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रसाना मामले की जांच स्थानांतरित करने की मांग

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर घाटी के राजनीतिक, सामाजिक, व्यापारिक संगठनों और वकीलों ने मंगलवार को

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Apr 2018 05:40 PM (IST)Updated: Wed, 11 Apr 2018 05:40 PM (IST)
रसाना मामले की जांच 
स्थानांतरित करने की मांग
रसाना मामले की जांच स्थानांतरित करने की मांग

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर घाटी के राजनीतिक, सामाजिक, व्यापारिक संगठनों और वकीलों ने मंगलवार को रसाना में नाबालिग से हुए दुष्कर्म और हत्या मामले में पुलिस को आरोप पत्र दायर करने से रोकने वाले कठुआ के वकीलों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। प्रमुख विपक्षी दल नेशनल कांफ्रेंस ने इस मामले को कठुआ के बजाय राज्य की किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित करने की मांग की है।

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गौरतलब है कि कठुआ के रसाना इलाके में करीब दो माह पहले आठ वर्षीय नाबालिग की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। राज्य पुलिस की अपराध शाखा ने इस मामले की जांच की और मुख्य आरोपी सहित करीब सात लोगों को गिरफ्तार किया। इसके बाद सोमवार को अपराध शाखा ने जब कठुआ की अदालत में आरोपपत्र दायर किया तो वहां मौजूद वकीलों के एक वर्ग ने अपराध शाखा के अधिकारियों से धक्का-मुक्की करते हुए उन्हें आरोप पत्र दायर करने से रोका था।

कठुआ में इस घटना को लेकर कश्मीर में तीव्र प्रतिक्रिया हुई है। इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक, सामाजिक व व्यापारिक संगठन एक नजर आए। नेकां के महासचिव अली मोहम्मद सागर ने प्रेस वार्ता बुलाकर कठुआ घटना की निंदा की। उन्होंने कहा कि कठुआ में जिस तरह वकीलों का आचरण देखने को मिला है, वह शर्मनाक है। वहां भाजपा से जुड़े लोग भी नाबालिग के हत्यारों का साथ देते हुए रैलियां कर रहे हैं। इसलिए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को अपना वादा याद रखते हुए जल्द न्याय दिलाना चाहिए। इस मामले को कठुआ के बजाय राज्य की किसी अन्य अदालत जहां निष्पक्ष सुनवाई हो, स्थानांतरित किया जाए।

मानवाधिकारवादी और सामाजिक कार्यकर्ता एडवोकेट बाबर कादरी के नेतृत्व में सुबह वकीलों के एक दल ने हाईकोर्ट श्रीनगर परिसर के बाहर न्याय की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। बाबर कादरी ने कहा कि कठुआ में जो कुछ हुआ, उससे साबित होता है कि वहां कुछ लोग पीड़िता को न्याय दिलाने के बजाय इस पूरे मामले को सांप्रदायिक रंग देकर अपराधियों को बचाना चाहते हैं। वकीलों को ऐसा नहीं करना चाहिए। अगर वह अपराधियों को बेगुनाह मानते हैं तो उन्हें अदालत में उनकी पैरवी कर बेगुनाह साबित करना चाहिए।

कश्मीर के विभिन्न व्यापारिक संगठनों के साझा मंच कश्मीर इकोनामिक एलांयस के अध्यक्ष यासीन खान ने कहा कि पुलिस को बिना देरी किए उन वकीलों को तुरंत गिरफ्तार करना चाहिए, जिन्होंने नाबालिग की हत्या करने वालों को बचाने के लिए आरोप पत्र दायर करने की प्रक्रिया को बाधित किया है। कठुआ में जो वकीलों ने किया और जिस तरह से भाजपा और उस जैसी सोच रखने वाले संगठनों के नेता नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने वाले तत्वों का समर्थन कर रहे हैं, उससे पूरी इंसानियत शर्मसार हुई है। पुलिस को नाबालिग के हत्यारों का समर्थन करने वाले तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।

मा‌र्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी के नेता और विधायक मोहम्मद यूसुफ तारीगामी ने कहा कि नाबालिग की हत्या मामले को जिस तरह सांप्रदायिक रंग देते हुए सियासत की जा रही है, वह ¨नदनीय है। वकीलों को न्याय दिलाना होता है, लेकिन कठुआ में तो न्याय की प्रक्रिया में ही वकील बाधक बनते नजर आए हैं। पुलिस व प्रशासन को सांप्रदायिक रंग देने वाले तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।

कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी, उदारवादी हुíरयत प्रमुख मीरवाईज मौलवी उमर फारूक और जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चेयरमैन मोहम्मद यासीन मलिक के साझा नेतृत्व में बने विभिन्न अलगाववादी संगठनों के साझा मंच ज्वाइंट रजिस्टेंस लीडरशिप ने भी कठुआ की घटना की ¨नदा करते हुए कहा कि यह जम्मू संभाग में एक वर्ग विशेष की मुस्लिम विरोधी मानसिकता को ही उजागर करती है। कोई भी सभ्य समाज दुष्कर्मियों का समर्थन नहीं करता। कश्मीर के लोग नाबालिग को न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।


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