स्टार्ट अप नीति से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : उद्योग एवं वाणिज्य विभाग ने मंगलवार को जम्मू कश्मीर स्टार्ट-अप पॉलिसी-2018
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : उद्योग एवं वाणिज्य विभाग ने मंगलवार को जम्मू कश्मीर स्टार्ट-अप पॉलिसी-2018 को औपचारिक रूप से लागू कर दिया। इस नीति को पिछले सप्ताह राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में हुई राज्य प्रशासनिक परिषद की बैठक में अनुमोदित किया गया था।
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव सचिव शैलेंद्र कुमार ने जम्मू कश्मीर स्टार्ट-अप पॉलिसी-2018 के बारे में बताया कि यह राज्य में युवा और नवोदित उद्यमियों को प्रोत्साहित करने और स्टार्ट-अप के अनुकूल माहौल बनाने के इरादे से लागू की गई है। उन्होंने कहा कि यह नीति नवाचार और डिजाइन के माध्यम से स्टार्टअप को विकसित करने के लिए सशक्त बनाएगी जिससे आíथक विकास में तेजी लाने और रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी। यह नीति निजी क्षेत्र सहित राज्य के सभी तीनों क्षेत्रों में कम से कम 10 नए अत्याधुनिक इनक्यूबेटर, इनोवेशन लैब्स और फैब्रिकेशन लैब्स की स्थापना के माध्यम से नए स्टार्ट-अप के विकास को सुविधाजनक बनाएगी। इस नीति के प्रभावी कार्यान्वयन, निगरानी और मूल्यांकन के लिए एक मजबूत संस्थागत ढांचा स्थापित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ऊष्मायन के दौरान 12,000 रुपये (एक वर्ष की अवधि के लिए) तक मासिक भत्ता और 12 लाख रुपये तक की एक बार सहायता उत्पाद अनुसंधान और विकास के लिए एक मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप या एक अभिनव उत्पाद या सेवा की शुरुआत में दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि एक स्टार्ट-अप, सार्वजनिक सहायता प्रक्रियाओं में ऊर्जा सहायता, अंतरराष्ट्रीय पेटेंट फाइ¨लग लागत प्रतिपूíत, कर लाभ/छूट के लिए पात्र होगा। नीति खाद्य प्रसंस्करण और सहयोगी गतिविधियों में विघटनकारी मूल्यवर्धन, बागवानी और फूलों की खेती, कपड़ा, परिधान और फैशन प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, हस्तशिल्प और हैंडलूम और उनके डिजाइन तत्व, इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण सहित विघटनकारी मूल्यवर्धन के साथ स्टार्ट-अप पर विशेष ध्यान देगी। नीति दस साल के लिए या फिर राज्य सरकार द्वारा स्टार्ट अप के लिए कोई नई नीति लागू किए जाने तक प्रभावी रहेगी।