महबूबा ने सरकार को फिर घेरा, कहा-अगर कश्मीर में सब ठीक है तो जामिया मस्जिद में नमाज पढ़ने पर मनाही क्यों?
अंजुमन ने इस पर अपनी असमर्थता जताते हुए कहा कि नमाज ए ईद सुबह साढ़े नौ बजे से पहले आयोजित नहीं की जाएगी। इसके अलावा उसने नमाज के बाद किसी भी तरह के प्रदर्शन का आयोजन न करने का भी यकीन दिलाने से मना कर दिया है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने जामिया मस्जिद में नमाज ए ईद की अनुमति से इंकार करने पर प्रदेश प्रशासन की निंदा करते हुए कहा कि इससे साबित होता है कि जम्मू कश्मीर में हालात पूरी तरह अनुकूल,शांत व सुरक्षित होने का केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार का दावा पूरी तरह झूठ साबित होता है।
प्रदेश प्रशासन ने आतंकी और अलगाववादी तत्वों द्वारा मंगलवार को नमाज ए ईद के मौके पर एतिहासिक जामिया मस्जिद व उसके साथ सटे इलाकों में किसी बड़ी वारदात को अंजाम दिए जाने की आंशका के मद्देनजर अंजुमन ए जामिया मस्जिद से आग्रह किया है कि नमाज ए ईद का आयोजन सुबह सात बजे किया जाए।
अंजुमन ने इस पर अपनी असमर्थता जताते हुए कहा कि नमाज ए ईद सुबह साढ़े नौ बजे से पहले आयोजित नहीं की जाएगी। इसके अलावा उसने नमाज के बाद किसी भी तरह के प्रदर्शन का आयोजन न करने का भी यकीन दिलाने से मना कर दिया है। अंजुमन ने कहा कि वह राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनों और नारेबाजी करने वालों को नहीं रोक सकती।
अंजुमन ए जामिया मस्जिद के असहयोगात्मक रवैये और कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए प्रशासन ने साफ शब्दों में कहा है कि जामिया मस्जिद में सात बजे के बाद नमाज की अनुमति नहीं दी जा सकती। नौहट्टा स्थित जामिया मस्जिद के आस-पास का इलाका अलगाववादियों के समर्थकों का गढ़ माना जाता रहा है।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने जामिया मस्जिद में नमाज ए ईद की अनुमति न देने पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि जम्मू कश्मीर में में हालात सामान्य होने के भारत सरकार और जम्मू कश्मीर प्रदेश सरकार के दावे सिर्फ झूठ ही है। जम्मू कश्मीर में न सिर्फ लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हाे रहा है बल्कि उन्हें उनकी धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार से भी वंचित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि देश में सांपद्रायिक हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इस वर्ष ईद का त्यौहार ऐसे समय में आया है जब भारत में मुस्लिम अत्यंत मुश्किल हालात में हैं। मुस्लिमों केा सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक रूप से कमजोर बनाया जा रहा है,उनके प्रति सुनियाेजित तरीके से दुरूप्रचार किया जा रहा है, उन्हें हिंसा का निशाना बनाया जा रहा है।