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जम्मू कश्मीर में नया भूमि कानून लागू होने के बाद पहली बड़ी आतंकी वारदात, तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या

ईद-ए-मिलाद-उन-नबी की पूर्व संध्या पर आतंकियों ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में भाजपा के तीन कार्यकर्ताओं की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 06:32 AM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 06:32 AM (IST)
जम्मू कश्मीर में नया भूमि कानून लागू होने के बाद पहली बड़ी आतंकी वारदात, तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या
जम्मू कश्मीर में नया भूमि कानून लागू होने के बाद पहली बड़ी आतंकी वारदात, तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : ईद-ए-मिलाद-उन-नबी की पूर्व संध्या पर आतंकियों ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला महासचिव समेत तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी। वारदात की जिम्मेदारी द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) नामक आतंकी संगठन ने ली है। जम्मू कश्मीर में नया भूमि सुधार कानून लागू होने के बाद यह पहली बड़ी आतंकी वारदात है। इसके अलावा शनिवार, 31 अक्टूबर को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम का एक साल भी पूरा हो रहा है। इस बीच, पुलिस ने आतंकियों की धरपकड़ के लिए क्षेत्र में व्यापक तलाशी अभियान चला रखा है।

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जानकारी के अनुसार वीरवार रात करीब 8.10 बजे भारतीय जनता युवा मोर्चा की कुलगाम इकाई के महासचिव फिदा हुसैन दो साथियों उमर रशीद बेग और उमर रमजान हज्जाम के साथ कहीं जा रहे थे। वाईके पोरा में ईदगाह के पास अचानक आतंकियों ने सामने से उनकी कार को रोककर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। हमले के बाद आतंकी फरार हो गए। गोलियों की आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे लोगों ने पुलिस को सूचित किया और तीनों को अस्पताल पहुंचाया। डाक्टरों ने फिदा हुसैन को मृत घोषित कर दिया, जबकि उमर रशीद बेग व उमर रमजान ने अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।

पुलिस ने बताया कि आतंकियों को पकड़ने के लिए पूरे इलाके को घेरकर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। घटनास्थल से कुछ अहम सुराग जुटाए गए हैं। इस बीच, आतंकी संगठन टीआरएफ ने एक बयान जारी कर हमले की जिम्मेदारी ली है। टीआरएफ ने गीदड़भभकी भी दी है कि भारत का साथ देने वालों का अंजाम बुरा होगा। वहीं, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रविंद्र रैना ने इसे पाकिस्तान की कायरतापूर्ण हरकत करार दिया। घाटी में इस साल राजनीतिक दलों से जुड़े 11 लोगों की हत्या :

कश्मीर घाटी में इस साल अब तक आतंकियों ने विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े 11 लोगों की हत्या की है। इनमें से नौ भाजपा से जुड़े थे। इन सभी हत्याओं की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ही ली है। पीएम ने की हमले की निंदा :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया 'हम अपने तीन युवा कार्यकर्ताओं की हत्या की निंदा करते हैं। ये प्रतिभावान युवा जम्मू-कश्मीर में शानदार काम कर रहे थे। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदना उनके परिवारों के साथ है। उनकी आत्मा को शाति मिले।'

कश्मीर में इस साल राजनीतिक दलों के नेताओं पर हमले :

9 अगस्त : बड़गाम के ओमपोरा में आतंकियों ने भाजपा नेता अब्दुल हमीद नजार की हत्या की।

6 अगस्त : काजीगुंड में भाजपा नेता व सरपंच सज्जाद खाडे की आतंकियों ने घर के बाहर हत्या की।

8 जुलाई : बाडीपोरा में भाजपा नेता वसीम बारी, उनके पिता और भाई की उनकी दुकान पर हत्या। वसीम बारी के भाई और पिता भी भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता थे।

9 जून : आतंकियों ने अनंतनाग में कांग्रेस से जुड़े सरपंच अजय पंडिता की हत्या कर दी थी।


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