गांदरबल के यूनानी मेडिकल कालेज में विद्यार्थियों पहला बैच शुरू
केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शुक्रवार को गांदरबल जिले में यूनानी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में यूनानी मेडिसिन और सर्जरी कोर्स के पहले बैच का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय जम्मू कश्मीर के लोगों को स्वास्थ्य की मूल सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए वचनबद्ध हैं। कश्मीर में यूनानी मेडिसीन को लोग पसंद करते हैं। इसे भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू: केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शुक्रवार को गांदरबल जिले में यूनानी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में यूनानी मेडिसिन और सर्जरी कोर्स के पहले बैच का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय जम्मू कश्मीर के लोगों को स्वास्थ्य की मूल सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए वचनबद्ध हैं। कश्मीर में यूनानी मेडिसीन को लोग पसंद करते हैं। इसे भी बढ़ावा दिया जा रहा है। यूनानी कोर्स शुरू होना यहां के लिए ऐतिहासिक है। इससे यह पद्धति और अधिक विकसित होगी। उन्होंने पहले बैच के विद्यार्थियों से पूरी ऊर्जा के साथ प्रदेश का नाम रोशन करने को कहा। केंद्रीय मंत्री ने कालेज प्रागंण में औषधीय पौधा भी लगाया। उन्होंने ओपीडी ब्लाक, आपरेशन थियेटर ब्लाक, लैब, अकादमिक ब्लाक का निरीक्षण किया। वर्चुअल मोड से कार्यक्रम में शामिल होते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि गत दो वर्ष में कालेज के प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए तेजी के साथ काम किया गया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को जम्मू कश्मीर में स्वास्थ्य सुविधाओं को अपग्रेड करने के कदमों की जानकारी दी। आयुष मंत्रालय में विशेष सचिव भी इस मौके पर मौजूद रहे।े यह कालेज आयुष मंत्रालय से मिली 17 करोड़ रुपयों की सहायता से बना है। इसके अलावा जम्मू कश्मीर सरकार ने 18.25 करोड़ रुपये और नेशनल आयुष मिशन के तहत 38.82 लाख रुपये जारी किए गए थे। इस कालेज में हर साल 60 विद्यार्थियों को प्रवेश देने की क्षमता है। इसमें सात क्लीनिकल विभाग मेडिसिन, सर्जरी, नेत्र रोग एवं ईएनटी, स्त्री रोग, बाल रोग, त्वचा रोग और रेजीमेंटल थेरेपी हैं। 1962 में खुला था पहला यूनानी कालेज
उपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पहला यूनानी कालेज 1962 में शुरू हुआ था, लेकिन इसे 1967 में बंद कर दिया गया। अब गांदरबल में सरकारी यूनानी मेडिकल कालेज खोला गया है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर स्वास्थ्य सुविधाओं में देश में अग्रणी राज्यों में है। नवजात मृत्युदर साल 2015-16 में 23.1 थी, लेकिन 2019-20 में घटकर 9.8 हो गई। शिशु मृत्यु दर 32.4 से घटकर 16.3 रह गई। पांच साल से कम आयु वर्ग में मृत्यु दर 37.6 से कम होकर 18.5 रह गई। उन्होंने कहा कि 2016-17 में पहली बार जम्मू-कश्मीर में दो नए एम्स और सात मेडिकल कालेज मिले। साल 2015 से 2019 के बीच दो स्टेट केंसर इंस्टीयूट दिए गए। उपराज्यपाल ने कहा कि साल 2019 से पहले जम्मू-कश्मीर में 129 हेल्थ और वेलनेस सेंटर थे लेकिन अब 1275 नए सेंटर बनाए गए हैं। 300 औषधीय जड़ी बूटियों का होगा शोध
जम्मू कश्मीर में इस समय तीन सौ से अधिक औषधीय जड़ी बूटियां हैं और अब इन पर आयूष मंत्रालय जल्द ही शोध करने जा रहा है। एक दिन पहले ही आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने बारामुला में शोध केंद्र स्थापित करने की घोषणा की है। इस शोध केंद्र में सभी औषधीय पौधों पर शोध होगा और उनके विभिन्न बीमारियों के इलाज में लाभ देखे जाएंगे। एक बार शोध होने के बाद इन औषधीय पौधों का विभिन्न प्रकार के रोगों के इलाज में इस्तेमाल किया जाएगा। आयुष को बढ़ावा देने के लिए आयुर्वेद कालेज के अलावा यूनानी कालेज भी स्थापित किया गया है। इसके अलावा हाई आल्टीटयूड मेडिसिनल प्लांट संस्थान भी भद्रवाह में बन रहा है। कुपवाड़ा, कुलगाम, किश्तवाड़, कठुआ और सांबा में भी पचास-पचास बिस्तरों की क्षमता वाले आयुष अस्पताल मंजूर किए गए हैं। 35 आयुष डिस्पेंसरियों को अपग्रेड करने को भी मंजूरी दी गई है। 571 हेल्थ और वेलनेस सेंटरों को भी मंजूरी दी गई है। इनमें से बहुत से खुल भी गए हैं।