Move to Jagran APP

नये साल में तेज होंगे आतंकरोधी अभियान

कश्मीर घाटी से केंद्रीय अर्धसैनिकबलों की अतिरिक्त टुकड़ियों की वापसी के बीच आतंकियों की साजिशों को नाकाम बनाने के लिए सुरक्षाबलों ने नई रणनीति के तहत काम शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Dec 2019 09:23 AM (IST)Updated: Fri, 27 Dec 2019 09:23 AM (IST)
नये साल में तेज होंगे आतंकरोधी अभियान
नये साल में तेज होंगे आतंकरोधी अभियान

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर घाटी से केंद्रीय अर्धसैनिकबलों की अतिरिक्त टुकड़ियों की वापसी के बीच आतंकियों की साजिशों को नाकाम बनाने के लिए सुरक्षाबलों ने नई रणनीति के तहत काम शुरू कर दिया है। पूरी वादी के अलावा जम्मू-श्रीनगर हाईवे और जम्मू प्रांत के आतंकवाद प्रभावित इलाकों में आतंकरोधी अभियान शुरू किए गए हैं। सभी सुरक्षा एजेंसियों को आतंकी हमलों से निपटने के लिए अपने क्विक एक्शन व रिएक्शन टीमों को चिन्हित स्थानों पर तैनात करने का निर्देश भी दिया गया है। संकेत साफ हैं, नये साल में जम्मू कश्मीर में आतंकरोधी अभियान में तेजी लाई जाएगी। जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह भी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को आतंकियों के सफाए के निर्देश दे चुके हैं।

loksabha election banner

विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां पहले ही आशंका जता चुकी हैं कि पाकिस्तान में बैठे आतंकी जम्मू कश्मीर में हालात बिगाड़ने के लिए हमले की साजिश रच रहे हैं। इससे पहले कि आतंकी कुछ करें, सुरक्षाबल सुरक्षा कड़ी करने के साथ ढूंढकर उनके सफाए में जुट गए हैं। राज्य के सभी प्रमुख धर्मस्थलों और अल्पसंख्यकों की बस्तियों, सभी सैन्य व पुलिस प्रतिष्ठानों, केंद्र व राज्य प्रशासन के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के अलावा पंचायत प्रतिनिधियों और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की सुरक्षा भी बढ़ाई जा रही है।

सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि बीते पांच माह के दौरान जिस तरह से कश्मीर में हालात लगभग सामान्य रहे हैं और स्थानीय लोगों ने आतंकी हिसा से मुंह मोड़ा है, उससे जिहादी संगठन पूरी तरह हताश हैं। उन्होंने बताया कि वादी में जुलाई-अगस्त माह के दौरान कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए बुलाए गए केंद्रीय अर्धसैनिकबल भी लौटने लगे हैं। ऐसे हालात में आतंकी संगठन किसी भी चूक का फायदा उठाकर अपने नापाक मंसूबों को अंजाम दे सकते हैं। इसलिए अतिरिक्त चौकसी की जरूरत है।

सूत्रों के अनुसार, इस समय जैश-ए-मोहम्मद, अल उमर मुजाहिदीन, हिज्ब और लश्कर के आतंकियों को एलओसी पार बैठे अपने सरगनाओं से लगातार निर्देश मिल रहा है कि वह जम्मू कश्मीर में जल्द कोई बड़ी कार्रवाई करें। यह आतंकी न सिर्फ घाटी बल्कि घाटी से बाहर भी हमले की फिराक में हैं। इसलिए किसी भी चूक से बचने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय ने खुफिया एजेंसियों के अलावा जम्मू कश्मीर पुलिस के साथ विचार विमर्श के आधार पर आतंकियों के मंसूबों को नाकाम बनाने के लिए एक विशेष कार्ययोजना बनाई है।

सूत्रों के अनुसार, आतंकवाद प्रभावित इलाकों में आतंकी गतिविधियों, नए लड़कों की आतंकी संगठनों में भर्ती और हिसक प्रदर्शनों के आकलन के आधार पर वर्गीकरण किया गया है। इसके आधार पर इन इलाकों में आतंकरोधी अभियानों की रूपरेखा तय करते हुए सुरक्षाबलों की तैनाती की जा रही है। इसके अलावा सभी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के आस-पास सीसीटीवी कैमरे स्थापित करने के साथ केंद्रीय अर्धसैनिकबलों को सुरक्षा का जिम्मा निभाने के लिए कहा गया है। हाईवे पर सभी संवेदनशील इलाकों में सीआरपीएफ व सेना के जवानों की गश्त के समय व तरीके में आवश्यक बदलाव करते हुए रोड ओपनिग पार्टियों को विस्फोटकों का पता लगाने वाले अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है। इसके अलावा विभिन्न शहरों व कस्बों में आने जाने के महत्वपूर्ण रास्तों और हाईवे को वादी के विभिन्न इलाकों से जोड़ने वाली संपर्क सड़कों पर विशेष नाके स्थापित करने के लिए कहा गया है। आतंकियों के सभी पुराने ओवरग्राउंड वर्करों, जेल से रिहा हुए आतंकियों और पुराने पत्थरबाजों की गतिविधियों की कड़ी निगरानी की जा रही है। इसके साथ ही इलेक्ट्रानिक सर्वेलांस को भी बढ़ाया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.