों को सलाह दी जाती है कि वे गुलाम कश्मीर के अलावा गिलगित व बाल्टिस्तान सहित पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले क्षेत्र में स्थित किसी कॉलेज, विश्वविद्यालय, तकनीकी संस्थान, इंजीनियरिंग, फार्मेसी, मैनेजमेंट या अन्य संस्थानों में दाखिला न लें। इन्हें मान्यता प्रदान नहीं की गई है। इसके लिए केंद्र सरकार के अधीन अन्य विनियामक निकायों की ओर से परामर्शिका जारी की गई है।

जम्मू-कश्मीर एजूकेशन निवेशक नीति 2020 को लागू करने की तैयारी

जम्मू- कश्मीर में शिक्षा का ढांचा विश्व स्तरीय बनाने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश किया जाएगा। शिक्षा की गुणवत्ता पर खास ध्यान दिया जाएगा। जम्मू कश्मीर एजूकेशन निवेशक नीति 2020 को अंतिम रूप देने के लिए बैठक चार जून को होगी। इस नीति पर मुहर लगने से जम्मू कश्मीर में शिक्षा के क्षेत्र में निवेश के रास्ते खुलेंगे। नीति का पूरा मसौदा तैयार किया जा चुका है।

इस पर व्यापक विचार विमर्श करने के लिए प्रमुख सचिव असगर सेमून की अध्यक्षता में श्रीनगर में बैठक होगी। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों से विचार विमर्श होगा। इसे मंजूरी के लिए प्रशासनिक काउंसिल को भेजा जाएगा। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद शिक्षा को पटरी पर लाने के लिए तेजी के साथ प्रयास किए जा रहे है। शिक्षा नीति का खास पहलू यह होगा कि इसमें निवेश के जरिए ढांचे को मजबूत किया जाएगा। बाहरी राज्यों की तरह ही आवासीय स्कूल खोलने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम को अपनाया जाएगा।

वहीं दूसरी तरफ शिक्षा के अधिकार कानून के नियम भी बन चुके है। शिक्षा के अधिकार कानून के नए नियमों में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। प्रमुख सचिव का कहना है कि नियम तैयार हो चुके है। जल्द ही प्रशासनिक काउंसिल की बैठक में मंजूरी के लिए जाएंगे।

जम्मू कश्मीर एजूकेशन निवेशक नीति 2020 के मुख्य बिंदु: 

  • एजूकेशन सिटी बनाई जाएगी जिसमें पर दो सौ करोड़ का निवेश किया जाएगा।
  • एजूकेशन सिटी में स्मार्ट स्कूल, कालेज, तकनीकी संस्थान, नर्सिंग व पैरा मेडिकल स्कूल, लॉ स्कूल, कृषि, बागवानी को बढ़ावा देने के लिए स्कूल आदि शामिल होंगे।
  • जम्मू कश्मीर में पाठयक्रम सुधार, विस्तार, ढांचागत सुविधाएं, अध्यापकों का सहयोग, इंडस्ट्री शिक्षाविद् सहयोग, कौशल विकास, बुनियादी ट्रेनिंग देने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
  • पाठ्यक्रम में व्यापक सुधार लाया जाएगा। सभी कालेजों को नैक की मान्यता दिलाने के लिए काम होगा। करियर काउंसलिंग एंड प्लेसमेंट, राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय एक्सचेंज कार्यक्रम, जम्मू कश्मीर कौशल विकास मिशन को मजबूत करने जैसे पहलुओं को इसमें शामिल किया गया है।
  • खेलों को बढ़ावा देने के लिए जम्मू कश्मीर में स्पोर्टस यूनिवर्सिटी बनाने का प्रस्ताव भी शामिल किया गया है। जम्मू कश्मीर में नए प्राइवेट स्कूल, आवासीय स्कूल, कालेज, तकनीकी संस्थानों को निमंत्रण देने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम तैयार किया जाएगा। 

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