सीएए और एनआरसी मुद्दे पर भ्रम पैदा कर रहा विपक्ष
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राममाधव ने विपक्षी दलों पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) व राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण (एनआरसी) के मुद्दे पर लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा करने का आरोप लगाया है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राममाधव ने विपक्षी दलों पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) व राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण (एनआरसी) के मुद्दे पर लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यह किसी समुदाय या धर्म विशेष के खिलाफ नहीं है। प्रत्येक भारतीय के सर्वाधिकार सुरक्षित हैं। वह कश्मीर में पार्टी की राजनीतिक गतिविधियों का जायजा लेने पहुंचे थे।
पत्रकारों से राममाधव ने कहा कि भारत लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। नागरिकता संशोधन बिल पर किसी को संदेह करने की जरूरत नहीं है। यह किसी वर्ग या धर्म के खिलाफ नहीं है। विपक्षी दल जिनके पास कोई मुद्दा नहीं रहा है। लोगों को भड़काने के लिए भ्रम पैदा कर रहे हैं, वे राजनीतिक फायदों के लिए इसे अनावश्यक रूप से तूल देते हुए पूरे मामले को सांप्रदायिक रंग देने में जुटे हैं। बावजूद लोगों को असलियत समझ आ रही है। आतंकी हिसा पर भी रोक लगी :
जम्मू कश्मीर के मौजूदा राजनीतिक व सुरक्षा परि²श्य से जुड़े सवालों के जवाब में राममाधव ने कहा अनुच्छेद 370 हटने के बाद से कश्मीर घाटी में हालात बेहतर हुए हैं। पत्थरबाजी बंद हो चुकी है, अलगाववादी गतिविधियां बंद हो चुकी हैं। आतंकी हिसा पर भी रोक लगी है। यहां लोग विकास और शांति चाहते हैं। प्रशासन और केंद्र सरकार का पूरा ध्यान जम्मू कश्मीर के समग्र विकास व स्थायी शांति बहाली पर ही है। कश्मीर में हालात बेहतर हुए हैं। अर्धसैनिकबलों की टुकड़ियों को हटाया गया है। आने वाले दिनों में यहां स्थिति सामान्य हो जाएगी। इंटरनेट सेवा को जल्द बहाली की उम्मीद :
कश्मीर में इंटरनेट सेवा की बहाली पर उन्होंने कहा कि प्रशासन ने कई होटलों, टूर ऑपरेटरों, छात्रों व कुछ अन्य संस्थानों के लिए यह सुविधा बहाल की है। सार्वजनिक तौर पर भी इंटरनेट सेवा जल्द बहाली की उम्मीद है। यह फैसला स्थानीय प्रशासन को लेना है। वह हालात की समीक्षा के आधार पर जल्द ब्राड बैंड सेवा को चरणबद्ध तरीके से बहाल करेगा।
बिजली उत्पादन बढ़ाएं : बिजली संकट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में बिजली उत्पादन बढ़ाने व बिजली आपूर्ति ढांचे में व्यापक सुधार के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। हम स्थानीय प्रशासन पर जोर देंगे कि वह जम्मू कश्मीर में ठंड के प्रकोप को देखते हुए उपभोक्ताओं को यथासंभव अधिकतम बिजली आपूर्ति को यकीनी बनाए। कुछ नेताओं को रिहा किया : राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत विभिन्न राजनीतिक बंदियों की रिहाई पर किसी स्पष्ट जवाब से बचते हुए राममाधव ने कहा कि हालात में सुधार पर कुछ नेताओं को रिहा किया है। कइयों को उपजेल से उनके घरों में स्थानांतरित कर नजरबंद किया है। राजनीतिक नेताओं की रिहाई की लगातार चलने वाली प्रक्रिया है। जो नेता हिरासत में हैं या नजरबंद हैं, उनकी रिहाई का फैसला स्थानीय प्रशासन स्थिति का आकलन करने के बाद करेगा। उन्होंने कहा कश्मीर में ब्राडबैंड सेवा की बहाली और राजनीतिक बंदियों की रिहाई स्थिति का आकलन के आधार पर प्रशासन द्वारा चरणबद्ध तरीके से होगी। राममाधव भी रियल कश्मीर क्लब के फैन : राममाधव ने कहा कि कश्मीर में स्थिति बेहतर है। लोग अब अपनी आम जिदगी में लगातार व्यस्त हो रहे हैं। यहां आइलीग फुटबाल प्रतियोगिता का एक मैच हुआ है। मैं रियल कश्मीर फुटबाल क्लब व चेन्नई सिटी फुटबाल क्लब के बीच हुए मैच देखने ही आया था। मैं रियल कश्मीर का फैन हूं और 2-1 के अंतर से उसकी जीत से मैं खुश हूं। उम्मीद करता हूं कि अगले मैच भी रियल कश्मीर जीत प्रतियोगिता की ट्रॉफी अपने नाम करे। झारखंड में ऐसी हार की उम्मीद नहीं थी :
राममाधव ने झारखंड विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार को पूरी तरह अप्रत्याशित बताया। उन्होंने कहा कि हमें इसकी कोई उम्मीद नहीं थी। झारखंड में कहां चूक हुई, कैसे हुई और भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए पार्टी के वरिष्ठजनों की बैठक में मंथन किया जाएगा। महाराष्ट्र की स्थिति के लिए उन्होंने शिवसेना के विश्वासघात को जिम्मेदार ठहराया है।
पत्रकारों से बातचीत में राममाधव ने कहा कि झारखंड का परिणाम हमारी उम्मीदों से कहीं नीचे है। हमें पता था कि यह चुनाव हमारे लिए कुछ कठिन है। झारखंड मे हर पांच साल बाद सरकार बदलने की परंपरा रही है। हम बहुमत से इतना पीछे रहेंगे या हमारे वरिष्ठ नेता हारेंगे, यह हमने नहीं सोचा था।
महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार न बनने पर उन्होंने बिना नाम लिए शिवसेना को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के चुनाव परिणाम भाजपा गठबंधन के पक्ष में थे,लेकिन हमारे एक सहयोगी ने हमारे साथ विश्वासघात किया है। महाराष्ट्र का मामला विजयी के गले में पराजय का हार और पराजित के गले में जीत का हार पड़ने जैसा है।