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बारामुला आतंकी हमले में बाल-बाल बचा दुकानदार, सर्च आपरेशन जारी

आतंकियों को देखते ही उसने तुरंत शटर को पूरा बंद करने का प्रयास किया लेकिन आतंकियों ने उस पर गोली चला दी। गोली शटर में लगी और दुकानदार बच गया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 19 Oct 2019 05:36 PM (IST)Updated: Sat, 19 Oct 2019 05:51 PM (IST)
बारामुला आतंकी हमले में बाल-बाल बचा दुकानदार, सर्च आपरेशन जारी
बारामुला आतंकी हमले में बाल-बाल बचा दुकानदार, सर्च आपरेशन जारी

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। बंद के फरमान की ना-फरमानी से हताश आतंकियों ने शनिवार को बारामुला में एक दुकानदार की हत्या का प्रयास किया। अलबत्ता, नाकाम रहने पर भाग निकले। फिलहाल, सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके की घेरबंदी कर तलाशी अभियान चलाया है।

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यहां मिली जानकारी के अनुसार, बारामुला में सब्जी मंडी के पास एक सुनार ने आतंकियों के बंद के फरमान को नकारते हुए बीते दिनों की तरह आज भी अपनी दुकान खोली थी। उसने दुकान का आधा शटर उठाया था और भीतर ग्राहकों से बातचीत कर रहा था। इसी दौरान उसकी दुकान के बाहर कुछ आतंकी आए। आतंकियों को देखते ही उसने तुरंत शटर को पूरा बंद करने का प्रयास किया, लेकिन आतंकियों ने उस पर गोली चला दी। गोली शटर में लगी और दुकानदार बच गया। गोलियों की आवाज सुनकर स्थानीय लोग वहां पहुंच गए।

इससे पहले की लोग वहां पहुंचे और सुरक्षाबलों को कोई सूचित करता, आतंकी वहां से फरार हो गए। वहीं मौके पर पहुंचे सुरक्षाबलों ने लोगों की निशानदेही पर इलाके की घेराबंद कर आतंकियों की तलाश शुरू कर दी है। सूत्रों का कहना है कि आतंकी ज्यादा दूर नहीं निकले हैं, वे आसपास ही कहीं शरण लिए हुए हैं। पुलिस के एसओजी व सेना के जवानों ने क्षेत्र में आने-जाने वाले रास्तों पर नाके लगाए हुए हैं और सर्च अापरेशन चल रहा है। अभी तक आतंकियों का पता नहीं चल पाया है।

पिछले छह दिनों में यह कश्मीर में घटित चौथी आतंकवादी वारदात है। इससे पहले गत वीरवार देर रात को आतंकवादियों ने सोपोर फ्रूट मंडी में सेब की पेटियों को आग की भेंट चढ़ा दिया था। जबकि उससे एक दिन पहले यानी बुधवार को आतंकवादियों ने छत्तीसगढ़ के श्रमिक और पंजाब के एक व्यापारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। यही नहीं सोमवार को जब प्रशासन ने घाटी में पोस्टपेड मोबाइल सेवा शुरू की, उसी रात आतंकवादियों ने राजस्थान के ट्रक चालक की हत्या करने के बाद उसके ट्रक को आग लगा दी थी।

इन घटनाओं से यही साबित होता है कि आतंकवादी संगठन कश्मीर में सामान्य होते हालात व लोगों में कम होते उनके भय से काफी हद तक हताश हो चुके हैं। अपना दबदबा कायम करने के लिए अब वे सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के बजाय बाहरी व स्थानीय लोगों को निशाना बनाने भी परहेज नहीं कर रहे हैं। 


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