महबूबा मुफ्ती बोलीं, केवल अनपढ़ लोग ही करते हैं युद्ध की बात
Mehbooba Mufti. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि केवल अनपढ़ लोग ही युद्ध की बात करते हैं।
नई दिल्ली, एएनआइ। जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम व पीडीपी की सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद कहा है कि ऐसे समय में केवल अनपढ़ लोग ही युद्ध के बारे में बात कर सकते हैं। दोनों देश परमाणु शक्ति संपन्न हैं और जब उनके पास बातचीत का विकल्प है, तो मुझे नहीं लगता कि युद्ध का कोई सवाल उठता है।
इमरान खान को एक मौका मिलना चाहिए: महबूबा
पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती का कहना है कि बिना सुबूतों के पाकिस्तान को पुलवामा हमले के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को बातचीत के लिए आगे आना चाहिए। इमरान खान ने हाल ही में पाकिस्तान की कमान संभाली है। ऐसे में उन्हें एक मौका दिया जाना चाहिए।
सोशल साइट ट्विटर पर महबूबा ने लिखा कि पठानकोट हमले का डोजियर पाकिस्तान को दिया गया और उसने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। लेकिन यह समय की मांग है कि बातचीत हो। महबूबा ने लिखा कि युद्ध का व्याख्यान चुनावों को लेकर अधिक है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को कहा कि अगर भारत उन्हें सुबूत देता है तो पाकिस्तान कड़ी कार्रवाई करेगा। खान ने यह भी कहा वह इस क्षेत्र में शांति चाहते हैं। पाकिस्तान प्रधानमंत्री ने कहा कि वह जानते हैं कि भारत में चुनावी साल है और पाकिस्तान पर आरोप लगाकर आसानी से वोट हासिल किए जा सकते हैं। उन्हें उम्मीद है कि भारत समझेगा और बातचीत के लिए आगे आएगा।
महबूबा ने केंद्र को दी पाकिस्तान को छोड़ घर संभालने की सलाह
पुलवामा हमले से देश में उपजे हालात में कश्मीरियों की सुरक्षा के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला एक मंच पर आ गए हैं। सोमवार को कश्मीर केंद्रित पार्टियों पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस के नेताओं ने शांति के लिए संयुक्त अपील करने के साथ केंद्र से देश में कश्मीरियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया। दोनों नेता सोशल साइट ट्वीटर पर भी सक्रिय रहे। महबूबा ने ट्वीटर पर केंद्र को पाकिस्तान को छोड़ घर संभालने की सलाह देने के साथ लिखा कि लम्हों ने खता की सदियों ने सजा पाई।
उमर ने लिखा कि पाकिस्तान को अलग-थलग नहीं कर पाए तो कश्मीरियों को अलग थलग करने की कोशिश शुरू हो गई। ऐसे गुंडों के लिए कश्मीरियों और पाकिस्तानियों में कोई अंतर नहीं है। महबूबा, उमर ने कहा है कि धर्म और क्षेत्र के आधार पर बेगुनाह लोगों को निशाना बनाना सही नही है। यह जवानों के शहादत का सम्मान नहीं है। जवानों पर हमला कश्मीर या जम्मू के मुस्लिमों ने नहीं आतंकवादियों ने किया था। इस समय हिंसा हमें विभाजित करने के लिए हो रही है। इस समय आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है।