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बारामूला में आग लगने से तबाह हो गया शेरवानी हाल, जोरदार धमाका भी हुआ

बारामुला कस्बे के बाहरी हिस्से में सड़क किनारे स्थित शेरवानी हाल में आज दोपहर बाद करीब 2.30 बजे अचानक आग लग गई। हाल में आग की लपटों को देखते ही वहां आसपास मौजूद सभी लोग जमा हो गए।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Sun, 16 Jan 2022 08:57 PM (IST)Updated: Sun, 16 Jan 2022 08:57 PM (IST)
बारामूला में आग लगने से तबाह हो गया शेरवानी हाल, जोरदार धमाका भी हुआ
दमकल कर्मी मौके पर पहुंच गए और करीब एक घंटे के भीतर आग पर काबू पा लिया गया।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : कश्मीर पर कब्जे के पाकिस्तानी मंसूबे को नाकाम बनाने वाले शहीद मकबूल शेरवानी की बलिदान को याद दिलाने वाला बारामुला स्थित शेरवानी हाल संदिग्ध परिस्थितियों में लगी आग में क्षतिग्रस्त हो गया। पुलिस ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। प्राथमिक जांच के मुताबिक आग रसोई गैस सिलेंडर में रिसाव से लगने की आशंका जताई गई है।

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बारामुला कस्बे के बाहरी हिस्से में सड़क किनारे स्थित शेरवानी हाल में आज दोपहर बाद करीब 2.30 बजे अचानक आग लग गई। हाल में आग की लपटों को देखते ही वहां आसपास मौजूद सभी लोग जमा हो गए। उन्होंने उसी समय पुलिस व दमकल विभाग को सूचित करते हुए आग बुझाने का प्रयास किया। दमकल कर्मी भी अपने साजो सामान समेत मौके पर पहुंच गए और करीब एक घंटे के भीतर आग पर काबू पा लिया गया। आग में हाल और उसके भीतर रखा साजो सामान क्षतिग्रस्त हो गया है।

बारामुला में होने वाले सभी प्रमुख सामाजिक व राजनीतिक समारोह और सेमीनार शहीद शेरवानी हाल ही में आयोजित किए जाते थे। म्यूनिसिपल कमेटी बारामुला के चेयरमैन तौसीफ रैना ने बताया कि हाल की देखरेख के लिए एक चौकीदार भी नियुक्त है। हादसे के समय वह वहां नहीं था। आग की लपटें जब शुरू हुई तो एक जोरदार धमाका भी हुआ था जो संभवत: चौकीदार द्वारा खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले रसोई गैस सिलेंडर का था। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और अाग के कारणों की जांच की जा रही है। प्राथमिक जांच में रसोई गैस में रिसाव को ही इस घटना के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है,लेकिन जब तक जांच पूरी नहीं होती, कुछ भी पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता।

कौन था मकबूल शेरवानी : कश्मीर पर कब्जे की पाकिस्तान की नापाक साजिश को नाकाम बनाने वाला मकबूल शेरवानी उत्तरी कश्मीर के बारामुला का ही रहने वाला था। भारत-पाक विभाजन के बाद जब पाकिस्तानी सेना बारामुला पर कब्जा करने के बाद जब आगे बढ़ रही थी तो उसके बढ़ते कदम मकबूल शेरवानी ने ही रोके थे। उसने पाकिस्तानी सैन्याधिकारियों को श्रीनगर जल्द पहुंचाने के बजाय उन्हें तीन दिनों तक गुमराह किया। इस दौरान भारतीय सेना ने अपनी किलेबंदी मजूबत करते हुए पाकिस्तानी सेना को खदेड़ना शुरू कर दिया।

पाकिस्तानी सैन्याधिकारियों को जब असलियत पता चली तब तक बहुत देर हाे चुकी थी। उन्होंने मकबूल शेरवानी को फिर अपने पास बुलाया और उसके बाद उन्होंने उसे सबके सामने बारामुला चौराहे पर सरेआम लटकाते हुए उसके शरीर पर कीलें दागी। इसके बाद उसे गोली मार दी गई। भारतीय सेना ने जब बारामुला में प्रवेश किया तो मकबूल शेरवानी वीरगति को प्राप्त कर चुका था। उसका शव नीचे उतारा गया और पूरे सम्मान के साथ उसे सुपुर्दे खाक किया गया।


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