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Kashmir: पीडीपी नेता नईम अख्तर पर पीएसए तीन माह बढ़ा, फरवरी में पीएसए के तहत बनाया गया था बंदी

कोविड-19 के मद्देनजर पैदा हालात को देखते हुए प्रदेश प्रशासन ने बीते डेढ़ माह के दौरान पीएसए के तहत बंदी बनाए गए करीब 110 लोगों को रिहा भी किया है।

By Edited By: Published: Sat, 09 May 2020 09:16 AM (IST)Updated: Sat, 09 May 2020 11:09 AM (IST)
Kashmir: पीडीपी नेता नईम अख्तर पर पीएसए तीन माह बढ़ा, फरवरी में पीएसए के तहत बनाया गया था बंदी
Kashmir: पीडीपी नेता नईम अख्तर पर पीएसए तीन माह बढ़ा, फरवरी में पीएसए के तहत बनाया गया था बंदी

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व शिक्षा मंत्री नईम अख्तर पर जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) की अवधि को प्रदेश प्रशासन ने तीन माह के लिए बढ़ा दिया है। उन्हें इसी वर्ष फरवरी में पीएसए के तहत बंदी बनाया गया था। चार दिन पहले ही प्रशासन ने पीडीपी अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती समेत तीन नेताओं को पीएसए के तहत बंदी बनाए रखने की अवधि को तीन माह के लिए बढ़ाया गया था।

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पीडीपी में चाणक्य के नाम से पुकारे जाने वाले नईम अख्तर पूर्व नौकरशाह हैं। वह पूर्व मुख्यमंत्री स्व. मुफ्ती मोहम्मद सईद के करीबियों में गिने जाते रहे हैं। नईम अख्तर को भी पिछले साल जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 को लागू किए जाने से उपजे हालात में प्रदेश प्रशासन ने पांच अगस्त 2019 की तड़के एहतियातन हिरासत में लिया था। कहा जाता है कि प्रदेश प्रशासन ने उन्हें रिहा करने की पेशकश करते हुए एक बांड पर हस्ताक्षर करने को कहा था, जिससे उन्होंने इन्कार कर दिया था और अपनी बिना शर्त रिहाई पर जोर दिया। पांच मई को प्रशासन ने महबूबा मुफ्ती व उनके मामा सरताज मदनी और अली मोहम्मद सागर के पीएसए की अवधि को तीन माह के लिए बढ़ाया था। इसके बाद तय हो गया था कि पीएसए के तहत बंदी अन्य नेताओं को अभी कुछ और समय पीएसए के तहत बंदी रखे जाने की तैयारी हो चुकी है।

कोविड-19 के मद्देनजर पैदा हालात को देखते हुए प्रदेश प्रशासन ने बीते डेढ़ माह के दौरान पीएसए के तहत बंदी बनाए गए करीब 110 लोगों को रिहा भी किया है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला और उनके पुत्र पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को प्रशासन ने मार्च में पीएसए से मुक्त किया है। फारूक अब्दुल्ला को बीते साल सितंबर में पीएसए के तहत बंदी बनाया गया था। करीब तीन हजार अलगाववादियों, ट्रेड यूनियन नेताओं को भी हिरासत में लिया गया। हालात में बेहतरी के आधार पर अधिकांश को रिहा किया जा चु़का है।


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