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तुर्की जा रहे शाह फैसल दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार, पीएसए लगाकर श्रीनगर में किया नजरबंद Srinagar News

दिल्ली एयरपोर्ट से हिरासत में लेने के बाद शाह फैसल को श्रीनगर में उनके घर पर लाया गया। यही नहीं प्रशासन ने पीएसए लगाते हुए उन्हें घर पर ही नजरबंद कर दिया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 14 Aug 2019 05:38 PM (IST)Updated: Wed, 14 Aug 2019 05:38 PM (IST)
तुर्की जा रहे शाह फैसल दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार, पीएसए लगाकर श्रीनगर में किया नजरबंद Srinagar News
तुर्की जा रहे शाह फैसल दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार, पीएसए लगाकर श्रीनगर में किया नजरबंद Srinagar News

श्रीनगर, जेएनएन। नौकर शाह से राजनेता बने जम्मू एंड कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के संस्थापक शाह फैसल को दिल्ली एयरपोर्ट से हिरासत में ले लिया गया है। भारत को छोड़ तुर्की जा रहे शाह फैसल को श्रीनगर लाया गया है और उन पर जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) लगा उनके घर में ही नजरबंद कर दिया गया है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने के बाद शाह फैसल लगातार केंद्र सरकार के इस कदम की आलोचना करते आ रहे थे। यही नहीं वे दिल्ली में रहकर सोशल मीडिया पर लगातार इसका विरोध कर रहे थे।

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गत दिनों शाह ने ट्वीटर पर यह चेतावनी देते हुए कहा कि कश्मीर में फिर से राजनीतिक अधिकारों की बहाली के लिए एक अहिंसक राजनीतिक जन आंदोलन की जरूरत है। यही नहीं उन्होंने कश्मीर में राजनीतिक अधिकारों की बहाली के लिए एक लंबे, निरंतर, अहिंसक राजनीतिक जन आंदोलन की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने अपने ट्वीटर पर यह भी लिखा कि धारा 370 को समाप्त करने से मुख्यधारा खत्म हो गई है। संवैधानिक स्वरूप खत्म हो गया है, इसलिए आप या तो एक कट्टरपंथी हो सकते हैं या अलगाववादी।

यही नहीं शाह फैसल ने ईद से पहले भी ट्वीट करते हुए घाटी के लोगों की भावनाओं को भड़काने का काम किया। उन्होंने लिखा कि कोई ईद नहीं है। दुनिया भर के कश्मीरी अपनी जमीन पर अवैध अवैध कब्जे का शोक मना रहे हैं। 1947 से लेकर अब तक जो भी कश्मीरियों से छीना गया है, जब तक वापिस नहीं मिल जाता कोई ईद नहीं मनाई जाएगी। जब तक अपमान का बदला नहीं ले लेते ईद नहीं होगी। हालांकि उनके इस ट्वीट के बाद उनके आलोचकों ने उन पर देशद्रोह का तक का आरोप लगाया था।

दिल्ली एयरपोर्ट से हिरासत में लेने के बाद शाह फैसल को श्रीनगर में उनके घर पर लाया गया। यही नहीं प्रशासन ने पीएसए लगाते हुए उन्हें घर पर ही नजरबंद कर दिया है। सनद रहे कि इससे पहले जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, अलगाववादी नेताओं के साथ अन्य कई राजनीतिज्ञों को अनुच्छेद 370 हटाने से पहले नजरबंद कर दिया गया था। कश्मीर घाटी में फोन और इंटरनेट सेवाएं अभी भी बंद हैं और कई इलाकों में कर्फ्यू जैसी पाबंदियां हैं।

शाह फैसल कश्मीर से वर्ष 2009 में आइएएस करने वाले पहले टाॅपर हैं। उन्होंने 2018 में प्रशासनिक अधिकारी की नौकरी छोड़ राजनीति में प्रवेश किया। यही नहीं उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अपनी राजनीतिक जड़ें मजबूत करने के लिए जम्मू एंड कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट दल का गठन भी किया है।


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