मुख्यमंत्री महबूबा गोलाबारी नागरिकों की मौत पर जताई चिंता
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने जम्मू संभाग के सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तानी सै
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने जम्मू संभाग के सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तानी सैनिकों की गोलाबारी से लगातार हो रही नागरिकों की मौत पर पीड़ा और गहरी ¨चता जताई है। उन्होंने कहा भारत-पाक को आपसी शत्रुता तत्काल समाप्त कर, वर्ष 2003 में आपसी विश्वास बहाली के उपाय के तौर पर लागू की गई जंगबंदी को फिर से बहाल करना चाहिए।
बुधवार को उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा राज्य में घोषित इकतरफा रमजान सीजफायर का जिक्र करते हुए कहा कि समय आ गया है कि विश्वास बहाली के इस उपाय को सीमा पर भी विस्तार दिया जाए, लेकिन पाकिस्तान को इसका सकारात्मक जवाब देना होगा। जिससे पूरे इलाके में शांति व स्थिरता का माहौल रहे। सरहद के इलाकों में दोनों तरफ से गोलाबारी में फंसे निसहाय लोगों के जान-माल की सुरक्षा के लिए अमन बहुत जरुरी है।
मंगलवार रात जम्मू के सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तानी गोलाबारी में हुई नागरिक मौतों पर शोक जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा सरहद पर व्याप्त तनावपूर्ण हालात के चलते राज्य के सीमावर्ती इलाकों से लोगों का रोजाना पलायन, उनकी संपत्ति का तबाह होना और रोजाना लोगों का मरना अत्यंत पीड़ादायक है। आठ महीने के बच्चे के शरीर पर गोलियों के घावों के साथ की भयानक तस्वीरें शायद इस क्षेत्र में मानवता को हिलाकर रख देती हैं। इस रक्तपात को बंद किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 में शुरू हुई शांति प्रक्रिया ने पूरे क्षेत्र में नफरत व तनाव के इतिहास को पीछे छोड़ते हुए न सिर्फ करगिल से कठुआ तक जंगबंदी को यकीनी बनाया बल्कि क्रास एलओसी बस सेवा, क्रास एलओसी ट्रेड भी शुरू हुआ, दोनों तरफ से सीविल सोसाइटी, मीडिया, व्यापारियों और आम लोगों की आवाजाही व संवाद भी मजबूत हुआ। लोगों में जो मायूसी की भावना थी, उसकी जगह उनमें खुशहाली की उम्मीद की एक नई भावना पैदा हुई। लेकिन दुर्भाग्यवश बाद में आपसी बिश्वास बहाली के उपायों को और आगे ले जाने के बजाय रोकते हुए ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इसका दुष्परिणाम सभी के सामने है।