आतंकी फंडिंग के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश
आतंकी फंडिंग का यह नेटवर्क कश्मीर के प्रसिद्ध व्यापारी जहूर वटाली के देश-विदेश में फैले व्यापारिक नेटवर्क के माध्यम से चल रहा था।
श्रीनगर, जागरण न्यूज नेटवर्क। कश्मीर में आतंकी फंडिंग के नेटवर्क का पर्दाफाश करने में जुटी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने बड़ी सफलता का दावा किया है। बुधवार को मारे गए छापे में जांच एजेंसी ने विदेश से फंडिंग आने और उन्हें स्थानीय स्तर पर वितरित करने की रसीदें बरामद की हैं।
आतंकी फंडिंग का यह नेटवर्क कश्मीर के प्रसिद्ध व्यापारी जहूर वटाली के देश-विदेश में फैले व्यापारिक नेटवर्क के माध्यम से चल रहा था। एनआइए ने बुधवार को कश्मीर में जिन 12 स्थानों की तलाशी ली है, वे सभी वटाली से ही जुड़े हैं। गौरतलब है कि आतंकी फंडिंग के मामले में जांच एजेंसी हुर्रियत के सात नेताओं को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
दरअसल आतंकी फंडिंग के नेटवर्क में वटाली की अहम भूमिका को लेकर एनआइए को संदेह शुरू से ही था। चार जून को इस सिलसिले में वटाली के गुडग़ांव स्थित आफिस की तलाशी भी ली गई थी। इसके बाद पिछले ढाई महीने में उससे 25 से अधिक बार पूछताछ भी की जा चुकी है। लेकिन वटाली आतंकी फंडिंग में अपनी भूमिका के बारे में कुछ नहीं बता रहा था। वटाली की आतंकी फंडिंग में अहम भूमिका से बारे ठोस
सूचना से लैस एनआइए ने इसके करीबी लोगों के ठिकाने की तलाशी लेने का फैसला किया। जिन 12 स्थानों पर छापे मारे गए, उनमें तीन वटाली के करीबी रिश्तेदार और एक ड्राइवर शामिल है। इसके अलावा वटाली के करीबी और पेशे से वकील शफी रेशी के घर भी तलाशी ली गई है। इसके साथ ही घाटी में प्लाइवुड की फैक्टरी चलाने वाले पीरजादा गुलाम नबी और उसके मुंशी गुलाम मोहम्मद भट के ठिकानों पर भी छापा मारा गया। सुबह से शुरू हुई छापे की कार्रवाई देर शाम तक जारी थी।
छापा जारी होने के कारण एनआइए ने बरामद दस्तावेजों की विस्तृत जानकारी नहीं दी है। लेकिन उसने आतंकी फंडिंग के जुड़े अहम सुबूत मिलने का दावा जरूर किया है। एनआइए के अनुसार छापे में विदेशी स्नोत से मिलने वाली फंडिंग और उसके स्थानीय स्तर पर बांटे जाने से संबंधित रसीदें भी मिली हैं, जो आतंकी फंडिंग के आरोपों को साबित करने में अहम हो सकते हैं। इसके साथ ही एनआइए ने संदिग्ध वित्तीय लेन-देन से जुड़े दस्तावेज, पेन ड्राइव, हार्ड ड्राइव, मोबाइल फोन और प्रापर्टी के जुड़े दस्तावेज भी बरामद किये गए हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन दस्तावेजों का विश्लेषण करने के बाद ही साफ तौर पर कुछ कहा जा सकता है। जहूर वटाली घाटी के बड़ा व्यापारी है, जिसके दफ्तर श्रीनगर, गुडग़ांव, दिल्ली के साथ-साथ खाड़ी के कई देशों में भी हैं। वटाली घाटी के मुख्य धारा के राजनेताओं के साथ-साथ हुर्रियत के बड़े अलगाववादी नेताओं के साथ नजदीकी संबंधों के लिए जाना जाता था।