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ISI: पाकिस्तान ने आतंकी सरगनाओं को लगाया किनारे, अब आइएसआइ सीधे बांट रही धन व हथियार

ISI सलाहुद्दीन और अन्य शीर्ष आतंकी सरगनाओं को पाक खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने किनारे लगा दिया है। अब कश्मीर में सक्रिय आतंकियों के मॉड्यूल के साथ गुलाम कश्मीर में बैठे उनके हैंडलर को आइएसआइ स्वयं हथियार और वित्तीय मदद मुहैया करवा रही है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 08:35 PM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 09:33 PM (IST)
ISI: पाकिस्तान ने आतंकी सरगनाओं को लगाया किनारे, अब आइएसआइ सीधे बांट रही धन व हथियार
आइएसआइ आतंकियों को स्वयं हथियार और वित्तीय मदद मुहैया करवा रही है।

श्रीनगर, नवीन नवाज। ISI: कश्मीर घाटी में एक साल में बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने में विफल रहने पर सलाहुद्दीन और अन्य शीर्ष आतंकी सरगनाओं को पाक खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने किनारे लगा दिया है। अब कश्मीर में सक्रिय आतंकियों के मॉड्यूल के साथ गुलाम कश्मीर में बैठे उनके हैंडलर सीधे संपर्क में हैं। इनके माध्यम से ही आइएसआइ इन आतंकियों को स्वयं हथियार और वित्तीय मदद मुहैया करवा रही है। इस तरह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आतंकी संगठनों की कमान सीधे अपने हाथ में लेकर कश्मीर में आतंकी हिंसा में तेजी लाने की साजिश रच रही है। गुलाम कश्मीर में बैठे आतंकी सरगना चाहकर भी इस पर मुंह नहीं खोल पा रहे हैं। चूंकि अगर वह ऐसा करते हैं तो आइएसआइ उन्हें दी गई सुविधाएं वापस ले लेगी। उन्हें सिर्फ बयानबाजी तक सीमित कर दिया गया है।

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कश्मीर में आतंकी संगठनों की गतिविधियों पर नजर रखने वाले सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा बलों की मुस्तैदी के कारण आतंकी संगठन एक साल में बड़ी वारदात को अंजाम देने में विफल रहे हैं। साथ ही शीर्ष अलगाववादी नेता भी पूरी तरह निष्क्रिय बने हैं। ऐसे में पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी कसमसा रहे हैं और उनका नजला गुलाम कश्मीर में बैठे आतंकी संगठनों के सरगनाओं पर गिरा है।

सीधे स्थानीय कमांडरों को भेज रहे हथियार

उन्होंने बताया कि पाकिस्तान सेना की बदली नीति के कारण ही कुछ माह से अब स्थानीय आतंकियों को सीधे हथियार भेजे जा रहे हैं। सुरक्षाबलों ने इन साजिशों को नाकाम बनाते हुए हथियारों के बड़े जखीरे बरामद भी किए हैं। पहले हथियार आतंकी संगठन के नाम पर भेजे जाते थे। कश्मीर में सक्रिय संगठन का कमांडर अपने स्तर पर इन हथियारों को बांटता था।

सरगना अपने नेटवर्क से बांटता था पैसा

उन्होंने बताया कि सक्रिय आतंकियों को पैसा भी इसी तर्ज पर भेजा जा रहा है। पहले पाकिस्तान या गुलाम कश्मीर में बैठे आतंकी संगठनों के सरगना को सीधे पैसा दिया जाता था। सरगना संगठन के वित्तीय चीफ के साथ बैठकर घाटी में सक्रिय कमांडरों को वितरण की रुपरेखा तय करता था। अगर संगठन का कोई कमांडर आतंकी गुलाम कश्मीर में बैठे कमांडरों से सहमत नहीं होता तो यह उसकी सप्लाई काट दी जाती थी।

कश्मीर के हर शहर पर बनाए हैंडलर

संबंधित सूत्रों ने बताया कि इस समय कश्मीर में सक्रिय सभी छोटे-बड़े आतंकी अलग-अलग मॉड्यूल से जुड़े हैं। यह मॉड्यूल सीधे आइएसआइ द्वारा नामजद हैंडलरों के सपंर्क में हैं। उन्होंने बताया कि पहले हिजबुल मुजाहिदीन या अन्य आतंकी संगठन के दो-चार प्रमुख कमांडर के साथ ही कश्मीर में बैठे आतंकियों का संपर्क में होता था। अब कश्मीर में प्रत्येक शहर व कस्बे के लिए गुलाम कश्मीर में दो से तीन आतंकी कमांडरों को नियुक्त किया गया है। यह कमांडर अपने कैडर और पुराने संपर्कों के जरिए आतंकी गतिविधियों के लिए नेटवर्क तैयार करने के लिए पैसा व हथियार भेज रहे हैं।


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