अब आतंकियों के मजबूत किले में सेंध की तैयारी
जम्मू कश्मीर में लोकसभा चुनाव के दो चरण समाप्त होने के बाद अब प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती अनंतनाग-पुलवामा क्षेत्र में सुरक्षित मतदान करवाना होगा।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में लोकसभा चुनाव के दो चरण समाप्त होने के बाद अब प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती अनंतनाग-पुलवामा क्षेत्र में सुरक्षित मतदान करवाना होगा। अनंतनाग आतंकवादियों का मजबूत किला माना जाता है। हालांकि इस क्षेत्र में चुनावी तैयारियां पहले से चल रही हैं। वह चाहे सुरक्षा की हों या मतदाताओं को जागरूक करने कीं। सुरक्षित, शांत एवं विश्वासपूर्ण माहौल में मतदान संपन्न कराने को जिला अंनतनाग में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। आतंकियों व अलगाववादियों पर निगरानी रखने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सर्वेलांस व आपात स्थिति से निपटने के लिए क्विक रिक्शन टीम (क्यूआरटी) और क्विक एक्शन टीम
(क्यूएटी) दस्ते तैनात किए हैं।
गौरतलब है कि अनंतनाग-पुलवामा देश का एकमात्र ऐसा संसदीय क्षेत्र है जहां तीन चरणों में मतदान होंगे। पूरे संसदीय क्षेत्र को तीन हिस्सों में बांटा है। उसके आधार पर 23 अप्रैल को अनंतनाग में, 29 अप्रैल को कुलगाम और छह मई को पुलवामा-शोपियां में मतदान होगा। अनंतनाग-पुलवामा संसदीय क्षेत्र के चुनावाधिकारी व जिला उपायुक्त खालिद जहांगीर ने कहा कि सबसे पहले अनंतनाग में होने वाले मतदान की पूरी तैयारी की है। राज्य पुलिस, सेना व केंद्रीय अर्धसैनिकबलों ने सुरक्षा का जिम्मा संभालते हुए आतंकियों के प्रभाव वाले इलाकों में नियमित तलाशी अभियान शुरू किए हैं। सभी संवेदनशील इलाकों में गश्त को बढ़ाया गया। प्रमुख राजनीतिक नेताओं व कार्यकर्ताओं और उम्मीदवारों की भी सुरक्षा बढ़ाई है। इलेक्ट्रॉनिक और वीडियो सर्वेलांस पर पुलिस ने अपने स्तर पर जिले में सक्रिय संदिग्ध तत्वों पर निगरानी शुरू कर दी है। लोगों को चुनाव से दूर रखने के लिए धमकाने वाले तत्वों की धरपकड़ की जा रही है। राजनीतिक दलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं को भी चुनाव आयोग की अवज्ञा से रोकने और अवज्ञा करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए एक तंत्र तैयार किया है। हालात की लगातार समीक्षा करते हुए उसके अनुरूप सुरक्षा प्रबंध किए जा रहे हैं। खालिद ने बताया कि जिला अनंतनाग में 1822 मतदान केंद्र स्थापित किए हैं। पूरे क्षेत्र में 14 लाख मतदाता हैं।