एनआइए ने पूरी तरह अपने हाथ में ली पुलवामा हमले की जांच
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने बुधवार को जम्मू कश्मीर पुलिस से पुलवामा
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने बुधवार को जम्मू कश्मीर पुलिस से पुलवामा आत्मघाती हमले की जांच का जिम्मा अधिकारिक रूप से संभाल लिया। इस सिलसिले में एनआइए ने दोबारा मामला दर्ज कर आतंकी हमले की पूरी साजिश और इसमें लिप्त तत्वों को बेनकाब करने के लिए एक विशेष जांच दल बनाया है। इससे पहले जम्मू कश्मीर पुलिस ने हमले की एफआइआर अंपतीपोरा पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाई थी।
चौदह फरवरी को दक्षिण कश्मीर में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुलवामा के निकट गोरीपोरा में जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती आतंकी ने विस्फोटकों से भरे वाहन को सीआरपीएफ काफिले में शामिल बस के साथ टकरा दिया था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। सुरक्षाबलों ने इस हमले के मास्टरमाइंड कामरान व उसके सहयोगी गाजी रशीद समेत तीन आतंकियों के पुलवामा हमले के 100 घंटे के भीतर ही एक मुठभेड़ में ढेर कर दिया था।
एनआइए के प्रवक्ता ने बताया कि उनके महानिदेशक वाईसी मोदी ने भी घटनास्थल का दौरा कर हालात का जायजा लिया है। उन्होंने जम्मू कश्मीर पुलिस व सीआरपीएफ के अधिकारियों से भी इस हमले के बारे में बातचीत की है। प्रवक्ता ने बताया कि इस मामले में एनआइए ने पहले ही कई सुबूत जमा किए हैं। इसके अलावा राज्य पुलिस द्वारा संदेह के आधार पर पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए दो दर्जन से ज्यादा संदिग्ध तत्वों में से करीब आठ लड़कों से भी पूछताछ की गई है। अभी तक एनआइए ने किसी भी संदिग्ध को अपनी हिरासत में नहीं लिया है। विस्फोटक कहां से आया, कहां रची साजिश हर पहलू की होगी जांच :
एनआइए के प्रवक्ता ने बताया कि एनआइए पुलवामा हमले की साजिश से जुड़े हर पहलू की जांच करेगी। यह साजिश कब बनी, किसने बनाई, किन लोगों ने इस साजिश को अमली जामा पहनाने में मदद की, विस्फोटक कहां से आया, वाहन कब और कैसे किसके नाम पर लिया गया और पैसा कहां से आया। हमले में शामिल वाहन की जांच में मारुति सुजुकी के इंजीनियरों की ली जा रही मदद :
पुलवामा हमले की जांच से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि आत्मघाती आतंकी द्वारा विस्फोट के लिए इको मारुति वैन इस्तेमाल किए जाने के दावे को देखते हुए मारुति सुजुकी कंपनी के इंजीनियरों की भी मदद ली जा रही है। विस्फोट स्थल से जो एक प्लेट मिली है, उसपर कुछ नंबर लिखे हुए हैं, मारुति सुजुकी के इंजीनियर इन्हीं नंबरों के आधार पर पता लगाने का प्रयास करेंगे कि यह कौन सा वाहन है और कब बना था और किस शोरूम के जरिए बेचा गया था। इसके साथ हमलावर आतंकी आदिल अहमद डार की वीडियो क्लिप की भी चंडीगढ़ की फोरेंसिक लैब में जांच हो रही है। ऐसे दूसरे आत्मघाती हमले की जांच कर रही एनआइए :
राज्य में तीन दशकों के आतंकवाद के दौरान यह दूसरा मामला है, जब एनआइए आत्मघाती हमले की जांच कर रही है। वर्ष 2000 में श्रीनगर में सेना की छावनी के बाहर 17 साल के आतंकी ने खुद को उड़ा दिया था। इस हमले में दो सैनिक शहीद हो गए थे। अब सीआरपीएफ के काफिले पर हुआ हमला जम्मू कश्मीर में सबसे बड़ा हमला है।