Move to Jagran APP

अनुच्छेद 370 हटाने से पहले वादी में हुई थी मॉकड्रिल

-महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की संचार सेवा ठप कर कुछ समय के लिए इंटरनेट सेवा को भी रोका गया था -तलाशी के नाम पर कुछ रास्तों और इलाकों की घेराबंदी भी की गई -------------- राज्य ब्यूरो श्रीनगर जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने से पहले पूरी वादी में प्रशासन और

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Aug 2019 09:41 AM (IST)Updated: Thu, 29 Aug 2019 06:44 AM (IST)
अनुच्छेद 370 हटाने से पहले वादी में हुई थी मॉकड्रिल
अनुच्छेद 370 हटाने से पहले वादी में हुई थी मॉकड्रिल

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने से पहले पूरी वादी में प्रशासन और केंद्रीय अर्धसैनिकबलों ने मॉकड्रिल कर अपनी तैयारियों का जायजा लिया था।

loksabha election banner

25 जुलाई को मॉकड्रिल में न सिर्फ महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की संचार सेवा को ठप किया गया बल्कि कुछ समय के लिए इंटरनेट सेवा को भी रोका गया। इसके बाद सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने से लेकर कानून व्यवस्था की स्थिति संभालने की कवायद की गई थी।

सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्य प्रशासन के आला अधिकारियों ने पाच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेषाधिकार समाप्त होने के बाद वादी में अप्रिय घटना से निपटने के लिए जून के अंत में ही तैयारियां शुरू कर दी थी। सभी तैयारियों को अंतिम रूप देने के बाद 25 जुलाई को मॉकड्रिल की गई। इसे गंभीर आपदा से निपटने की तैयारी का नाम दिया गया। मॉकड्रिल के दौरान सभी प्रमुख प्रशासनिक कार्यालयों की संचार सेवा को कुछ देर के लिए ठप कर दिया गया। अर्धसैनिकबलों और पुलिस की सामान्य संचार सेवा भी बंद कर दी गई। तलाशी के नाम पर कुछ रास्तों और इलाकों की घेराबंदी भी की गई।

वादी में पुलिस व केंद्रीय अर्धसैनिकबलों के प्रशिक्षण केंद्रों में दंगाईयों से निपटने और आम लोगों को मुश्किलों के बीच राहत पहुंचाने की ड्रिल भी हुई थी। सूत्रों ने बताया कि मॉक ड्रिल की सफलता के बाद ही केंद्रीय गृहमंत्रालय ने आतंकी खतरे का हवाला देते हुए राज्य में केंद्रीय अर्धसैनिकबलों की लगभग 100 कंपनियों को भेजने की पहली अधिसूचना जारी की थी। मॉक ड्रिल के बाद लिए गए फैसलों के आधार पर ही सभी प्रमुख प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों, पुलिस थानों, चौकियों और अर्धसैनिकबलों को आपस में संपर्क बनाए रखने के लिए सेटेलाइट फोन की सुविधा प्रदान की गई थी। इसके साथ ही राज्य के अन्य भागों में केंद्रीय अर्धसैनिकबलों को द्रुत गति से तैनात किया गया। मॉक ड्रिल का ही नतीजा है कि वादी में कानून व्यवस्था की स्थिति लगभग नियंत्रण में है। कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। पेयजल आपूर्ति केंद्रों की सुरक्षा बढ़ाई गई

जम्मू कश्मीर की संवैधानिक स्थिति में बदलाव के बाद उपजी स्थिति में सभी पेयजल आपूर्ति केंद्रों की सुरक्षा को बढ़ाया गया है। इसके लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा चक्र बनाया गया है। पहले चक्र में केंद्रीय अर्धसैनिकबल, दूसरे में राज्य पुलिस और तीसरे में सेना के जवानों को तैनात किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ और आतंकी संगठन सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के लिए पेयजल आपूर्ति केंद्रों में जहर मिला सकते हैं। इस आशंका से निपटने के लिए ही यह कदम उठाया गया है। इस तरह के इनपुट खुफिया एजेंसियों को पहले भी मिलते रहे हैं। उसके आधार पर ही समय-समय पर सुरक्षाबलों के लिए पेयजल आपूर्ति केंद्रों की सुरक्षा की लगातार समीक्षा की जाती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.