Move to Jagran APP

तहरीक उल मुजाहिदीन का एक गुट आईएसआईएस से मिला, इस्लाम को नुक्सान पहुंचाने का आरोप लगाया

आईएसआईएस के निशान वाली काली टीशर्ट पहने तीन आतंकियों के बीच में बैठा उनका कथित कमांडर मुसैब कह रहा है कि कश्मीर में जिहाद के नाम पर अपनी दुकानें चला रहीं हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 06 Dec 2018 01:36 PM (IST)Updated: Thu, 06 Dec 2018 01:36 PM (IST)
तहरीक उल मुजाहिदीन का एक गुट आईएसआईएस से मिला, इस्लाम को नुक्सान पहुंचाने का आरोप लगाया
तहरीक उल मुजाहिदीन का एक गुट आईएसआईएस से मिला, इस्लाम को नुक्सान पहुंचाने का आरोप लगाया

श्रीनगर, राज्य ब्यूराे। कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठन तहरीक उल मुजाहिदीन के एक गुट ने संगठन पर उम्मत (मुस्लिम समुदाय) की पीठ में छ़ुरा घोंपने और इस्लाम को नुक्सान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए आईएसआईएस के सरगना अबु बकर अल बगदादी को अपना नेता मानने का एलान कर दिया है। यह पहला मौका नहीं है जब किसी कश्मीरी आतंकी संगठन ने आईएसआईएस के साथ अपना नाता जोड़ने और बगदादी को अपना खलीफा मानने का एलान किया हो।

loksabha election banner

तहरीकुल मुजाहिदीन के इस गुट की अगुवाई कथित तौर पर मुसैब नामक एक आतंकी कर रहा है। उसने ही अपने दो अन्य साथियों संग एक वीडियो जारी कर कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठनों पर जिहाद के नाम पर पाकिस्तान के मंसूबों को अंजाम देने का आरापे लगाया है। उसने वीडियो में दावा किया है कि वह अपने साथियों संग बीते दो साल से तहरीकुल मुजाहिदीन के साथ जुड़ा हुआ है। लेकिन यह संगठन या फिर कश्मीर में सक्रिय अन्य जिहादी तंजीमें किसी भी तरह से कश्मीर में इस्लाम और खिलाफत की बहाली के लिए काम नहीं कर रही हें। इन्होंने उम्मत की पीठ में छ़ुरा घोंपा हैं।

आईएसआईएस के निशान वाली काली टीशर्ट पहने तीन आतंकियों के बीच में बैठा उनका कथित कमांडर मुसैब कह रहा है कि कश्मीर में जितनी भी तंजीमें हैं, यह सिर्फ जिहाद के नाम पर अपनी दुकानें चला रहीं हैं और पाकिस्तान के तागूती निजाम के मंसूबे पर काम कर रही हैं। अगर इनका जिहाद और इस्लाम से कोई वास्ता होता तो यह वर्ष 2014 में खिलाफ कायम करने वाले अबु बकर अल बगदादी के साथ बयत कर चुकी होती। लेकिन इन संगठनों ने ऐसा नहीं किया क्योंकि ऐसा करने पर इनकी दुकानें बंद हो जाती। हमारा मकसद अल्लाह ताल्लाह की जमीन पर अल्लाह का निजाम कायम करना है।

उसने आगे कह है कि हमाराकोइ भी साथी अब तहरीकुल मुजाहिदीन या किसी अन्य दूसरे संगठन से जुड़ा नहीं है,क्योंकि यह यह तागूत के इशारे पर कश्मीर में जिहाद चलाना चाहते हैं, हमने खलीफुल उल इस्लाम अबु बकर अल बगदादी के हाथ पर बयत की है और आज से हम उनके अंसार हैं। हमारी अन्य तंजीमों से भी अपील है कि अगर वह कश्मीर में,दुनिया में इस्लाम का राज चाहते हैं तो खिलाफत उल मुसलमीन के अब बकर अल बगदादी के हाथ पर बयत करें।

इस बीच, कश्मीर में आतंकरोधी अभियानों में सक्रिय भूमिका निभा रहे एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि तहरीकुल मुजाहिदीन हो या आईएसआईएस या अल-कायदा या कोई और संगठन, हमारे लिए सभी एक समान आतंकी संगठन हैं। हमारा मकसद इनका सफाया है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.