नौ से दो दिवसीय दौरे पर आएंगे नए सेनाध्यक्ष जनरल नरवाने, कश्मीर दौरों की करेंगे शुरुआत
नए सेना अध्यक्ष जनरल एमएम नरवाने बर्फीले रेगिस्तान सियाचिन में दुर्गम हालात में देश सेवा कर रहे जवानों का हौसला बढ़ाकर जम्मू कश्मीर में अपने दौरों की शुरुआत करेंगे।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। नए सेना अध्यक्ष जनरल एमएम नरवाने बर्फीले रेगिस्तान सियाचिन में दुर्गम हालात में देश सेवा कर रहे जवानों का हौसला बढ़ाकर जम्मू कश्मीर में अपने दौरों की शुरुआत करेंगे। भारतीय सेना लद्दाख में चुनौतीपूर्ण हालात में पाकिस्तान व चीन से सटे भारतीय क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है।
सैन्य सूत्रों के अनुसार जनरल नरवाने नौ जनवरी से सेना की उत्तरी कमान के दो दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं। इस दौरान सेनाध्यक्ष कश्मीर में उत्तरी कमान के प्रमुख और अन्य शीर्ष कमांडरों के साथ बैठक कर जम्मू कश्मीर व लद्दाख के सुरक्षा हालात का जायजा लेंगे।
सेनाध्यक्ष नौ जनवरी को लेह के सियाचिन और 10 को श्रीनगर जाएंगे। वह कश्मीर के अग्रिम इलाकों का दौरा कर सुरक्षा हालात का भी जायजा ले सकते हैं। जनरल नरवाने ने 31 दिसंबर को पूर्व सेनाध्यक्ष बिपिन रावत से थलसेना अध्यक्ष का पदभार संभाला है।
देश के नए सेना अध्यक्ष बने जनरल नरवणे
जानकारी हो कि जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने मंगलवार को देश के नए सेना प्रमुख का कार्यभार संभाला था। जनरल नरवणे 28वें थलसेनाध्यक्ष हैं, जो 13 लाख सैनिकों वाली थलसेना की अगुवाई करेंगे। इससे पहले सेना प्रमुख रहे जनरल बिपिन रावत ने सेनाध्यक्ष के तौर पर अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा किया था। जनरल रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किया गया है।
थलसेनाध्यक्ष का पद संभालने से पहले जनरल नरवणे उप-सेना प्रमुख की जिम्मेदारी निभा रहे थे। जनरल नरवणे ने सेना प्रमुख की जिम्मेदारी संभालने के बाद पहली प्रतिक्रिया में कहा था- ये ज़िम्मेदारी मिलना सम्मान की बात है।
जनरल नरवणे अपने 37 साल के कार्यकाल में कई कमान और स्टाफ नियुक्तियों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।उन्होंने फील्ड, शांति काल में ड्यूटी के साथ जम्मू और कश्मीर और नॉर्थ ईस्ट में गड़बड़ी वाले क्षेत्रों में अहम ऑपरेशन्स को अंजाम दिया है। जनरल नरवणे ने जम्मू और कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स बटालियंस की कमान संभालने के साथ पूर्वी फ्रंट पर इन्फैन्ट्री ब्रिगेड की अगुवाई की। वे श्रीलंका में इंडियन पीस कीपिंग फोर्स का हिस्सा भी रह चुके हैं। इसके अलावा जनरल नरवणे ने म्यामांर में भारतीय दूतावास में तीन साल तक डिफेंस अटैचे के तौर पर भी कार्य किया है।