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Kashmir: महबूबा ने हाइवे बंद आैर जमात पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ निकाली रोष रैली

पीडीपी कार्यकर्त्ता जमात ए इस्लामी पर पाबंदी हटानेक्रास एलओसी ट्रेड केा तुरंत बहाल करने और जेकेएलएफ चेयरमैन मोहम्मद यासीन मलिक की तत्काल रिहाई के हक में भी नारेबाजी की।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 01:33 PM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 01:33 PM (IST)
Kashmir: महबूबा ने हाइवे बंद आैर जमात पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ निकाली रोष रैली
Kashmir: महबूबा ने हाइवे बंद आैर जमात पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ निकाली रोष रैली

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को दक्षिण कश्मीर में हाइवें बंद के खिलाफ विरोध रैली निकाली। सुरक्षाबलों के काफिले के लिए सप्ताह में दो बार हाइवे को बंद किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए महबूबा ने कहा कि यह राेष रैली 31 मई तक प्रत्येक रविवार और बुधवार को निकाली जाएगी। सरकार का यह फैसला आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। हाईवे पर नागिरक वाहनों की आवाजाही पर रोक और जमात पर पाबंदी सही नहीं है।

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पुलवामा से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, यह रैली म्यूनिस्पल कमेटी कार्यालय से शुरु हुई और जिला उपायुक्त पुलवामा के कार्यालय के बाहर संपन्न हुई। रैली में पूर्व विधायक मोहम्मद खलील बंड और पूर्व विधायक एजाज मीर के अलावा पीडीपी की युवा इकाई के प्रधान वहीदुर्रहमान पारा भी मौजूद थे।

रैली में शामिल पीडीपी कार्यकर्त्ता जमात ए इस्लामी पर पाबंदी हटाने,क्रास एलओसी ट्रेड केा तुरंत बहाल करने और जेकेएलएफ चेयरमैन मोहम्मद यासीन मलिक की तत्काल रिहाई के हक में भी नारेबाजी कर रहे थे। महबूबा मुफती ने इस माैके पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हाईवे पर आम लोगों की पाबंदी, क्रास एलओसी ट्रेड को बंद किया जाना, नई दिल्ली की कश्मीरियों के प्रति मस्कुलर पालिसी का सुबूत है। इससे कश्मीर में हालात सुधरेंगे नहीं बिगड़ेंगे। यहां लोगों को राहत दिए जाने की जरुरत है,लेकिन नई दिल्ली खुद यहां लोगों में विमुखता को बढ़ा रही है। उन्होंने कह कि चुनावों में जीत के लिए नई दिल्ली में सत्तासीन भाजपा कश्मीर को एक हथियार की तरह इस्तेमालकर रही है।

उन्होंने जमात ए इस्लामी पर पाबंदी को तुरंत हटाने की मांग करते हुए कहा कि आप विचारों को कैद नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री थी तो उस समय भी केंद्र सरकार ने मुझ पर जमात को प्रतिबंधित करने का दबाव बनाया था। लेकिन मैने इंकार कर दिया था। हमने भाजपा के अागे झुकने के बजाय सरकार छोड़ना बेहतर समझा।


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