कश्मीरियों को फिर चुनाव बहिष्कार के लिए उकसाया
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : अलगाववादी खेमे ने सोमवार को पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे पर भारत के आग
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : अलगाववादी खेमे ने सोमवार को पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे पर भारत के आगे हाथ न पसारने की ताकीद करते हुए कश्मीरियों को चुनाव बहिष्कार के लिए एक बार फिर उकसाया। अलगाववादी खेमे के मुताबिक वोट डालने का मतलब ¨हदोस्तान के आगे घुटने टेकने और कश्मीरियों की हार है।
ऑल पार्टी हुíरयत कांफ्रेंस के गिलानी गुट की ओर से इमाम हुसैन की याद में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी, जेकेएलएफ चेयरमैन मोहम्मद यासीन मलिक और उदारवादी हुíरयत प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक सहित विभिन्न अलगाववादी नेताओं ने राष्ट्रविरोधी जहर उगला।
गिलानी ने कहा कि भारत-पाक में फिर जंग का माहौल बन रहा है। दोनों मुल्क एक दूसरे को धमका रहे हैं। कश्मीर मसले को सिर्फ बातचीत से ही हल किया जा सकता है, लेकिन यह संयुक्त राष्ट्र की सिफारिशों के आधार पर और त्रिपक्षीय होनी चाहिए। बातचीत तभी हो, जब कश्मीर को भारत अपना अटूट अंग बताने के बजाय विवादित क्षेत्र माने।
गिलानी ने कहा कि मैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से कहता हूं कि वह कश्मीर मुद्दे पर बातचीत के लिए भारत से भीख न मांगें। भारत जब तक कश्मीर पर अपना अड़ियल रवैया नहीं छोड़ेगा, कश्मीर मसला हल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि भारत, कश्मीर पर अपने कब्जे को सही ठहराने के लिए अक्सर नए तरीके चुनता है। चुनाव भी इसी साजिश के तहत होते हैं।
जेकेएलएफ चेयरमैन मोहम्मद यासीन मलिक ने कहा कि निकाय और पंचायत चुनाव का कश्मीरियों को बहिष्कार कर दुनिया को बताना होगा कि आम कश्मीरी ¨हदोस्तान से आजादी के लिए लड़ रहा है। इन चुनावों में भाग लेने का मतलब ¨हदोस्तान के आगे सरेंडर करना है।
उदारवादी हुíरयत प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने कहा कि कश्मीरियों को हक ए आजादी चाहिए। इसके लिए ही कश्मीरी अवाम बीते 70 वर्षो से संघर्ष कर रहा है। कश्मीर पर अपने कब्जे को सही ठहराने के लिए नई दिल्ली रोज नए तरीके इस्तेमाल करती है, लेकिन कश्मीरी अब झांसे में नहीं आने वाले। हम चाहते हैं कि कश्मीर मसला बातचीत से हल हो, लेकिन नई दिल्ली ने हमेशा बातचीत का एलान करने के बाद उसे नाकाम बनाने का काम किया है।