बर्फ की कलाकृतियों पर मोहित हो रहे पर्यटक
मध्य कश्मीर के बड़गाम जिले का एक युवा ने भी बर्फ की कार बनाकर लोगों को चकित कर दिया है। उसकी कलाकारी देख लोग दांतों तले अंगुली दबाने पर मजबूर हो जाते हैं।
-श्रीनगर से सटे नौगाम चौक में बर्फ से बनी कार देखने दूर-दूर से खिंचे चले आ रहे लोग
-दो दिन में तैयार की कार, दूर से देखने पर बीएमडब्ल्यू जैसी लगती है
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संवाद सहयोगी, श्रीनगर : बर्फबारी के दौरान वादी की खूबसूरती को निहारने के लिए दूर-दूर से पर्यटक खिंचे चले आते हैं। बर्फ पर मौज मस्ती करने के साथ वे खूबसूरत नजारों को अपने कैमरों में कैद कर ले जाते हैं। स्थानीय लोग बर्फ से विभिन्न आकृतियां बनाकर पर्यटकों को आकर्षित करने में किसी से पीछे नहीं रहते।
मध्य कश्मीर के बड़गाम जिले का एक युवा ने भी बर्फ की कार बनाकर लोगों को चकित कर दिया है। उसकी कलाकारी देख लोग दांतों तले अंगुली दबाने पर मजबूर हो जाते हैं। दूर से देखने पर यह बिलकुल बीएमडब्ल्यू कार जैसी लगती है। कार एक्सेसरीज बेचने वाला 22 वर्षीय जुबैर ने यह कार श्रीनगर से सटे नौगाम चौक में सड़क किनारे बनाई है। यहीं पर वह कार एक्सेसरीज की दुकान चलाता है। बर्फ की इस कार को देखने के लिए लोग दूर-दूर से खिंचे चले आ रहे हैं। इसके साथ ही फोटो भी खींचते हैं। जुबैर ने कहा कि उसने यह कार दो दिन में तैयार की है। कार को खूबसूरत और असली बीएमडब्ल्यू की तरह दिखने के लिए इस पर रंगीन स्प्रे छिड़का है। जुबैर ने बताया कि उसे बचपन से ही स्नो आर्ट का शौक रहा है। बचपन में वह बर्फ से गाड़ियां, शिकारे व स्नोमैन बनाता था। पिछले साल उसने बर्फ का ताजमहल भी बनाया था, जिसे देखने के लिए हजारों लोग आए थे। अगर उसे अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिले तो वह बर्फ से कुछ भी बना कर दिखा सकता है। चिल्ले कलां के दौरान स्नो आर्ट
जुबैर ने बताया कि बर्फबारी होते ही वह स्नो आर्ट में लग जाता है और लोगों को लुभाने के लिए बर्फ से विभिन्न चीजें बनाना शुरू कर देता है। स्नो आर्ट वह चिल्ले कलां के दौरान ही करता है क्योंकि इस समय तापमान जमाव बिंदु से नीचे रहने से बर्फ आसानी से नहीं पिघलती। बर्फ से बनी चीजें ज्यादा दिनों तक टिकी रहती हैं। यह चिल्ले कलां की सर्दी है
वादी में इन दिनों चिल्ले कलां का दौर चल रहा है। 21 दिसंबर से शुरू हुआ चिल्ले कलां 31 जनवरी को समाप्त हो जाएगा। इस बीच चिल्ले कलां ने दो बार वादी को बर्फ की मोटी चादर से ढक दिया है। चिल्ले कलां समाप्त होने के बाद एक फरवरी को 20 दिवसीय चिल्ले खुर्द (चिल्ले कलां से कम तीव्रता वाला ठंड का दौर) और उसके बाद 19 फरवरी से कम तीव्रता वाला दस दिवसीय सर्दी का दौर चिल्ले बाइच शुरू होता है।
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