Move to Jagran APP

निकाय चुनाव टलने के आसार

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य में आठ वर्षो से लंबित पड़े निकाय चुनाव एक बार फिर टलने के अ

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 06:56 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 06:56 PM (IST)
निकाय चुनाव टलने के आसार
निकाय चुनाव टलने के आसार

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य में आठ वर्षो से लंबित पड़े निकाय चुनाव एक बार फिर टलने के आसार हैं। नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी इन चुनावों के बहिष्कार का एलान कर चुकी हैं। कांग्रेस भी चुनावों में शामिल होने को लेकर असमंजस की स्थिति में है। रियासत में कहीं भी जमीनी स्तर पर इन चुनावों को लेकर कोई उत्साह या सियासी गतिविधि नजर नहीं आ रही है। हालांकि मुख्य सचिव ने चुनावों को टाले जाने से इन्कार करते हुए कहा कि चुनाव निर्धारित समय पर ही होंगे।

loksabha election banner

सूत्रों ने बताया कि निकाय चुनावों को स्थगित करने का अंतिम फैसला राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में होने वाली राज्य प्रशासनिक परिषद की बैठक में ही लिया जाएगा। इस बैठक में इन चुनावों को गैर राजनीतिक आधार पर कराने के लिए अधिनियम में संशोधन का भी प्रस्ताव मंजूर हो सकता है। गौरतलब है कि राज्य में निकायों के चुनाव वर्ष 2010 में होने थे, लेकिन तत्कालीन परिस्थितियों के चलते चुनाव स्थगित होते रहे। जुलाई में राज्य प्रशासन ने निकाय चुनाव कराने का एलान किया था। यह चुनाव पहली अक्टूबर से पांच अक्टूबर तक कराए जाने हैं, लेकिन राज्य के प्रमुख राजनीतिक दल नेशनल कांफ्रेंस ने करीब दस दिन पहले धारा 35-ए के संरक्षण का मुद्दा उठाते हुए निकाय चुनावों के बहिष्कार का एलान कर दिया। नेशनल कांफ्रेंस के इस दांव के बाद पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती ने भी राज्य के विशेष संवैधानिक दर्जे और पहचान का मुददा उठाते हुए कहा कि धारा 35-ए के संरक्षण को केंद्र द्वारा यकीनी बनाए जाने के बाद ही वह चुनावों में हिस्सा लेंगी।

धारा 35-ए के अलावा नेकां और पीडीपी ने कश्मीर में मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य का भी हवाला देते हुए कहा है कि मौजूदा परिस्थितियों में चुनाव नहीं कराए जाने चाहिए। नेकां और पीडीपी के चुनाव बहिष्कार की घोषणा के बाद प्रदेश कांग्रेस का एक वर्ग इन चुनावों के बहिष्कार के पक्ष में है, लेकिन उसने अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है। सिर्फ भाजपा और उससे जुड़े राजनीतिक संगठन ही चुनावों को लेकर सक्रिय नजर आ रहे हैं।

प्रशासन ने राजनीतिक दलों के चुनाव बहिष्कार के एलान को देखते हुए निकाय चुनाव गैर राजनीतिक दल के आधार पर कराने के विकल्प पर विचार करना शुरू कर दिया है, लेकिन प्रमुख राजनीतिक दलों के बहिष्कार के चलते घाटी में ही नहीं जम्मू संभाग में भी निकाय चुनावों के लिए कोई हलचल नजर नहीं आ रही है। वादी में निर्दलीय आधार पर भी चुनाव लड़ने को लेकर लोगों में कोई उत्साह न होने का संज्ञान लेते हुए राज्य प्रशासन ने इन चुनावों को कुछ समय तक स्थगित करने के विकल्प पर विचार करना शुरू कर दिया है।

सूत्रों ने बताया कि चुनाव स्थगित करने के बारे में राज्य प्रशासन में गंभीरता से मंथन हो रहा है। इन चुनावों को अगले तीन माह के लिए टालने पर बात हो रही, लेकिन अंतिम फैसला राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में होने वाली प्रशासनिक परिषद की बैठक में ही लिया जाएगा। अगर यह चुनाव गैर राजनीतिक आधार पर भी कराने का फैसला लिया जाता है तो भी अक्टूबर के पहले सप्ताह में चुनाव नहीं कराए जा सकेंगे क्योंकि संबंधित अधिनियम में संशोधन जरूरी है।

---------------

राज्यपाल ने पीडीपी,

नेकां से किया संपर्क!

राज्यपाल ने नेकां और पीडीपी को कथित तौर पर चुनाव बहिष्कार के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह करते हुए कहा है कि राज्य के हालात को देखते हुए अभी धारा 35-ए और धारा 370 पर किसी तरह का स्टैंड लेना उचित नहीं होगा। इस मुद्दे पर राज्य में निर्वाचित सरकार ही कोई स्टैंड लेने में समर्थ है। जम्मू कश्मीर में इस समय निर्वाचित सरकार नहीं है। निकाय और पंचायत चुनाव जरूरी है क्योंकि इन चुनावों के न होने के कारण राज्य को शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के विकास की मद में करीब चार हजार करोड़ की केंद्रीय निधि से वंचित होना पड़ेगा।

---------------

निर्धारित कार्यक्रमानुसार

ही होंगे चुनाव : मुख्य सचिव

पंचायत व निकाय चुनाव स्थगित होने की अटकलों को मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रहमण्यम ने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह चुनाव पूर्व घोषित कार्यक्रमानुसार ही होंगे। इनमें कोई बदलाव नहीं होगा। बुधवार को एसकेआइसीसी में आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि इस समय बहुत सी बातें चल रही हैं। लोगों की अपनी राय है, लेकिन हमने निर्धारित कार्यक्रमानुसार ही इस मुद्दे पर आगे बढ़ने का फैसला किया है। तिथियों में कोई बदलाव नहीं होगा। चुनाव कार्यक्रम में भी कोई तब्दीली नहीं होगी। तीन सप्ताह बाद यहां शहरी निकायों के चुनाव होंगे। नवंबर के प्रथम सप्ताह में ही पंचायत चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.