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लोन ने बोली पाकिस्तान की भाषा, कहा कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं, पाकिस्तान का यूएन में कश्मीर मुद्दा उठाना सही

लोन ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेकां पीडीपी सहित राज्य के अन्य छोटे-बड़े सभी दलों को राज्य के विशेष दर्जे की वापसी के लिए भारत के खिलाफ आंदोलन करने के लिए हाथ मिलाना होगा।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 12 Sep 2019 05:35 PM (IST)Updated: Fri, 13 Sep 2019 08:16 AM (IST)
लोन ने बोली पाकिस्तान की भाषा, कहा कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं, पाकिस्तान का यूएन में कश्मीर मुद्दा उठाना सही
लोन ने बोली पाकिस्तान की भाषा, कहा कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं, पाकिस्तान का यूएन में कश्मीर मुद्दा उठाना सही

श्रीनगर, जेएनएन। नेशनल कांफ्रेंस के नेता और सांसद अकबर लोन ने कश्मीर मुद्दे को अंतररार्ष्ट्रीय स्तर पर उठाने और भारत पर दबाव बनाने में पाकिस्तान की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि कश्मीरियों का भारत से संबंध नहीं है। उन्होंने खुले तौर पर यह चेतावनी भी दी कि केंद्र सरकार ने जो अनुच्छेद 370 को हटाया है वह सही कदम नहीं है। जम्मू-कश्मीर के साथ किए गए इस धोखे के खिलाफ सभी राजनीतिक दलों को एक साथ खड़ा होना चाहिए। लोन ने यह भी कहा कि कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी सहित राज्य के अन्य छोटे-बड़े सभी दलों को राज्य के विशेष दर्जे की वापसी के लिए भारत के खिलाफ आंदोलन करने के लिए हाथ मिलाना होगा। 

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एक न्यूज एजेंसी को दिए गए विशेष साक्षात्कार में लोन ने जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव पर अपनी बात रखते हुए कहा कि हमें पहले यह समझना होगा कि नई विधानसभा के पास कौन-कौन सी शक्तियां होंगी। हालांकि उन्होंने यह बात भी कही कि चुनाव लड़ना मजबूरी है, नेशनल कांफ्रेंस का नेता होने के नाते उनका कहना है कि जो भी चुनाव हों, हमें चुनाव लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सोचती है कि कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर लोगों के आक्रोश को दबाया जा सकता है। अगर देखा जाए तो कश्मीर में इस समय सैन्य शासन लागू है। राज्य के प्रत्येक जिलों में सेना, अर्द्धसैनिक बलों का पहरा है। लाेगों को बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। अगर आज उन्हें सड़कों पर उतरने की अनुमति मिल जाए तो वे अपना आक्रोश दिखाते।

लोन ने इस दौरान पाकिस्तान सहित उन देशाें की सराहना की जो कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाकर भारत पर दबाव बनाने में लगे हुए हैं। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला की रिहाई की मांग करते हुए कहा कि पार्टी नेताओं को इन दोनों नेताओं से मिलने की अनुमति दी जानी चाहिए ताकि कार्यकर्ता राजनीतिक गतिविधियों को जारी रख सकें। इससे कार्यकर्ता ही नहीं आम लोगों को भी दिक्कतें आ रही हैं।

लोन ने पार्टी नेताओं को रिहा करने की मांग उठाते हुए कहा कि वह इसके बाद अन्य दलों के साथ बैठक कर अगली रणनीति पर चर्चा करेंगे। यह पहली बार नहीं है जब लोन ने भारत विरोधी बयानबाजी की है। लोन इससे पहले भी कई बार पाकिस्तान के समर्थन में सीधे तौर पर सामने आ चुके हैं। उन्होंने भाजपा-पीडीपी गठबंधन सरकार के कार्यकाल के दौरान जारी विधानसभा सत्र के दौरान पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए थे। इसके अलावा जब वह संसद चुनावों के दौरान घाटी में प्रचार कर रहे थे, तो भी उन्होंने पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए थे।


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