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अलगाववादियों का सचिवालय मार्च नाकाम

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : दक्षिण में जवाहर सुरंग से लेकर उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा से सटे जिला क

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 May 2018 06:47 PM (IST)Updated: Mon, 07 May 2018 06:47 PM (IST)
अलगाववादियों का सचिवालय मार्च नाकाम
अलगाववादियों का सचिवालय मार्च नाकाम

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : दक्षिण में जवाहर सुरंग से लेकर उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा से सटे जिला कुपवाड़ा तक सोमवार को दूसरे दिन भी कश्मीर घाटी में बंद और प्रशासनिक पाबंदियों के चलते जनजीवन ठप रहा। वहीं, पुलिस ने अलगाववादियों के सचिवालय घेराव के मंसूबों को बलपूर्वक नाकाम बना दिया। उदारवादी हुíरयत प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने नजरबंदी भंग कर जुलूस निकालने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें घर के बाहर ही गिरफ्तार कर लिया।

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कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी व मोहम्मद अशरफ सहराई समेत एक दर्जन अलगाववादियों को उनके घरों में नजरबंद रखा गया है, जबकि इंजीनियर हिलाल वार को पुलिस ने सुबह ही उनके घर से गिरफ्तार कर लिया। प्रशासन ने एहतियातन सभी संवेदनशील इलाकों में निषेधाज्ञा लागू करने के अलावा श्रीनगर समेत पांच जिलों शोपियां, पुलवामा, कुलगाम व अनंतनाग में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद रखा। ब्रॉड बैंड सेवा बहाल रखी गई, लेकिन सीमित गति के साथ। बनिहाल-बारामुला रेल सेवा दूसरे दिन भी बंद रही।

गौरतलब है कि अलगाववादी संगठनों के साझा मंच ज्वाइंट रजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) ने शनिवार को श्रीनगर के छत्ताबल इलाके में तीन आतंकियों और एक प्रदर्शनकारी की मौत के खिलाफ रविवार को कश्मीर बंद का आह्वान किया था, लेकिन रविवार को शोपियां में पांच अन्य आतंकियों और पांच प्रदर्शनकारियों की मौत के बाद इसे एक दिन के लिए और बढ़ाते हुए जेआरएल ने सचिवालय घेराव का एलान किया।

बंद का असर सुबह से ही नजर आया। श्रीनगर में नागरिक सचिवालय से सटी सड़कों पर वाहनों की आवाजाही या फिर रेहड़ी-फड़ी वाले ही नजर आए। अन्यत्र सभी दुकानें, निजी प्रतिष्ठान, बैंक और शिक्षण संस्थान बंद रहे। सड़कों पर वाहनों की आवाजाही नाममात्र रही। सचिवालय के बाहर अन्य सरकारी कार्यालय खुले जरूर थे, लेकिन कर्मियों की उपस्थिति नाममात्र रही। श्रीनगर में मैसुमा, करालखुड, नौहट्टा, खनयार, रैनावारी, महराजगंज और सफाकदल थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा के चलते क‌र्फ्यू जैसी स्थिति थी। शोपियां, पुलवामा, अनंतनाग, कुलगाम व गांदरबल में भी प्रशासन ने कई जगह निषेधाज्ञा का सहारा लेते हुए कई सड़कों को आम लोगों की आवाजाही के लिए बंद रखा ताकि कोई अलगाववादियों के आह्वान पर सचिवालय घेराव के लिए मार्च न कर सके।

इस बीच, मीरवाइज मौलवी उमर फारूक नजरबंदी का उल्लंघन कर अपने घर से बाहर निकल आए। वहां उनके समर्थकों की एक बड़ी तादाद मौजूद थी। इन लोगों ने राष्ट्रविरोधी नारेबाजी करते हुए सचिवालय घेराव को कामयाब बनाने के लिए मार्च शुरू किया, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें बलपूर्वक रोक लिया। मीरवाइज और उनके समर्थकों ने जब धक्का-मुक्की करते हुए आगे बढ़ने का प्रयास किया तो पुलिस ने हुíरयत नेता को उनके सात समर्थकों संग हिरासत में ले लिया। मीरवाइज और उनके समर्थक फिलहाल नगीन पुलिस स्टेशन में हैं।

हालांकि बंद के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता बंदोबस्त था। इसके बावजूद शोपियां, उरनहाल, गांदरबल और डाउन-टाउन में कई जगह पुलिस व शरारती तत्वों के बीच सुबह ¨हसक झड़पों का दौर चला।


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