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पीडीपी-नेकां ने राजनयिकों के कश्मीर दौरे को लेकर केंद्र पर साधा निशाना, कहा-हालात सामान्य बताने की कोशिश

विदेशी राजनयिकों के दौरे पर नेकां ने बयान जारी कर कहा कि विदेशी राजनयिकों से मुलाकात का मौका सिर्फ केंद्र सरकार की नीतियों के समर्थकों को ही दिया गया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 10 Jan 2020 11:16 AM (IST)Updated: Fri, 10 Jan 2020 11:51 AM (IST)
पीडीपी-नेकां ने राजनयिकों के कश्मीर दौरे को लेकर केंद्र पर साधा निशाना, कहा-हालात सामान्य बताने की कोशिश
पीडीपी-नेकां ने राजनयिकों के कश्मीर दौरे को लेकर केंद्र पर साधा निशाना, कहा-हालात सामान्य बताने की कोशिश

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। कश्मीर पहुंचे 16 विदेशी राजनयिकों के दौरे को लेकर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) ने केंद्र पर निशाना साधा है। दोनों ही पार्टियों ने दौरे को कश्मीर के हालात पर केंद्र सरकार की पर्दा डालने की कोशिश करार दिया है।

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पीडीपी ने कहा कि विदेशी राजनियकों का दौरा सिर्फ कश्मीर में हालात सामान्य बताने की केंद्र की कोशिश है। अगर सही मायनों में हालात सामान्य हैं तो इन राजनयिकों को हिरासत में रखे राजनीतिक नेताओं से भी मुलाकात करने देनी चाहिए। वहीं, नेकां ने कहा कि यूरोपीय संघ के गत अक्तूबर माह के दौरे की तरह ही अब दिल्ली स्थित विभिन्न मुल्कों के राजनयिकों को दौरे पर लाया है। राजनयिकों से मुलाकात का मौका सिर्फ चुनिंदा लोगों को दिया गया, ताकि कोई सरकार के खिलाफ बात न करे।

पीडीपी ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा कि, आज भारत सरकार ने विदेशी राजनयिकों के दूसरे प्रतिनिधिमंडल को कश्मीर के हालात देखने के लिए लाया है। लगता है कि केंद्र सरकार कश्मीर में खुद की लगाई पाबंदियों के बीच हालात को सामान्य दिखाने का प्रयास कर रही है। अगर हिम्मत है तो इन विदेशी राजनयिकों को 160 दिन से हिरासत में रखे राजनेताओं से मिलने का भी मौका दिया जाए।

सिर्फ समर्थकों को दिया मुलाकात का मौका : नेकां

विदेशी राजनयिकों के दौरे पर नेकां ने बयान जारी कर कहा कि विदेशी राजनयिकों से मुलाकात का मौका सिर्फ केंद्र सरकार की नीतियों के समर्थकों को ही दिया गया। नेकां राजनयिकों से पूछना चाहती है कि अगर जम्मू कश्मीर में हालात सामान्य हैं तो फिर तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत कई लोग क्यों 160 दिन से हिरासत में रखे हैं? लोग पांच माह से इंटरनेट से क्यों वंचित हैं? उन्होंने कहा कि भारत सरकार को एक बात समझनी चाहिए कि इस तरह के दौरे बेशक कुछ देर के लिए जीत का एजेंडा करने में सहायक हों, लेकिन दूरगामी परिणाम नकारात्मक साबित होंगे। सही मायने में सामान्य स्थिति तभी होगी जब सभी राजनीतिक बंदियों रिहा किए जाएंगे। सभी प्रकार की संचार व इंटरनेट सेवाएं बहाल करते हुए न्यायसंगत राजनीतिक गतिविधियां शुरू शुरू की जाएंगी।


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