पीडीपी नेता वहीद उर रहमान परा को जमानत याचिका खारिज हुई
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की युवा इकाई के अध्यक्ष वहीद उर रहमान परा की जमानत याचिका मंगलवार को विशेष अदालत ने खारिज कर दी। अदालत के मुताबिक उसके खिलाफ जमा सुबूतों के आधार पर पता चलता है कि वह जम्मू कश्मीर में आतंकवाद में मदद कर रहा था।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की युवा इकाई के अध्यक्ष वहीद उर रहमान परा की जमानत याचिका मंगलवार को विशेष अदालत ने खारिज कर दी। अदालत के मुताबिक, उसके खिलाफ जमा सुबूतों के आधार पर पता चलता है कि वह जम्मू कश्मीर में आतंकवाद में मदद कर रहा था।
विशेष अदालत ने जमानत याचिका रद करते हुए कहा कि जो सुबूत और केस डायरी व कॉल डिटेल मिली है, उनके आधार पर पता चला है कि याचिकाकर्ता सियासी चोला ओढ़कर आतंकियों की वित्तीय मदद में सक्रिय था। वह अपने पद और प्रतिष्ठा का दुरुपयोग करते हुए हथियार भी माग रहा था। इसक अलावा बैंक खातों में ही बड़े पैमाने पर पैसे के लेन देन की पुष्टि हुई है और मामले की जाच जारी है। सभी तथ्यों का पता जाच पूरी होने पर ही पता चलेगा।
वहीद उर रहमान परा को जम्मू कश्मीर पुलिस का सीआइडी विंग कश्मीर ट्राजिट रिमाड पर श्रीनगर लाया था। परा को एनआइए ने 25 नवंबर 2020 को गिरफ्तार किया था। इसी साल नौ जनवरी को अदालत ने उसे जमानत दी थी। इसके बाद जम्मू कश्मीर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। हालाकि, परा के वकील ने जमानत के लिए आग्रह करते हुए जज से कहा कि उसके मुवक्किल ने पुलिस हिरासत में रहते हुए ही चुनाव लड़ा और जीता है। इसलिए उसे जमानत मिलनी चाहिए। जज ने इससे इन्कार करते हुए कहा कि चुनाव में जीत को जमानत का आधार नहीं बनाया जा सकता। इससे यह भी साबित होता है कि याचिकाकर्ता एक प्रभावशाली आदमी है जो अपने खिलाफ जारी जाच प्रभावित कर सकता है। वह अपने खिलाफ गवाहों को रोक सकता है।