तीन दशक में पहली बार हिजबुल से मुक्त हुआ त्राल
त्राल मुठभेड़ पैकेज की खबर --------- अंतिम तीन आतंकी भी शुक्रवार की मुठभेड़ में मारे गए ------
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: कश्मीर का कंधार और आतंकियों की नर्सरी कहलाने वाला पुलवामा जिले का त्राल बुधवार को हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों से पूरी तरह मुक्त हो गया है। त्राल में सक्रिय हिजबुल के अंतिम तीन आतंकी भी शुक्रवार की सुबह मारे गए हैं।
कश्मीर में बीते तीन दशकों से जारी आतंकी हिसा के दौर में यह पहला मौका है, जब त्राल हिजबुल के आतंकियों से पूरी तरह खाली हो गया है। घाटी में आतंकी हिसा को नया रुख देने वाला हिजबुल का पोस्टर ब्वॉय बुरहान वानी और अलकायदा से जुड़े असार गजवात उल हिद का कमांडर जाकिर मूसा दोनों ही त्राल के रहने वाले थे। हिजबुल मुजाहिदीन का जम्मू कश्मीर में सक्रिय स्थानीय आतंकियों का सबसे बड़ा संगठन है। हिजबुल को कभी प्रतिबंधित संगठन जमात ए इस्लामी का फौजी बाजू भी कहते थे। त्राल शुरू से ही सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी चुनौती रहा है। इस इलाके में कभी भी स्थानीय आतंकियों की भर्ती नहीं रुकी। कश्मीर में सक्रिय लगभग हर आतंकी संगठन का त्राल में मजबूत नेटवर्क रहता है। किसी आतंकी को अगर वादी में कहीं ठिकाना बनाने में दिक्कत रही हो तो उसके लिए त्राल के जंगल हमेशा मुफीद रहे हैं। स्थानीय स्तर पर सक्रिय ओवरग्राउंड वर्करों का नेटवर्क भी उसके लिए हमेशा तैयार रहा है।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि त्राल में आज हिजबुल मुजाहिदीन के किसी आतंकी का न होना बता रहा है कि अब स्थानीय लड़के आतंकी नहीं बनना चाहते हैं। त्राल और इसके साथ सटे इलाकों मे हिजबुल का नेटवर्क लगभग ध्वस्त हा चुका है। उसके लिए काम करने वाले अधिकांश ओवरग्राउंड वर्कर पकड़े जा चुके हैं। इस इलाके में अब सिर्फ जैश, लश्कर और अंसार गजवात उल हिद के कुछ गिन चुने स्थानीय और विदेशी आतंकी ही सक्रिय रह गए हैं। उन्हें भी जल्द ही मार गिराया जाएगा। हमारा पूरा प्रयास है कि त्राल में हिजबुल मुजाहिदीन को किसी भी तरह से अपना नेटवर्क तैयार करने का मौका नहीं मिले।
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चीवा उराल में चलाया गया अभियान बहत कामयाब रहा है। त्राल में जिदा बचे हिजबुल मुजाहिदीन के तीनों स्थानीय आतंकी मारे गए हैं। 1989 के बाद आज पहली बार त्राल में हिजबुल मुजाहिदीन का एक भी स्थानीय आतंकी जिदा नहीं है। एक तरह से त्राल में हिजबुल मुजाहिदीन पूरी तरह खत्म हो गया है।
-विजय कुमार, आइजीपी कश्मीर रेंज